छपरा: बिहार के छपरा में गौरा ओपी क्षेत्र के मझवलियां में शनिवार को दोपहर एक युवक को अपराधियों ने गोली मारकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया. जख्मी की पहचान मझवलियां निवासी शीलानाथ सिंह के पुत्र मनोज कुमार (40 वर्ष) के रूप में की गई है.
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सदर अस्पताल से पटना रेफर
स्थानीय लोग उसे नगरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति गंभीर होने के कारण मनोज सिंह को छपरा सदर अस्पताल से पटना रेफर कर दिया गया है. मनोज सिंह को एक गोली सीने में और दूसरी गोली हाथ में लगी है.
परिजनों ने बताया कि मनोज सिंह अपने घर के दरवाजे पर खड़े थे. तभी एक बाइक पर सवार दो अपराधी पहुंचे और मनोज सिंह को गोली मार दी.
जमीनी विवाद में गोलीबारी
घटना के बाद से गांव में तनाव बना हुआ है. मौके पर पुलिस ने पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जमीन विवाद में घटना घटी है. काफी समय से इनका कुछ लोगों के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. कोर्ट में भी कई मामले लंबित हैं. यहां पर स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है. आसपास के कई थानों से पुलिस कर्मियों को वहां भेजा गया है.
5 लोग हुए थे घायल
बता दें कि इससे पहले तीन जून को भी सारण जिले के अमनौर थाना क्षेत्र के पकड़ी डीह गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट में महिला समेत 5 लोग घायल हो गए थे.
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हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी
इन दिनों भूमि विवाद को लेकर मारपीट की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं. बता दें कि बिहार में ज्यादातर घटनाएं जमीन विवाद को लेकर घटती हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2019 में जमीन और संपत्ति से जुड़ी 3707 घटनाएं सामने आई थीं. इनमें से 782 भूमि विवाद में हत्या भी हुई है.
जमीन की कीमत बढ़ी
जमीन विवाद को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एक बैठक के दौरान कहा था कि साल 2005 में शुरू किये गए जनता दरबार कार्यक्रम में ज्यादातर समस्याएं जमीन विवाद से जुड़ी हुई पाई गई थीं. इसे देखते हुए सरकार ने नया एक्ट बनाया है. बिहार में 60% अपराध जमीन विवाद के कारण होते हैं. राज्य में विकास के कारण यहां जमीन की कीमत बढ़ी है.
बैठक करने का निर्देश
बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने यह भी कहा था कि भूमि विवाद को लेकर डीएम और एसपी महीने में कम से कम एक बार बैठक करें. एसडीओ और डीएसपी 15 दिन में एक बार बैठक करें. वहीं सीओ और थानाध्यक्ष सप्ताह में एक बार जमीन विवाद को निपटाने के लिए बैठक करें. जो भी व्यक्ति गड़बड़ी कर रहा है, उस पर कार्रवाई की जाए.
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जनता के हित में फैसला
भूमि विवादों के खात्मे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कदम और आगे बढ़कर काम कर रहे हैं. उन्होंने मात्र सौ रूपये शुल्क अदा कर परिवारिक बंटवारे की संपत्ति की रजिस्ट्री की सुविधा देकर राज्य की जनता के हित में फैसला लिया था.
इससे साफ है कि अब बंटवारे के बाद संपत्ति की रजिस्ट्री कराने में तेजी आएगी. पहले शुल्क ज्यादा होने के कारण लोग रजिस्ट्री कराने से बचते थे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भूमि विवादों में कमी लाने को लेकर यह फैसला लिया गया था.