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छपरा में छठी मईया को दिया गया पहला अर्घ्य, कल उगते सूर्य की उपासना के साथ संपन्न होगा महापर्व

बिहार के छपरा में छठ पूजा धूमधाम (Chhath Puja In Chapra) से मनाया जा रहा है. रविवार की शाम छठी मईया को पहला अर्घ्य दिया गया. इसके साथ ही उगते सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी शुरू हो गई है. सोमवार को पूजा संपन्न हो जाएगा.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 19, 2023, 7:29 PM IST

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छपरा में छठ पूजा

सारणः बिहार के छपरा में छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया. रविवार की शाम व्रतियों ने पहला अर्घ्य दिया. सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 4 दिनों महापर्व संपन्न हो जाएगा. लोक आस्था का छठ महापर्व को लेकर छपरा सहित प्रदेश में भक्ति व उल्लास का वातावरण है. छपरा के सरयू तटों, राज्य के महत्वपूर्ण सूर्य मंदिरों, नदियों, तालाबों और घरों की छतों पर बने तालाब में छठ पूजा किया गया.

छठी मईया की गीत से माहौल भक्तिमयः चार दिवसीय पर्व के दौरान चारों ओर छठी मईया का गीत सुनाई दे रहा है. नहा-खाय से शुरुआत हुए छठ पर्व के दूसरे दिन खरना हुआ. रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया. रविवार की शाम सभी लोग नए-नए परिधान में छठ घाट पहुंचे. चारों ओर छठी मईया की गीत से माहौल भक्तिमय बना हुआ है. घाटों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है.

घाटों पर उमड़ा जनसैलाबः पूजा समितियों की ओर से जलाशय और नदी घाट तक आने वाले मार्ग में जगह-जगह तोरण द्वार बनाये गए हैं. दो साल के बाद छठ घाटों पर आस्था के जनसैलाब का अनुपम नजारा देखने को मिल रहा है. रविवार को सुबह से ही व्रती अर्घ्य का प्रसाद बनाने में जुट गई थी. इसके बाद शाम में विभिन्न घाटों पर गंगा में डुबकी लगाकर सूर्यदेव की आराधना की.

घरों में आती है सुख समृद्धिः बता दें कि बिहार, झारखंड और यूपी में हर साल धूमधाम से छठ महापर्व मनाया जाता है. मान्याता है कि छठ महापर्व से परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है. कई लोग संतान सुख की प्राप्ति के लिए मन्नत मानते हैं. पूरी होने के बाद छठ व्रत करते हैं.

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छपरा में छठ पूजा

सारणः बिहार के छपरा में छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया. रविवार की शाम व्रतियों ने पहला अर्घ्य दिया. सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 4 दिनों महापर्व संपन्न हो जाएगा. लोक आस्था का छठ महापर्व को लेकर छपरा सहित प्रदेश में भक्ति व उल्लास का वातावरण है. छपरा के सरयू तटों, राज्य के महत्वपूर्ण सूर्य मंदिरों, नदियों, तालाबों और घरों की छतों पर बने तालाब में छठ पूजा किया गया.

छठी मईया की गीत से माहौल भक्तिमयः चार दिवसीय पर्व के दौरान चारों ओर छठी मईया का गीत सुनाई दे रहा है. नहा-खाय से शुरुआत हुए छठ पर्व के दूसरे दिन खरना हुआ. रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया. रविवार की शाम सभी लोग नए-नए परिधान में छठ घाट पहुंचे. चारों ओर छठी मईया की गीत से माहौल भक्तिमय बना हुआ है. घाटों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है.

घाटों पर उमड़ा जनसैलाबः पूजा समितियों की ओर से जलाशय और नदी घाट तक आने वाले मार्ग में जगह-जगह तोरण द्वार बनाये गए हैं. दो साल के बाद छठ घाटों पर आस्था के जनसैलाब का अनुपम नजारा देखने को मिल रहा है. रविवार को सुबह से ही व्रती अर्घ्य का प्रसाद बनाने में जुट गई थी. इसके बाद शाम में विभिन्न घाटों पर गंगा में डुबकी लगाकर सूर्यदेव की आराधना की.

घरों में आती है सुख समृद्धिः बता दें कि बिहार, झारखंड और यूपी में हर साल धूमधाम से छठ महापर्व मनाया जाता है. मान्याता है कि छठ महापर्व से परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है. कई लोग संतान सुख की प्राप्ति के लिए मन्नत मानते हैं. पूरी होने के बाद छठ व्रत करते हैं.

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