सारण: अपनी और अपनों की परवाह तो सभी करते हैं, लेकिन जिले में कुछ युवा ऐसे भी हैं जो शाम होते ही सड़कों, चौराहों, नुक्कड़ों, अस्पतालों और स्टेशनों की खाक छानने लगते हैं, ताकि कोई भूखे ना सो जाए. रोटी बैंक ट्रस्ट से जुड़े से ये युवा प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को निस्वार्थ और निशुल्क खाना खिलाते हैं. लोगों के सहयोग से चल रहा यह ट्रस्ट जरूरतमंदों का पेट भर रहा है.
अस्पतालों में भी खिलाते हैं खाना
युवाओं की यह टोली हर शाम सड़कों और स्टेशनों पर सोने वाले लोगों को भोजन कराते हैं. इतना ही नहीं ये लोग अस्पताल भी जाते हैं और वहां इलाज कराने के लिए भर्ती मरीजों को भी खाना खिलाते हैं. साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मरीजों के परिजन भी भूखे ना सोएं. जिले में रोटी बैंक ट्रस्ट के 25 सदस्य सक्रिय हैं.
3 लोगों ने की थी शुरुआत
रोटी बैंक के संयोजक सतेन्द्र कुमार ने बताया कि लगभग एक साल पहले छपरा के कुछ युवक ऑल इंडिया रोटी बैंक ट्रस्ट से फेसबुक के माध्यम से परिचित हुए है. ट्रस्ट के काम से प्रेरित होकर 3 लोगों ने मिलकर इसकी शुरुआत यहां की थी. इनके नि:स्वार्थ भाव से काम करने के तरीके से प्रेरित होकर लोग इनसे जुड़ते चले गए और आज इनके पास 25 लोगों की टीम है. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट प्रतिदिन 150 लोगों को भोजन कराता है.
लोगों की सहयाग से चल रहा है ट्रस्ट
आम लोगों की मदद से चल रहे इस ट्रस्ट का प्रतिदिन 3 से 4 हजार रुपये खर्च है, लेकिन रोटी बैंक भूखों को नि:शुल्क भोजन कराता है. समूह में शामिल लोग खूद ही इसका खर्च उठाते हैं और कुछ आर्थिक सहयोग लोगों से भी मिल जाता है. ये लोग घूम-घूमकर गरीबों, बेसहारों और दिव्यागों को भर पेट खाना खिलाते हैं.
एक अनूठा पहल
रोटी बैंक के कार्यकर्ता रवि शंकर उपाध्याय ने बताया कि छपरा में यह अपने तरीके का अनूठा पहल है. रोटी बैंक ट्रस्ट यहां एक साल से काम कर रहा है और सभी जरूरतमंदों को रात का खाना खिला रहा है. उन्होंने कहा कि टीम में जुड़े सभी लोग अपना-अपना योगदान दे रहे हैं और आम लोगों का भी सहयोग मिल रहा है. स्थानीय लोग भी इस पहल की सराहना कर रहे हैं.