सारणः बिहार के छपरा में छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया. रविवार की शाम व्रतियों ने पहला अर्घ्य दिया. सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 4 दिनों महापर्व संपन्न हो जाएगा. लोक आस्था का छठ महापर्व को लेकर छपरा सहित प्रदेश में भक्ति व उल्लास का वातावरण है. छपरा के सरयू तटों, राज्य के महत्वपूर्ण सूर्य मंदिरों, नदियों, तालाबों और घरों की छतों पर बने तालाब में छठ पूजा किया गया.
छठी मईया की गीत से माहौल भक्तिमयः चार दिवसीय पर्व के दौरान चारों ओर छठी मईया का गीत सुनाई दे रहा है. नहा-खाय से शुरुआत हुए छठ पर्व के दूसरे दिन खरना हुआ. रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया. रविवार की शाम सभी लोग नए-नए परिधान में छठ घाट पहुंचे. चारों ओर छठी मईया की गीत से माहौल भक्तिमय बना हुआ है. घाटों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है.
घाटों पर उमड़ा जनसैलाबः पूजा समितियों की ओर से जलाशय और नदी घाट तक आने वाले मार्ग में जगह-जगह तोरण द्वार बनाये गए हैं. दो साल के बाद छठ घाटों पर आस्था के जनसैलाब का अनुपम नजारा देखने को मिल रहा है. रविवार को सुबह से ही व्रती अर्घ्य का प्रसाद बनाने में जुट गई थी. इसके बाद शाम में विभिन्न घाटों पर गंगा में डुबकी लगाकर सूर्यदेव की आराधना की.
घरों में आती है सुख समृद्धिः बता दें कि बिहार, झारखंड और यूपी में हर साल धूमधाम से छठ महापर्व मनाया जाता है. मान्याता है कि छठ महापर्व से परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है. कई लोग संतान सुख की प्राप्ति के लिए मन्नत मानते हैं. पूरी होने के बाद छठ व्रत करते हैं.
यह भी पढ़ेंः
जानें क्यों बंद कमरे में व्रती करते हैं खरना, क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि
छठी मईया के गीत से गूंजा बिहार, भोजपुरी सिंगर कल्पना पटवारी की सुरीली आवाज का छाया जादू
बिहार के सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक है बेलाउर छठ घाट, यहां मनोकामना सिक्का है महत्वपूर्ण