छपरा: सोनपुर प्रखंड अंतर्गत इस्माइल गांव के रहने वाले डॉ. पिंटू की यूक्रेन में मौत हो गई. डॉ. पिंटू एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए विदेश गये थे. लेकिन विदेश में 3 साल की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही उनकी मौत हो गई.
यूक्रेन में कर रहा था पढ़ाई
परिवार के सदस्यों ने पिंटू की पढ़ाई के लिए जमीन भी बेच दी थी. जिसके बाद यूक्रेन की एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में उसका नामांकन करा दिया. मृतक पिंटू के परिजनों ने बताया कि वहां से खबर आयी है कि उसकी मौत हो गयी है. खबर सुनते ही परिवार के साथ गांव और परिजनों में कोहराम मच गया. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिजनों ने बताया कि पिंटू की मौत कैसे हुई, इस बात की जानकारी से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो पा रहे हैं.
शव भारत लाने की मांग
पिंटू के अंतिम संस्कार और एक बार देखने के लिए उनके परिवार के साथ गांव के लोगों ने यहां के सांसद राजीव प्रताप रूढी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री, गृहमंत्री के अलावा यूक्रेन के अधिकारियों से मांग की है कि पिंटू का शव भारत लाया जाए. उसका अंतिम संस्कार सारण जिले की सोनपुर में किया जाये.
लापरवाही बरतने का आरोप
परिजनों ने पिंटू की मौत की पूर्ण जनकारी नहीं मिलने पर भारतीय और यूक्रेन के दूतावास पर सही और पूर्ण जनकारी नहीं देने के साथ इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
इस खबर की सूचना मिलते ही सोनपुर कोरोना नोडल अधिकारी डॉक्टर अभिषेक कुमार सिन्हा ने यूक्रेन के प्रतिष्ठित डॉक्टरों से संपर्क स्थापित कर सही जानकारी हासिल की. खबर की पुष्टि होते ही वहां के आलाधिकारियों से शीघ्र पिंटू के शव को भारत भेजने का आग्रह किया. वहीं सोनपुर के लोगों में मातम छा गया है.