सारण: बिहार के सारण (Saran) जिले के छपरा में सरयू नदी (Sarayu River) के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. जिससे कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पानी का फ्लो इतना तेज है कि नेशनल हाईवे भी चपेट में आ गया है. जिसके कारण आसपास रहने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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सरयू नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी (Water Level of Saryu River) होने से बाढ़ का पानी सदर प्रखंड दिघवारा, दरियापुर, रिविलगंज क्षेत्र के कई गांवों में प्रवेश कर गया है. यहां तक की नेशनल हाईवे पर भी बाढ़ का पानी आ चुका है. रिविलगंज प्रखंड के इनई गांव के सामने सरयू नदी किनारे बनाए गए रिंग बांध (Ring Dam) में रिसाव भी शुरू हो गया है. जिस कारण आसपास के कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
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समय रहते बांध की मरम्मती कार्य नहीं कराई जाती है, तो स्थिति भयावह हो सकती है. बांध में रिसाव शुरू होने की सूचना स्थानीय ग्रामीणों ने रिविलगंज के सीओ और बीडीओ के साथ जिला स्तर के पदाधिकारियों को दी गई है. हालांकि खबर लिखे जाने तक जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के ओर से कोई भी अधिकारी उक्त स्थल पर नहीं पहुंचे थे. वहीं लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं.
बता दें कि जिला प्रशासन के द्वारा हर वर्ष बांध के मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये खर्च किया जाता है. उसके बाद भी प्रत्येक वर्ष लोगों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ता है. बांध मरम्मती के नाम पर कागजी खाना पूर्ति कर लाखों की राशि का बंदर बांट कर लिया जाता है. इसका खामियाजा उस क्षेत्र में रह रहे लोगों को भुगतना पड़ता है.
बता दें कि सारण जिले में कुछ समय पहले एनएच-19 के दोनों तरफ का क्षेत्र जलमग्न हो चुका था. प्रतिदिन लगभग 2 से 3 इंच से लेकर 1 फीट तक पानी बढ़ रहा था. जिसके कारण ग्रामीण घर के सामानों और मवेशी को छोड़ एनएच-19 पर अपना आसरा बनाए हुए हैं. स्थानीय प्रशासन के माध्यम से किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई.
ग्रामीणों का कहना था कि दिन तो किसी तरह कट जा रहा है, लेकिन रात काटना मुश्किल हो रहा है. क्योंकि लाइट नहीं होने की वजह से चारों तरफ अंधेरा हो जाता है. जिससे विषैले जीव-जंतु के काटने का भय बना रहता है.
गंगा अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बाढ़ के चलते जिले के सदर प्रखंड के रायपुर गांव, कोटवा पट्टी रामपुर, बरहरा महाजी, मूसेपुर का छपरा जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है. बाढ़ के कारण किसानों की फसल डूब चुकी है. कई इलाकों में कृषि योग्य भूमि पूरी तरह से बाढ़ के पानी में समा गई है.