छपरा: जिले के मढ़ौरा में तरैया स्थित शुगर मिल की जमीन को फर्जी कागजात के सहारे खरीद-फरोख्त की जा रही है. सरकारी जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर अवैध तरीके से कब्जा करने का गोरखधंधा चल रहा है. इस अवैध काम में दूसरे जिले के भू-माफिया भी सक्रिय हैं. इसके कारण स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश है.
तरैया प्रखंड मुख्यालय स्थित रामकोला गांव में स्थित है कानपुर शुगर मिल. यहां मिल की लगभग 260 एकड़ जमीन है. इस पर तरैया और पानापुर के दर्जनों भू-माफिया सैकड़ों वर्ष पूर्व जाली कागजात बनाकर कब्जा कर रहे हैं. बंजर पड़ चुकी इस जमीन पर भू-माफियाओं ने कृषि योग्य बनाने की कोशिश की थी. हालांकि उस दौरान स्थानीय ग्रामीणों के विरोध देख भू-माफिया भाग खड़े हुए थे. इस मामले में स्थानीय लोगों ने थाना और अंचल पदाधिकारी को लिखित शिकायत भी की थी. लोगों ने क्षेत्रीय विधायक को भी इस मामले से अवगत कराया.
भविष्य में बढ़ सकता है संघर्ष
स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि इस जमीन को लेकर सरकार को कुछ कदम उठाना चाहिए. जमीन को लेकर लोगों में वाद-विवाद चल रहा है. कब्जा कर रहे लोगों को ग्रामीणों ने भगा दिया था. लेकिन भविष्य में इसको रोका नहीं गया तो खूनी संघर्ष भी हो सकता है.
दूसरे जिले के भू-माफिया भी हैं सक्रिय
इस मामले को स्थानीय राजद विधायक मुंद्रिका प्रसाद राय विधानसभा सत्र में उठा चुके हैं. सदन में मामला उठने के बाद स्थानीय प्रशासन कुंभकर्णी निद्रा से जागी है. हालांकि स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि यहां के भू-माफियाओं का सांठ-गांठ गोपालगंज के भू माफियाओं से है. कानपुर शुगर मिल का लगभग आधे से ज्यादा जमीन को भू-माफिया ने अपने कब्जे में कर लिया है. माफिया ने जमीन पर अवैध कब्जा अपने पूर्वजों के नाम पर फर्जी दस्तावेज के आधार की है. वहीं राजद विधायक मुंद्रिका प्रसाद राय ने इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा कर फिर से चीनी मिल स्थापित करने की मांग की है.
शुगर मिल पर पावर ग्रिड और इंटर महाविद्यालय का निर्माण
हालांकि अभी भी उक्त जमीन पर दबंग भू मीफिया अवैध तरीके से खेती कर रहे हैं. वहीं सरकार के अधीनस्थ अधिकारी भी पीछे नहीं हैं. कानपुर मिल की जमीन पर अवैध रूप से इंटर महाविद्यालय और बिजली विभाग के पावर ग्रिड का निर्माण कराया गया है. वहीं ई-किसान भवन अभी निर्माणाधीन है. राज्य सरकार के कृषि विभाग की ओर से प्रस्तावित कृषि अनुसंधान केन्द्र के लिए लगभग 24 एकड़ जमीन अधिग्रहण भी की गयी है, जिस पर निर्माण कराना बाकी है. इससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश दिख रहा है.
1997 से बंद पड़ी है शुगर मिल
मालूम हो कि तरैया के रामकोला गांव में कानपुर शुगर मिल का 260 एकड़ जमीन है. जिसमें पहले ईख की खेती होती थी. कानपुर शुगर मिल किसी कारणवश 1997 में बंद हो गई. तब से यह जमीन बंजर बनी हुई है. अंचल कार्यालय के अभिलेख में यह जमीन कानपुर शुगर वर्क्स कम्पनी लिमिटेड रामकोला स्टेट के नाम पर है.