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डॉक्टर्स डे: इस संस्थान में आज भी होता है गरीबों का मुफ्त इलाज

रामकृष्ण मिशन आश्रम में गरीबों का आज भी मुफ्त इलाज किया जाता है. इस संस्थान में शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक इलाज करने के लिए आते हैं.

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Published : Jul 1, 2019, 6:49 PM IST

छपरा

छपरा: इस धरती में भगवान का रूप डॉक्टर को ही कहा जाता है. वो लोगों की जिंदगियां को बीमारियों से बचाते हैं. आज डॉक्टर-डे है. डॉ. बिधानचंद्र राय के जन्मदिन के मौके पर इसे पूरे देश में मनाया जाता है. जिले में एक ऐसा संस्थान है जो आज भी गरीबों की मुफ्त में इलाज कर रहा है.

शहर में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में गरीबों की मुफ्त इलाज होती है. इसकी स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी. यहां प्रतिदिन 200 मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. इसके साथ ही संस्थान मुफ्त में दवा भी उपलब्ध कराता है. यहां गरीबों के लिए मुफ्त में जांच भी होता है. इस संस्थान में शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक इलाज करने के लिए आते हैं.

शहर में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम

'मुफ्त में इलाज कर संतुष्टि मिलती है'
मरीजों ने बताया कि यहां डॉक्टर मुफ्त में इलाज करते हैं. बाहर इलाज कराने में हम लोगों की बहुत पैसा खर्च होता है. इस संस्थान से हमलोगों को बहुत राहत है. वहीं, यहां इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि मुफ्त में इलाज कर हमलोगों को बहुत संतुष्टि मिलती है. यहां के इलाज से सभी मरीज संतुष्ट होकर घर जाते हैं.

डॉ. बिधानचंद्र राय के याद में मनाते हैं डॉक्टर-डे
बता दें कि डॉ. बिधानचंद्र राय की याद में 1991 से डॉक्टर-डे मनाया जाता है. उनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में 1 जुलाई 1882 को हुआ था. उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में भारत रत्न मिला है. वो एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे. उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों की खूब सेवा की. 1 जुलाई, 1962 को 80 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.

छपरा: इस धरती में भगवान का रूप डॉक्टर को ही कहा जाता है. वो लोगों की जिंदगियां को बीमारियों से बचाते हैं. आज डॉक्टर-डे है. डॉ. बिधानचंद्र राय के जन्मदिन के मौके पर इसे पूरे देश में मनाया जाता है. जिले में एक ऐसा संस्थान है जो आज भी गरीबों की मुफ्त में इलाज कर रहा है.

शहर में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में गरीबों की मुफ्त इलाज होती है. इसकी स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी. यहां प्रतिदिन 200 मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. इसके साथ ही संस्थान मुफ्त में दवा भी उपलब्ध कराता है. यहां गरीबों के लिए मुफ्त में जांच भी होता है. इस संस्थान में शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक इलाज करने के लिए आते हैं.

शहर में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम

'मुफ्त में इलाज कर संतुष्टि मिलती है'
मरीजों ने बताया कि यहां डॉक्टर मुफ्त में इलाज करते हैं. बाहर इलाज कराने में हम लोगों की बहुत पैसा खर्च होता है. इस संस्थान से हमलोगों को बहुत राहत है. वहीं, यहां इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि मुफ्त में इलाज कर हमलोगों को बहुत संतुष्टि मिलती है. यहां के इलाज से सभी मरीज संतुष्ट होकर घर जाते हैं.

डॉ. बिधानचंद्र राय के याद में मनाते हैं डॉक्टर-डे
बता दें कि डॉ. बिधानचंद्र राय की याद में 1991 से डॉक्टर-डे मनाया जाता है. उनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में 1 जुलाई 1882 को हुआ था. उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में भारत रत्न मिला है. वो एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे. उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों की खूब सेवा की. 1 जुलाई, 1962 को 80 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
MOJO KIT NUMBER:-577
SLUG:-DOCTOR'S DAY SPECIAL
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/SARAN/BIHAR

Anchor:-आज डॉक्टर्स डे हैं लेकिन किसी को पता नही है कि आखिर यह मनाया क्यों जाता हैं और किसके लिए यह समर्पित हैं। भारत के पहला व बिहार के पटना में जन्में डॉ विधानचंद्र राय जो बाद के दिनों में पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को पूरा किया था।

डॉ विधानचंद्र राय भारत के जाने माने चिकित्सक थे जो मरीज़ को देख कर ही उसका इलाज करते थे और नब्ज़ से ही बीमारियों का पता लगा लेते थे। उन्ही की याद में वर्ष 1991 से डॉक्टर्स डे मनाया जाता है।


Body:प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के छपरा शहर स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में स्वामी अद्भुतानंद सेवायन कि स्थापना वर्ष 2003 में कई गई थी। इस सेवायन के माध्यम से प्रतिदिन लगभग दो सौ मरीज़ों के उपचार किया जाता हैं साथ ही मुफ्त में दवा भी उपलब्ध कराया जाता हैं।

ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य का सेवा करना ही परमकर्तव्य माना जाता हैं नर में नारायण का अनुभव करना व शिव भाव से जीव सेवा करना ही इस सेवा केंद्र का सहज योग हैं।

सेवा के प्रति त्याग व समर्पण की भावना ही इस सेवा केंद्र का मुख्य उद्देश्य हैं यहां आने वाले मरीजों को किसी तरह की कोई असुविधा नही होती हैं क्योंकि ईलाज के बाद मुफ्त में दवा दी जाती हैं चाहे वह गरीब हो या अमीर जो आया वही मरीज हैं।

शहर के जाने माने प्रसिद्ध चिकित्सको की लगभग 80 के आसपास है जिसमें प्रतिदिन लगभग 20 से 30 चिकित्सक मरीज़ो को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।

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Conclusion:भारत में डॉक्टर्स डे की शुरुआत वर्ष 1991 से की गई हैं जो भारत के पौराणिक चिकित्सक के रूप में स्थापित व पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ विधानचंद्र राय के सम्मान में भारत सरकार द्वारा घोषणा की गई थी जिसे आज पूरे देश में मनाया जाता हैं।

मालूम हों की इनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में 01 जुलाई 1882 को हुआ था जबकि इनकी मृत्यु 01 जुलाई 1962 में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुई थी।

इन्होंने कलकत्ता से मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1911 में लंदन से MRCP व FRCP की डिग्री हासिल किया था और अपने स्वदेश लौटने पर एक चिकित्सक के रूप में अपनी छवि बनाई जो आज भी सबके दिल व दिमाग में बैठी हुई हैं।

इतना ही नही बल्कि देश का पहला भारत रत्न से सम्मानित होने का गौरव भी प्राप्त है देश के एक सुप्रसिद्ध चिकित्सक, प्रसिद्ध शिक्षाविद व एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे इनकी मृत्यु के बाद वर्ष 1976 से इनकी याद में डॉ बीसी राय रास्ट्रीय पुरस्कार देने की शुभारंभ भी की गई हैं जो आज भी कोलकाता में दी जाती हैं।
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