सारण(छपरा): बिहार के छपरा में ट्रे़ड यूनियनों की हड़ताल (Trade unions strike in Chapra) दूसरे दिन भी जारी है. इस दौरान बैंक और एलआईसी जैसी संस्थाओं के ताले नहीं खुले. जिससे कामकाज पूरी तरह से ठप रहा. कर्मचारी संगठनों ने संस्थानों के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस हड़ताल में स्टेट बैंक शामिल नहीं है, फिर भी हड़ताल का असर वहां भी देखने को मिला.
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हड़ताल से राजस्व को नुकसान: हड़ताल से सरकार को अरबों का राजस्व का नुकसान हुआ है. केवल सारण जिले में दो सौ करोड़ का लेन देन प्रभावित हुआ है. आम जनता पर भी इस हड़ताल का असर पड़ा है. लगातार चार दिनों से बैंक बंद होने के कारण व्यापारियों को भारी नुकसान उठा पड़ा है. अधिकांश बैंकों के एटीएम में कैश नहीं होने के कारण लोगों को पैसे के लिए भटकना पड़ा.
प्राइवेट बैंकों को बंद कराया: छपरा में हड़ताली बैंक कर्मियों ने सभी प्राइवेट बैंकों को भी बंद करवाया. स्थिति यह रही कि बैंक और एलआईसी के ताले तक नहीं खुले. बता दें कि इस हड़ताल में पब्लिक सेक्टर की बैंक, एलआईसी, बीएसएनएल और पोस्ट आफिस के कर्मचारी शामिल है. प्रदर्शनकारी कर्मचारी केन्द्र सरकार की प्राइवेटाइजेशन पॉलिसी, एफडीआइ और लेंबर कानून में हुए बदलाव को लेकर विरोध प्रदर्शन (Trade Unions Strike Against Privatization) कर रहे है.
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