सारण(छपरा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोगों से आत्मनिर्भर बनने की अपील का पालन सारण में लोग कर रहे हैं. यहां के किसान रोजगार लेने वाले नहीं बल्कि देने वाले बन रहे हैं. दरअसल यहां कंट्रोल प्लांट मशरूम से सालों भर मुनाफा कमाया जा रहा है. साथ ही लोगों को राजगार भी मिल रहा है.
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मशरूम की खेती से मुनाफा
डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विद्यालय पूसा समस्तीपुर में पेपर के माध्यम से वैज्ञानिक डॉ दया राम से प्रेरणा लेकर और उनके द्वारा प्रशिक्षित होकर 2019 के अक्टूबर से किसान अजय इसका खेती कर रहे हैं. जिससे महीने का लगभग चार लाख रुपया कमा रहे हैं और यहां पर करीब 40 किसानों को रोजगार भी दिया है.
महज 40 दिन में मशरूम होता है तैयार
सबसे बड़ी बात है कि मशरुम की फसल तैयार करने में सिर्फ 40 दिन का समय लगता है. वहीं अभी फिलहाल यह फुलवरिया के एक खेत में दो एकड़ में लगाया गया है. जिसकी तकरीबन लागत 2,50 करोड़ बैंक से कर्ज लेकर शुरु किया गया है. अभी फिलहाल यह बिहार के अलग अलग जिले एवं झारखंड, असम, बंगाल,उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यो में भेजा जा रहा है.