छपरा: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं द्वारा वर्ष 2001 में छपरा के थाना चौक जाम करने और सड़क पर धरना प्रदर्शन को लेकर वर्तमान भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल (BJP MP Janardan Singh Sigriwal) समेत 68 अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस ने नामजद प्राथमिकी दर्ज की थी. जिसमें न्यायालय ने 29 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. शेष अभियुक्तों का रिकॉर्ड अलग कर दिया. इसके साथ ही जलालपुर थाना कांड संख्या 55 /2001 के विचारण वाद संख्या 2/22, जिसमें केवल महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और श्रीराम उपाध्याय ही अभियुक्त थे. इस मामले में भी न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में दोनों लोगों को बरी कर दिया.
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महराजगंज सांसद पूर्व के मामले में हुए बरी: बताया जाता है कि जलालपुर थाना के कन्हैया सिंह तूफानी ने जलालपुर चौक पर निर्माणाधीन स्वर्गीय महेंद्र स्मारक के पेडेस्टोल तोड़ने का आरोप जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और श्रीराम उपाध्याय पर लगाया था. दोनों मामलों की सुनवाई विशेष न्यायिक दंडाधिकारी एमपी-एमएलए न्यायालय सह एसीजेएम प्रथम सह सब जज प्रथम रणधीर कुमार के न्यायालय में हुई.
सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे सभी नेता: सुनवाई के दौरान महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, तरैया के विधायक जनक सिंह, गरखा के पूर्व विधायक ज्ञानचंद्र मांझी, झरीमन राय, महामंत्री रंजीत सिंह समेत भाजपा नेता उपेन्द्र सिंह और एनडीए के दर्जनों पूर्व और वर्तमान पदाधिकारी उपस्थित थे. अभियोजन की ओर से अभियोजन पदाधिकारी अजीत कुमार सिन्हा ने न्यायालय में सरकार का पक्ष रखा और बचाव पक्षों की ओर से वरीय अधिवक्ता सुभाष चंद श्रीवास्तव, गंगोत्री प्रसाद, नीरज नयन, पवन कुमार श्रीवास्तव, प्रकाश रंजन श्रीवास्तव सहित दर्जनों अधिवक्ता उपस्थित थे.
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