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सारणः RTI के तहत शिकायत पर प्रभारी प्राचार्य ने नहीं दी पूरी जानकारी, कारण पूछने पर हुई बोलती बंद - छपरा की खबर

जिले में आरटीआई के तहत शिकायतकर्ता से 1446 रुपये लेने के बावजूद साक्ष्य को छुपाते हुए आधी अधूरी सूचना उपलब्ध कराने की बात सामने आई है. मामला छात्रों को मिलने वाली राशि में गड़बड़ी का है.

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Published : Aug 17, 2019, 9:33 AM IST

सारणः कांग्रेस सरकार ने 2005 में देश की आम जनता को सबसे बड़ा हथियार सूचना का अधिकार दिया था. लेकिन आम आदमी को किसी भी मामले की सूचना देने में संबंधित अधिकारी लेट लतीफी करते रहे हैं. सूचना देने में कोताही करने का ताजा मामला सारण जिले के शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है. जहां छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, पोशाक योजना और मध्यान भोजन योजना में हुई गड़बड़ी के बाद शिकायतकर्ता को अब तक पूरी जानकारी आरटीआई विभाग ने नहीं दी.

virend kumar
वीरेन्द्र कुमार सिंह, शिकायतकर्ता

छात्रों को मिलने वाली राशि में गड़बड़ी
दरअसल प्राथमिक विद्यालय, पुछरी मठियां के प्रभारी प्राचार्य राजीव कुमार पाण्डेय पर आरोप है कि विद्यालय में व्यापक पैमाने पर छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, पोशाक योजना, मध्यान भोजन योजना में वितीय वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक छात्रों की उपस्थिति मनमाने तरीके से करवा कर राशि का उठाव कर लिया गया. बाद में बनियापुर थाना क्षेत्र के भटकेशरी गांव निवासी वीरेन्द्र कुमार सिंह ने आरटीआई के तहत शिक्षा विभाग और प्रभारी प्राचार्य से इसकी जानकारी मांगी.

principal
राजीव कुमार पाण्डेय, प्रभारी प्रधानाध्यापक

शिक्षा विभाग ने दी आधी अधूरी सूचना
इससे संबंधित सूचना 27 जून 2018 को मांगी गई थी. जिसके एवज में जूलाई 2018 को 2 रुपये प्रति छायाप्रति के दर से 1446 रुपये का मनीऑर्डर के साथ 73 रुपये डाक खर्च सहित कुल 1519 रुपये शिकायतकर्ता के जरिए भेजा गया. लेकिन संबंधित जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को ताक पर रखते हुए एक साल के बाद 24 जुलाई 2019 को आधी अधूरी सूचना शिक्षा विभाग के जरिए उपलब्ध कराई गई है. जो कि नियमानुकूल सही नहीं है.

शिकायतकर्ता से बात करते हुए पत्रकार

आग बबूला हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक
वहीं, इस संबंध में प्राथमिक विद्यालय पुछरी मठिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव कुमार पाण्डेय ने कहा कि ऐसी कोई भी जानकारी हमने नहीं छुपाई है. साथ ही किसी तरह फर्जीवारा उक्त विद्यालय में नहीं हुआ है. संबंधित सूचना उपलब्ध कराने के लिए शिकायतकर्ता से 1446 रुपये लेने के बावजूद साक्ष्य को छुपाते हुए आधी अधूरी सूचना उपलब्ध कराने की बात पुछे जाने पर उनकी बोलती बंद हो गई और आग बबूला हो गए.

राज्य सूचना आयोग में की गई शिकायत
बता दें कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत यह अधिकार मिला था कि किसी भी तरह की कोई जानकारी अगर कोई व्यक्ति या विभाग मांगता है तो, समय रहते उन्हें सूचना उपलब्ध करानी है. लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी प्रथम या द्वितीय अपील तक कोई जानकारी नहीं देते हैं. जबकि तृतीय अपील के रूप में शिकायतकर्ता राज्य सूचना आयोग पहुंचता है. तब सूचना उपलब्ध कराई जाती है, क्योंकि राज्य सूचना आयोग को सूचना नहीं मिलने की स्थिति में 25000 रुपये आर्थिक दंड के रूप में देना पड़ता है. इसी डर से संबंधित जानकारी राज्य सूचना आयोग को उपलब्ध करायी जाती है.

सारणः कांग्रेस सरकार ने 2005 में देश की आम जनता को सबसे बड़ा हथियार सूचना का अधिकार दिया था. लेकिन आम आदमी को किसी भी मामले की सूचना देने में संबंधित अधिकारी लेट लतीफी करते रहे हैं. सूचना देने में कोताही करने का ताजा मामला सारण जिले के शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है. जहां छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, पोशाक योजना और मध्यान भोजन योजना में हुई गड़बड़ी के बाद शिकायतकर्ता को अब तक पूरी जानकारी आरटीआई विभाग ने नहीं दी.

virend kumar
वीरेन्द्र कुमार सिंह, शिकायतकर्ता

छात्रों को मिलने वाली राशि में गड़बड़ी
दरअसल प्राथमिक विद्यालय, पुछरी मठियां के प्रभारी प्राचार्य राजीव कुमार पाण्डेय पर आरोप है कि विद्यालय में व्यापक पैमाने पर छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, पोशाक योजना, मध्यान भोजन योजना में वितीय वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक छात्रों की उपस्थिति मनमाने तरीके से करवा कर राशि का उठाव कर लिया गया. बाद में बनियापुर थाना क्षेत्र के भटकेशरी गांव निवासी वीरेन्द्र कुमार सिंह ने आरटीआई के तहत शिक्षा विभाग और प्रभारी प्राचार्य से इसकी जानकारी मांगी.

principal
राजीव कुमार पाण्डेय, प्रभारी प्रधानाध्यापक

शिक्षा विभाग ने दी आधी अधूरी सूचना
इससे संबंधित सूचना 27 जून 2018 को मांगी गई थी. जिसके एवज में जूलाई 2018 को 2 रुपये प्रति छायाप्रति के दर से 1446 रुपये का मनीऑर्डर के साथ 73 रुपये डाक खर्च सहित कुल 1519 रुपये शिकायतकर्ता के जरिए भेजा गया. लेकिन संबंधित जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को ताक पर रखते हुए एक साल के बाद 24 जुलाई 2019 को आधी अधूरी सूचना शिक्षा विभाग के जरिए उपलब्ध कराई गई है. जो कि नियमानुकूल सही नहीं है.

