सारण: बिहार में बाढ़ का प्रलय अभी थमा नहीं है. गंडक नदी का पानी लगातार नये इलाके में प्रवेश कर रहा है. सबसे बदतर स्थिति जिले के मकेर प्रखंड में की है. लोग अपनी जान बचाने के लिए अपने पशु और जरूरत के सामान के साथ लगातार ऊंचे जगह की ओर पलायन कर रहे हैं.
![सड़क किनारे रहने को मजबूर बाढ़ पीड़ित](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/br-sar-04-outrage-among-village_02082020194407_0208f_01952_991.jpg)
राहत और बचाव के लिए इलाके में एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया है. लेकिन ग्रामीण उससे भी संतुष्ट नजर नहीं आए. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन हमलोगों का रेस्क्यू कराने की बजाय एनडीआरएफ की टीम से चुड़ा और गुड़ का वितरण करवा रहा है. रेसक्यू के लिए एक भी टीम को नहीं लगाया गया है.
![बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण करती हुई एनडीआरएफ की टीम](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/br-sar-04-outrage-among-village_02082020194407_0208f_01952_1005.jpg)
'संक्रमण और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहे ग्रामीण'
स्थानीय लोगों ने बताया कि हमलोग प्रलयंकारी बाढ़ की विभीषिका को झेल रहे हैं. स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होते जा रही है. यहां गांवों से लेकर प्रखंड मुख्यालय के अस्पताल पर सरकारी दफ्तर सब जलमग्न हैं.
इस बार बाढ़ 2001 और साल 2017 में आयी बाढ़ से कहीं ज्यादा है. ग्रामीण विषमटिया देवी, अमलेश कुमार और नवल कुमार ने बताया कि हमलोग बाढ़ के साथ-साथ कोरोना संक्रमण के खतरे के साये में जिने को मजबूर हैं.कोई हमलोगों की सुध नहीं ले रहा है. मशरख, तरैया अमनौर, मकेर प्रखंड के दर्जोनों गांव बाढ़ के पानी में जलमग्न हो चुके हैं.
![मदद की इंतजार में खड़ी महिला](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/br-sar-04-outrage-among-village_02082020194407_0208f_01952_798.jpg)
जिला प्रशासन पर लगाया अनदेखी का आरोप
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप भी लगाया. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि राहत-बचाव के नाम पर इलाके में एनडीआरएफ की टीम तो जरूर लगाए गए हैं. लेकिन उनलोगों से चुड़ा और गुड़ का वितरण करवाया जा रहा है. बचाव टीम लोगों का रेस्क्यू नहीं कर रही है.
![बाढ़ के कारण पलायन कर रहे लोग](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/br-sar-04-outrage-among-village_02082020194407_0208f_01952_156.jpg)
बता दें कि बाढ़ के हालात को देखते हुए डीएम ने मकेर सीओ को बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता करने का आदेश भी दिया है. इसके अलावे डीएम ने राहत कैंप और पीएचइडी को उपयुक्त स्थान का चयन कर चापाकल लगाने का भी निर्देश दिया है. राहत कैंप में रह रहे शरणार्थियों की सेहत जांच को लेकर भी कई दिशा-निर्देश दिये है. लेकिन घरातल पर डीएम के निर्देश कहीं नहीं नजर आ रहे है.