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सुकमा नक्सली हमले में सारण के मंतोष कुमार शहीद, पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

सारण के लाल ने देश के नाम अपनी जान कुर्बान कर दी. सीआरपीएफ के जवान (CRPF) मंतोष कुमार सिंह (Mantosh Kumar Singh) नक्सलियों (Naxalite Attack) के हमले में छत्तीसगढ़ के सुकमा में शहीद हो गए. शहीद जवान का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

सारण
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Published : Jul 31, 2021, 9:59 PM IST

सारण: बिहार के सारण जिले में सीआरपीएफ (CRPF) जवान मंतोष कुमार सिंह (Mantosh Kumar Singh) का पार्थिव शरीर शनिवार को गांव में पहुंचते ही पूरा गांव गमगीन हो गया. वहां पर उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गई. शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े. पूरा इलाका 'मंतोष कुमार अमर रहे' के नारों से गूंज उठा.

ये भी पढ़ें- 2010 छत्तीसगढ़ नक्सली हमला: बिहार के 6 सहित 76 जवान हुए थे शहीद, जानें आज भी क्या है उनके परिवार का दर्द?

दरअसल, शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले (Naxalite Attack) में मंतोष कुमार सिंह शहीद हो गए. उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया. पार्थिक शरीर के साथ आये सीआरपीएफ के जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी. मंतोष का पार्थिक शरीर पहुंचते ही पत्नी चितलेखा देवी, पिता मुसाफिर सिंह और परिवार के अन्य सदस्य चीत्कार मारकर रोने लगे. शहीद जवान का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

देखें वीडियो

शहीद जवान के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए तरैया, पानापुर, इसुआपुर, मसरख समेत आसपास के गांव के हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए. मौके पर मढ़ौरा डीएसपी इंद्रजीत बैठा, तरैया थानाध्यक्ष राजीव रंजन कुमार सिंह, विधानसभा सत्ता रूढ़ दल के उप मुख्य सचेतक सह तरैया विधायक जनक सिंह, बीजेपी नेता प्रियंका सिंह समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें- बिहार : शहीद एसएचओ अश्विनी कुमार और उनकी मां की एक साथ उठी अर्थी

बता दें कि गलीमापुर गांव निवासी मंतोष कुमार सिंह 2001 में सीआरपीएफ जवान के रूप में भर्ती हुए थे. उनकी शादी साल 2002 में हुई थी. उनका 15 वर्षीय बेटा शुभम कुमार और 13 वर्षीय बेटी छवि कुमारी है.

सारण: बिहार के सारण जिले में सीआरपीएफ (CRPF) जवान मंतोष कुमार सिंह (Mantosh Kumar Singh) का पार्थिव शरीर शनिवार को गांव में पहुंचते ही पूरा गांव गमगीन हो गया. वहां पर उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गई. शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े. पूरा इलाका 'मंतोष कुमार अमर रहे' के नारों से गूंज उठा.

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दरअसल, शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले (Naxalite Attack) में मंतोष कुमार सिंह शहीद हो गए. उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया. पार्थिक शरीर के साथ आये सीआरपीएफ के जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी. मंतोष का पार्थिक शरीर पहुंचते ही पत्नी चितलेखा देवी, पिता मुसाफिर सिंह और परिवार के अन्य सदस्य चीत्कार मारकर रोने लगे. शहीद जवान का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

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शहीद जवान के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए तरैया, पानापुर, इसुआपुर, मसरख समेत आसपास के गांव के हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए. मौके पर मढ़ौरा डीएसपी इंद्रजीत बैठा, तरैया थानाध्यक्ष राजीव रंजन कुमार सिंह, विधानसभा सत्ता रूढ़ दल के उप मुख्य सचेतक सह तरैया विधायक जनक सिंह, बीजेपी नेता प्रियंका सिंह समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे.

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बता दें कि गलीमापुर गांव निवासी मंतोष कुमार सिंह 2001 में सीआरपीएफ जवान के रूप में भर्ती हुए थे. उनकी शादी साल 2002 में हुई थी. उनका 15 वर्षीय बेटा शुभम कुमार और 13 वर्षीय बेटी छवि कुमारी है.

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