शिकायतकर्ता से बात करते हुए पत्रकार

आग बबूला हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक
वहीं, इस संबंध में प्राथमिक विद्यालय पुछरी मठिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव कुमार पाण्डेय ने कहा कि ऐसी कोई भी जानकारी हमने नहीं छुपाई है. साथ ही किसी तरह फर्जीवारा उक्त विद्यालय में नहीं हुआ है. संबंधित सूचना उपलब्ध कराने के लिए शिकायतकर्ता से 1446 रुपये लेने के बावजूद साक्ष्य को छुपाते हुए आधी अधूरी सूचना उपलब्ध कराने की बात पुछे जाने पर उनकी बोलती बंद हो गई और आग बबूला हो गए.

राज्य सूचना आयोग में की गई शिकायत
बता दें कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत यह अधिकार मिला था कि किसी भी तरह की कोई जानकारी अगर कोई व्यक्ति या विभाग मांगता है तो, समय रहते उन्हें सूचना उपलब्ध करानी है. लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी प्रथम या द्वितीय अपील तक कोई जानकारी नहीं देते हैं. जबकि तृतीय अपील के रूप में शिकायतकर्ता राज्य सूचना आयोग पहुंचता है. तब सूचना उपलब्ध कराई जाती है, क्योंकि राज्य सूचना आयोग को सूचना नहीं मिलने की स्थिति में 25000 रुपये आर्थिक दंड के रूप में देना पड़ता है. इसी डर से संबंधित जानकारी राज्य सूचना आयोग को उपलब्ध करायी जाती है.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
SLUG:-RTI SE ADHI ADHURI MILI JANKARI
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-निर्वतमान केन्द्र सरकार के द्वारा देश के आम जनता को सबसे बड़ा हथियार सूचना का अधिकार दिया था लेकिन उसको अमली जामा पहनाने में संबंधित अधिकारी सुचना देने में लेट लतीफी कर रहे हैं क्योंकि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत यह अधिकार मिला था कि सूचना देने योग्य विभाग, संस्थान या व्यक्तिगत तौर पर किसी भी तरह की कोई जानकारी मांगता है तो ससमय उन्हे सूचना उपलब्ध कराना है लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी प्रथम या द्वितीय अपील तक कोई जानकारी नही देते हैं जबकि तृतीय अपील के रूप में शिकायतकर्ता राज्य सूचना आयोग पहुंचता है तब सूचना उपलब्ध कराई जाती है क्योंकि राज्य सूचना आयोग को सूचना नही मिलने की स्थिति में 25000 रूपये आर्थिक दंड के रूप में लगाये जाने के डर से संबंधित जानकारी राज्य सूचना आयोग को उपलब्ध करायी जाती है.


Body:इसी तरह का एक मामला सारण जिले के शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है। बनियापुर थाना क्षेत्र के भटकेशरी गांव निवासी विरेन्द्र कुमार सिंह नें स्थानीय हंसराजपुर बाजार स्थित प्राथमिक विद्यालय, पुछरी मठियां के प्रभारी प्राचार्य राजीव कुमार पाण्डेय से विद्यालय में व्यापक पैमाने पर छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति घोटाला, पोशाक योजना, मध्यान भोजन योजना में वितीय वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक छात्रो की उपस्थिति मनमाने तरीके से बनाकर एवं फर्जी तरीके से छात्रों का हस्ताक्षर कर उपरोक्त राशि का उठाव कर लिया है जिससे संबंधित सूचना 27 जून 2018 को मांगी गई थी जिसके एवज में जूलाई 2018 को ही 2 रूपये प्रति छायाप्रति के दर से 1446 रूपये का मनीऑर्डर के साथ 73 रूपये डाक खर्च सहित कुल 1519 रूपये शिकायतकर्ता के द्वारा भेजा गया लेकिन संबंधित जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को ताक पर रखते हुए एक वर्ष के बाद 24 जुलाई 2019 को आधी अधूरी सूचना उपलब्ध कराई गई है जो कि नियमानुकूल सही नही है.

Byte:-वॉक थ्रू
बीरेंद्र कुमार सिंह, शिकायतकर्ता
धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी





Conclusion:वही इस संबंध में ईटीवी भारत से प्राथमिक विद्यालय पुछरी मठिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव कुमार पाण्डेय ने कहा कि ऐसी कोई भी जानकारी भी मेरे द्वारा छुपाई नही गई है साथ ही किसी तरह फर्जीवारा उक्त विद्यालय में नही हुआ है संबंधित सूचना उपलब्ध कराने के लिए शिकायतकर्ता से 1446 रूपये लेने के बावजूद साक्ष्य को छुपाते हुए आधी अधूरी सूचना उपलब्ध कराने की बात पुछे जाने पर उनकी बोलती बंद हो गई व आग बबूला हो गए.

Byte:-राजीव कुमार पाण्डेय, प्रभारी प्रधानाध्यापक
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