सारणः बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से अपने प्रमुख मांगों को लेकर राज्य के सभी थोक और खुदरा दवा दुकान को बंद रखा गया है. एसोसिएशन की ओर से 22 जनवरी से 24 जनवरी तक के लिए 3 दिनों की हड़ताल की घोषणा की गई है. इसके तहत जिले में भी दवा दुकानदारों ने खुदरा और थोक दवा की दुकानें बंद रखी.
सदर अस्पताल की दुकान रही हड़ताल मुक्त
हालांकि मरीजों की असुविधा को ध्यान में रखते हुए कुछ दुकानों को खोल कर रखा गया था. वहीं, सदर अस्पताल के आस-पास की सभी दुकानों को इस हड़ताल से मुक्त रखा गया. हड़ताल पर बैठे दुकानदारों का कहना है कि सरकार की ओर से दिए गए आवश्यक निर्देश के अनुसार सभी मेडिकल स्टोरों में फार्मासिस्ट रखने का निर्देश दिया गया है. जबकि खुदरा दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की उपलब्धता और तकनीकी गलती के नाम पर विभागीय उत्पीड़न और शोषण किया जा रहा है.
फार्मासिस्ट के नाम पर विभागीय उत्पीड़न
औषधि विक्रेता संघ के अध्यक्ष अभिषेस कुमार ने कहा कि औषधि नियंत्रण प्रशासन की ओर से खुदरा दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता की गई है. वहीं, इसके नाम पर थोक दवा व्यवसायियों की छोटी गलतियों के आधार पर उनका लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है. इसको लेकर तीन दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार अपने आदेश को हमारे ऊपर थोपने का प्रयास करती है. तो हमलोग अनिश्चित हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे.