सारणः बिहार के छपरा के मढ़ौरा थाना क्षेत्र (Marhaura Police Station) के नौतन इलाके में एक व्यक्ति (Man Suspicious Death In Chapra) की संदिग्ध मौत हो गई है. हालांकि कुछ स्थानीय लोग इसे जहरीली शराब पीने से मौत का मामला बता रहे हैं, लेकिन इस बात की अधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है कि उसकी मौत शराब पीने से हुई है या हार्ट अटैक से. सूत्रों के मुताबिक मृत व्यक्ति त्रिभुवन प्रसाद शराब सप्लाई करने के मामले में एक दो बार जेल भी जा चुका है और बीती रात उसकी तबीयत अचानक खराब हुई. तब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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जांच में जुटी मढ़ौरा थाना पुलिसः घटना की जानकारी मिलने के बाद मढ़ौरा थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंच चुकी है, पूरी घटना की जांच की जा रही है. घर वाले त्रिभुवन प्रसाद की हार्ट अटैक से मौत की बात कह रहे हैं. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे पटना रेफर कर दिया गया था. लेकिन पटना जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई. फिलहाल पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया है और आगे की कार्रवाई जारी है. पुलसि का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
"व्यक्ति पहले से शराब सप्लाई किया करता था. इस मामले में एक दो बार जेल भी जा चुका है. कल अचानक इसकी तबीयत बिगड़ गई. डॉक्टर के पास ले जाया गया. बाद में पटना रेफर कर दिया गया था. लेकिन वहां जाने पहले ही इसकी मौत हो गई. ऐसा लगता है शराब पीने से ही मौत हुई होगी"- स्थानीय ग्रामीण
जहरीली शराब से हो चुकी है कई मौतः गौरतलब है कि सारण जिले में कई अलग-अलग जगहों पर पिछले 6 महीने के अंदर लगभग दो दर्जन से ज्यादा व्यक्तियों कि जहरीली शराब से मौत हो चुकी है. लगभग दर्जनों लोग इस जहरीली शराब पीकर बीमार पड़े हैं और कई लोगों की आंखों की रोशनी भी जा चुकी है. कई मामले ऐसे भी हैं जिसमें इस बात की पुष्टि नहीं हो पाती कि आखिर ये मौतें जहरीली शराब से हुई है या किसी अन्य कारण से, एक बार फिर जिले में जहरीली शराब से मौत हुई है, लेकिन इसकी पुष्टी अब तक नहीं हुई है.
बिहार में शराबबंदी कानून लागू : बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के बावजूद भी बिहार में शराबबंदी कानून पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रहा है. इस कारण से जहरीली शराब से लगातार बिहार के विभिन्न जिलों में लोगों की मौत हो रही है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जहरीली शराब से हो रही मौत का जिम्मेदार कौन है. क्या वह शराब माफिया जो जहरीली शराब बेच रहे हैं या वह प्रशासन जिनकी मिलीभगत से शराब जिलों में बेची जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जहरीली शराब से मौत का जिम्मेदार सिर्फ चौकीदार या थाना प्रभारी कैसे हो सकता है.
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