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DRM ने किया छपरा जंक्शन का निरीक्षण, यात्री सुविधाओं के विकास कार्यों को लेकर दिए कई निर्देश - DRM का छपरा जंक्शन का एक दिवसीय दौरा

मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी विजय कुमार पंजियार ने शुक्रवार को छपरा जंक्शन का एक दिवसीय दौरा किया. इस दौरान उन्होंने छपरा स्टेशन पर चल रहे यात्री सुविधा के विकास कार्यों और नए प्लेटफार्म का निर्माण के साथ साथ कई कार्यालयों का निरीक्षण किया.

One day tour of DRM to Chhapra Junction
One day tour of DRM to Chhapra Junction
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Published : Mar 5, 2021, 9:30 PM IST

सारण: मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी विजय कुमार पंजियार ने शुक्रवार को छपरा जंक्शन का एक दिवसीय दौरा किया. इस दौरान उन्होंने छपरा स्टेशन पर चल रहे यात्री सुविधा के विकास कार्यों और नए प्लेटफार्म का निर्माण के साथ साथ कई कार्यालयों का निरीक्षण किया. वहीं उन्होंने डीजल ड्राइवरों और गार्ड का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि पुराने स्टील टैंक बॉक्सों की तुलना में ट्रॉली बैग काफी सुगम और अच्छा है. इसके बावजूद भी गार्ड और ड्राइवर ट्राली बैग लेने के लिए राजी नहीं होते हैं.

यह भी पढ़ें:- गोपालगंज जहरीली शराब कांड : 13 में 9 दोषियों को फांसी की सजा, 4 को उम्रकैद

मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी ने छपरा जंक्शन पर चल रहे यात्री सुविधा के विकास कार्यों और नए प्लेटफार्म का निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए कई निर्देश दिए. वहीं उन्होंने प्रवेश द्वार, ब्रिज के एक्सटेंशन, लिफ्ट लगाने के कार्यों, परिचालन और अन्य व्यवस्थाओं के उन्नयन कार्यों का भी गहन निरीक्षण किया. उन्होंने छपरा जंक्शन की गाड़ी ड्राइवर लाबी का भी निरीक्षण किया. साथ ही निर्माणाधीन रनिंग रूम के विस्तार कार्यों के संदर्भ में वर्क प्लान देखकर निर्माण की समीक्षा की और संभावित बदलाव के लिए संबंधित एजेंसी को दिशा निर्देश भी दिया.

यह भी पढ़ें:- बदहाल हुआ 800 करोड़ की लागत से बना अस्पताल, 6 माह से डॉक्टरों को नहीं मिला वेतन

डीजल लॉबी में गार्ड और ड्राइवर कर रहे ट्रॉली बैग का विरोध
वहीं उन्होंने बताया कि रेल प्रशासन के नीतिगत निर्णय के अनुकरण में लाइन बॉक्स के स्थान पर ट्रॉली बैग दिया जा रहा है. यह प्रक्रिया पूर्व मध्य रेलवे और अन्य क्षेत्रीय मंडलों में पहले से लागू है. ट्रॉली बैग कर्मचारियों की सुविधा और कार्य कुशलता को बढ़ाने के लिए दिए जा रहे हैं. ट्रॉली बैग में वजनी किताबों के स्थान पर टैब दिया जा रहा है, जिसके उपयोग से गार्ड और ड्राइवर तकनीकी रूप से दक्ष हो सकेंगे. इस ट्रॉली बैग का सभी समीक्षा उपकरणों के साथ वजन 5 किलो ग्राम से अधिक नहीं है. बता दें कि छपरा जंक्शन के डीजल लॉबी में गार्ड और ड्राइवरों ने ट्रॉली बैग का मुखर विरोध किया था. उनका कहना था कि रेल प्रशासन जबरदस्ती उनके ऊपर थोंपने की यह कार्रवाई कर रहा है. गार्ड और ड्राइवरों का कहना है कि एसीपी या अन्य अवसर पर जब गार्ड ब्रेक वान छोड़कर जाएगा तो इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी होगी.

सारण: मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी विजय कुमार पंजियार ने शुक्रवार को छपरा जंक्शन का एक दिवसीय दौरा किया. इस दौरान उन्होंने छपरा स्टेशन पर चल रहे यात्री सुविधा के विकास कार्यों और नए प्लेटफार्म का निर्माण के साथ साथ कई कार्यालयों का निरीक्षण किया. वहीं उन्होंने डीजल ड्राइवरों और गार्ड का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि पुराने स्टील टैंक बॉक्सों की तुलना में ट्रॉली बैग काफी सुगम और अच्छा है. इसके बावजूद भी गार्ड और ड्राइवर ट्राली बैग लेने के लिए राजी नहीं होते हैं.

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मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी ने छपरा जंक्शन पर चल रहे यात्री सुविधा के विकास कार्यों और नए प्लेटफार्म का निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए कई निर्देश दिए. वहीं उन्होंने प्रवेश द्वार, ब्रिज के एक्सटेंशन, लिफ्ट लगाने के कार्यों, परिचालन और अन्य व्यवस्थाओं के उन्नयन कार्यों का भी गहन निरीक्षण किया. उन्होंने छपरा जंक्शन की गाड़ी ड्राइवर लाबी का भी निरीक्षण किया. साथ ही निर्माणाधीन रनिंग रूम के विस्तार कार्यों के संदर्भ में वर्क प्लान देखकर निर्माण की समीक्षा की और संभावित बदलाव के लिए संबंधित एजेंसी को दिशा निर्देश भी दिया.

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डीजल लॉबी में गार्ड और ड्राइवर कर रहे ट्रॉली बैग का विरोध
वहीं उन्होंने बताया कि रेल प्रशासन के नीतिगत निर्णय के अनुकरण में लाइन बॉक्स के स्थान पर ट्रॉली बैग दिया जा रहा है. यह प्रक्रिया पूर्व मध्य रेलवे और अन्य क्षेत्रीय मंडलों में पहले से लागू है. ट्रॉली बैग कर्मचारियों की सुविधा और कार्य कुशलता को बढ़ाने के लिए दिए जा रहे हैं. ट्रॉली बैग में वजनी किताबों के स्थान पर टैब दिया जा रहा है, जिसके उपयोग से गार्ड और ड्राइवर तकनीकी रूप से दक्ष हो सकेंगे. इस ट्रॉली बैग का सभी समीक्षा उपकरणों के साथ वजन 5 किलो ग्राम से अधिक नहीं है. बता दें कि छपरा जंक्शन के डीजल लॉबी में गार्ड और ड्राइवरों ने ट्रॉली बैग का मुखर विरोध किया था. उनका कहना था कि रेल प्रशासन जबरदस्ती उनके ऊपर थोंपने की यह कार्रवाई कर रहा है. गार्ड और ड्राइवरों का कहना है कि एसीपी या अन्य अवसर पर जब गार्ड ब्रेक वान छोड़कर जाएगा तो इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी होगी.

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