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Navratri 2023 : किलकारी के बच्चों ने किया डांडिया उत्सव का आयोजन, प्रसिद्ध लोक नृत्य झिझिया की दी प्रस्तुति

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 21, 2023, 3:32 PM IST

छपरा में शुक्रवार को डांडिया उत्सव का आयोजन (Dandiya festival organized in Chhapra) किया गया. जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित थीम डांस, महिसाशुर मर्दिनी नृत्य एवं भजन प्रस्तुत किया गया. यह कार्यक्रम बिहार बाल भवन किलकारी द्वारा आयोजित किया गया था.

Durga Puja in Chhapra
Durga Puja in Chhapra

सारण: दुर्गा पूजा के अवसर पर हर साल छपरा के कई जगहों पर डांडिया उत्सव का आयोजन किया जाता है. जहां डीजे से लेकर थीम डांस तक का आयोजन होता है. ऐसे में शुक्रवार को भी बिहार बाल भवन किलकारी द्वारा मोहन नगर स्थित एल.एन.बी. के विघालय परिसर में डांडिया उत्सव का आयोजन किया गया. जहां किलकारी के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित थीम डांस, महिसाशुर मर्दिनी नृत्य एवं भजन की प्रस्तुत दी गई. वहीं, कार्यक्रम का उद्घाटन भी किलकारी के बच्चों ने ही किया.

इसे भी पढ़े- Chapra Kalibari : छपरा के इस मंदिर में होती है बंगाली रीति-रिवाजों से पूजा, उमड़ती है भीड़

बच्चों ने मनाया डांडिया उत्सव: वहीं, इस अवसर पर बाल भवन, सारण के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिसर, सारण के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी राजेश मांझी उपस्थित रहे. इनकी उपस्थिति में बच्चों ने डांडिया उत्सव को मनाया. इसके अलावा सांस्कृतिक आयोजन में बच्चों ने नवरात्र के पावन अवसर पर थीम डांस, महिसाशुर मर्दिनी नृत्य एवं भजन प्रस्तुत किया. साथ ही गुजराती नृत्य भी प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में बच्चों ने दशहरा के अवसर पर पूर्वी बिहार का चर्चित लोकनृत्य झिझिया की भी प्रस्तुति दी.

Durga Puja in Chhapra
डांडिया उत्सव में शामिल बच्चे

"दुर्गा पूजा को लेकर हमारे जिले में अलग ही उत्साह है. खासकर बच्चों में तो त्यौहार को लेकर एक अलग ही इनर्जी देखने को मिल रही. आज बच्चों के द्वारा ही डांडिया उत्सव का आयोजन किया गया. उन्होंने अलग-अलग तरह की प्रस्तुति भी दी. आयोजन काफी अच्छा रहा."- राजीव रंजन श्रीवास्तव, प्रमंडलीय कार्यक्रम सम्यवाक, सारण

बंगाली रीति-रिवाजों से पूजा: बता दें कि बिहार में दुर्गा पूजा को लेकर लोग काफी उत्साहित है. जिले में कई जगह आकर्षित पंडाल बनाए गए है. वहीं, मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है. ऐसे में छपरा में पूजा कई मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार होती है. यहां मुख्यत: तीन तरह की पूजा होती है जिसमें से एक है काशी रीति रिवाज के अनुसार, दूसरा है मिथिला के रीति रिवाज के अनुसार और तीसरा है बांग्ला रीति रिवाज के अनुसार. छपरा कालीबाड़ी में भी षष्ठी के दिन माता का पट खोला जाएगा, जिसको लेकर पंडाल निर्माता युद्ध स्तर पर पंडाल को फाइनल टच देने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं हजारों-हजार की संख्या में भक्त मंदिर पहुंच कर माता की पूजा आराधना कर रहे हैं.

सारण: दुर्गा पूजा के अवसर पर हर साल छपरा के कई जगहों पर डांडिया उत्सव का आयोजन किया जाता है. जहां डीजे से लेकर थीम डांस तक का आयोजन होता है. ऐसे में शुक्रवार को भी बिहार बाल भवन किलकारी द्वारा मोहन नगर स्थित एल.एन.बी. के विघालय परिसर में डांडिया उत्सव का आयोजन किया गया. जहां किलकारी के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित थीम डांस, महिसाशुर मर्दिनी नृत्य एवं भजन की प्रस्तुत दी गई. वहीं, कार्यक्रम का उद्घाटन भी किलकारी के बच्चों ने ही किया.

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बच्चों ने मनाया डांडिया उत्सव: वहीं, इस अवसर पर बाल भवन, सारण के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिसर, सारण के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी राजेश मांझी उपस्थित रहे. इनकी उपस्थिति में बच्चों ने डांडिया उत्सव को मनाया. इसके अलावा सांस्कृतिक आयोजन में बच्चों ने नवरात्र के पावन अवसर पर थीम डांस, महिसाशुर मर्दिनी नृत्य एवं भजन प्रस्तुत किया. साथ ही गुजराती नृत्य भी प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में बच्चों ने दशहरा के अवसर पर पूर्वी बिहार का चर्चित लोकनृत्य झिझिया की भी प्रस्तुति दी.

Durga Puja in Chhapra
डांडिया उत्सव में शामिल बच्चे

"दुर्गा पूजा को लेकर हमारे जिले में अलग ही उत्साह है. खासकर बच्चों में तो त्यौहार को लेकर एक अलग ही इनर्जी देखने को मिल रही. आज बच्चों के द्वारा ही डांडिया उत्सव का आयोजन किया गया. उन्होंने अलग-अलग तरह की प्रस्तुति भी दी. आयोजन काफी अच्छा रहा."- राजीव रंजन श्रीवास्तव, प्रमंडलीय कार्यक्रम सम्यवाक, सारण

बंगाली रीति-रिवाजों से पूजा: बता दें कि बिहार में दुर्गा पूजा को लेकर लोग काफी उत्साहित है. जिले में कई जगह आकर्षित पंडाल बनाए गए है. वहीं, मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है. ऐसे में छपरा में पूजा कई मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार होती है. यहां मुख्यत: तीन तरह की पूजा होती है जिसमें से एक है काशी रीति रिवाज के अनुसार, दूसरा है मिथिला के रीति रिवाज के अनुसार और तीसरा है बांग्ला रीति रिवाज के अनुसार. छपरा कालीबाड़ी में भी षष्ठी के दिन माता का पट खोला जाएगा, जिसको लेकर पंडाल निर्माता युद्ध स्तर पर पंडाल को फाइनल टच देने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं हजारों-हजार की संख्या में भक्त मंदिर पहुंच कर माता की पूजा आराधना कर रहे हैं.

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