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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की मनाई गई 98वीं जयंती - saran today news

सारण जिले के रहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की 98वीं जयंती राजद जिला अध्यक्ष के अध्यक्षता में मनाई गई. इस दौरान उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश भी डाला गया.

पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की मनाई गई 98वीं जयंती.
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Published : Sep 2, 2020, 5:37 PM IST

सारण: पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की 98वीं जयंती मनाई गई. समारोह की शुरुआत में परसा मोड़ स्थित दारोगा प्रसाद की प्रतिमा पर राजद जिला अध्यक्ष सुनील राय सहित नगर के संभ्रांत लोगों की उपस्थिति में माल्यार्पण कर किया गया.

दारोगा प्रसाद राय के व्यक्तित्व और कृतित्व से लेनी चाहिए सीख
इस मौके पर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया. समारोह को संबोधित करते हुए सुनील राय ने कहा कि हम लोगों को उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से सीख लेनी चाहिए.

दारोगा बाबू जाति के नहीं बल्कि जमात के नेता थे
कार्यक्रम में सुनिल राय ने बताया कि उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों को हम भुला नहीं सकते. साथ ही उन्होंने कहा कि सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम सब मिलकर उनके बताए गए रास्तों पर चलकर उसका अनुसरण करें, कहा कि दारोगा बाबू किसी खास जाति के नहीं बल्कि जमात के नेता थे.

सामाजिक न्याय के सच्चे प्रहरी थे दारोगा प्रसाद राय
सुनिल राय ने कहा कि दारोगा प्रसाद राय सामाजिक न्याय के सच्चे प्रहरी के रूप में जाने गए. उन्होंने अपनी राजनीतिक जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया और एक नई दिशा और सोच को बदलने के लिए लोगों को प्रेरित किया. हमें उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए.

सुनील राय ने खास कर नौजवान पीढ़ी से आग्रह किया कि अभी के राजनीतिक और पहले में अंतर था. उस समय सांसाधन कम था पर दरोगा बाबू इतना बड़ा मुकाम हासिल किए यह जिले के लिए सौभाग्य की बात है.

सारण: पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की 98वीं जयंती मनाई गई. समारोह की शुरुआत में परसा मोड़ स्थित दारोगा प्रसाद की प्रतिमा पर राजद जिला अध्यक्ष सुनील राय सहित नगर के संभ्रांत लोगों की उपस्थिति में माल्यार्पण कर किया गया.

दारोगा प्रसाद राय के व्यक्तित्व और कृतित्व से लेनी चाहिए सीख
इस मौके पर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया. समारोह को संबोधित करते हुए सुनील राय ने कहा कि हम लोगों को उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से सीख लेनी चाहिए.

दारोगा बाबू जाति के नहीं बल्कि जमात के नेता थे
कार्यक्रम में सुनिल राय ने बताया कि उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों को हम भुला नहीं सकते. साथ ही उन्होंने कहा कि सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम सब मिलकर उनके बताए गए रास्तों पर चलकर उसका अनुसरण करें, कहा कि दारोगा बाबू किसी खास जाति के नहीं बल्कि जमात के नेता थे.

सामाजिक न्याय के सच्चे प्रहरी थे दारोगा प्रसाद राय
सुनिल राय ने कहा कि दारोगा प्रसाद राय सामाजिक न्याय के सच्चे प्रहरी के रूप में जाने गए. उन्होंने अपनी राजनीतिक जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया और एक नई दिशा और सोच को बदलने के लिए लोगों को प्रेरित किया. हमें उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए.

सुनील राय ने खास कर नौजवान पीढ़ी से आग्रह किया कि अभी के राजनीतिक और पहले में अंतर था. उस समय सांसाधन कम था पर दरोगा बाबू इतना बड़ा मुकाम हासिल किए यह जिले के लिए सौभाग्य की बात है.

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