छपरा: बिहार के छपरा के मशरख और ईसुआपुर में जहरीली शराब पीने से अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान मशरख पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें ढाढ़स बंधाया. इस दौरान चिराग पासवान ने कहा कि हम इसे मौत नहीं बल्कि हत्या कहेंगे क्योंकि जहर देकर किसी को मारने को हत्या ही कहा जाता है. चिराग पासवान ने बिहार सरकार से मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की है. (Chirag Paswan met victims of Chapra liquor case) (Chapra Hooch Tragedy)
ये भी पढ़ें - Chapra Hooch Tragedy: नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, अब तक 73 मौतें.. SC में याचिका दायर
'150 लोगों की हत्या हुई है': चिराग पासवान ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार सरकार के दबाव पर प्रशासन ने मौत के आंकड़ों को छुपाने की कोशिश की है. कम से कम 150 लोगों की हत्या हुई है. जिस तरह से प्रशासन द्वारा दबाव बनाकर जल्द से जल्द उनका दाह संस्कार करवाया गया है ताकि पोस्टमार्टम ना हो सके, यह सही नहीं है. मृतक के परिजनों का कहना है कि बॉडी अस्पताल से ले जाने के लिए पैसे देने पड़े हैं. ये जीता जागता उदाहरण है कि बिहार सरकार कैसे काम कर रही है. सीएम ने विधानसभा में खड़े होकर कहा था जो पिएगा वह मरेगा. तो क्या जो पिलाएगा वो मौज करेगा. उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है.
"बिहार सरकार जानबूझकर पिछड़े, अतिपिछड़े और दलित समाज के लोगों को टारगेट कर शराबबंदी कानून के तहत जेल में बंद कर दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि शराब पीने वालों से कोई हमदर्दी नहीं हैं. ऐसे में कहीं ना कहीं नीतीश कुमार की सरकार के द्वारा शराब बेचने वाले लोगों को संरक्षण दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुआवजा नहीं देने की बात कही है. मैं पूछना चाहूंगा कि क्या उनके परिवार का कोई सदस्य मरता है तो उन्हें मुआवजा नहीं देंगे."- चिराग पासवान, जमुई सांसद
'नीतीश कुमार को उनका अहंकार ले डूबेगा': उन्होंने आगे कहा कि जहरीली शराब से वैसे सदस्यों की मौत हुई है जो कमाकर खिलाते थे. अब तो वह नहीं रहे तो ऐसे में उनके परिवार को ध्यान कौन रखेगा. नीतीश कुमार को उनका अहंकार ले डूबेगा. चिराग पासवान ने शराब को संरक्षण देने का आरोप नीतीश कुमार पर लगाया है. साथ ही कहा कि प्रशासन की आड़ में जहरीली शराब की बिक्री हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.
जहरीली शराब पीने से मचा मौत का तांडवः गौरतलब है कि सारण में जहरीली शराब पीने से मौत का तांडव मचा हुआ है. यहां हर रोज जहरीली शराब से सेवन करने वाले लोगों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. अबतक 73 लोगों की मौत पिछले तीन दिनों में हो चुकी है. वहीं शराब से मौत मामले को लेकर सूबे की सियासत भी गरमायी हुई है. विधानसभा में इस मामले को लेकर जमकर हंगामा मचा हुआ है. बता दें कि, इतनी जल्दी इस तरह के आदेश जारी करने किए पीछे का मुख्य कारण सारण जिले के मशरक थाने में जब्त करके रखे गये स्पिरिट के गायब होने और इसी स्पिरिट से शराब बनने का आरोप है. हालांकि, इस गंभीर आरोप की जांच अभी जारी है, लेकिन इसे एक बड़ा पॉइंट मानते हुए मद्य निषेध विभाग ने भविष्य के लिए ये बड़ा कदम उठाया है कि थानों में रखे स्पिरिट नष्ट किये जाएंगे.