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छपरा: नगर निगम की लापरवाही से लोग परेशान, मुहल्ले में कचरे के ढेर से बढ़ा महामारी का खतरा

नाजिया सुल्ताना ने नगर आयुक्त से डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली एजेंसी की शिकायत की है. उन्होंने वार्ड में एनजीओ की राशि के भुगतान पर भी रोक लगाने को कहा है. साथ ही वार्ड में एनजीओ को हटाकर, सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाते हुए सफाई अभियान को शुरू कराने की मांग की है.

छपरा नगर निगम की लाचारी
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Published : Aug 29, 2019, 1:52 PM IST

सारण: छपरा के वार्ड नंबर-30 में सफाई नहीं होने से जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है. इससे महिलाओं और पुरुषों के साथ बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत बरसात में होती है. जब कचरे की बदबू से महामारी फैलने का डर सताता है.

नगर निगम ने सभी वार्डों में दो डोर-टू-डोर कचरा उठाव की व्यवस्था हुई है. लेकिन सफाई का काम केवल कागजों में संचालित होता है. यदि सफाई होती भी है तो सिर्फ शहर की सड़कों की होती है. गरीब बस्ती में सफाई नदारद है.

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वार्ड संख्या 30 में फैला कचरा

एनजीओ ने एक बार भी नहीं करवाई सफाई
मोहल्ले वासियों का कहना है कि पहले नगर परिषद सफाई करवाता था. लेकिन नगर निगम के आने के बाद जिसका संचालन एनजीओ कर रही है, सफाई एकदम नदारद है. सफाई वहीं होती है, जहां बड़ी-बड़ी इमारतें दिखाई देती हैं. हम जैसे गरीबों के मोहल्ले में सफाई नहीं होती है. इन डेढ़ महीने में एनजीओ ने एक बार भी सफाई नहीं करवाई है. हद से ज्यादा कचरा होने पर हम खुद से सफाई करते हैं. जब वार्ड कमिश्नर से इसकी शिकायत की जाती है तो वे कहते है कि लेबर की कमी है.

एनजीओ नहीं उठाता कचरा

वार्ड पार्षद उठा चुकी हैं मुद्दा
नगर निगम वार्ड संख्या 30 की महिला पार्षद नाजिया सुल्ताना ने नगर निगम की बैठक में इस मुद्दे को उठाया था. बैठक में यह आश्वासन भी मिला था कि वार्डों की सफाई होगी. लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. नाजिया सुल्ताना ने नगर आयुक्त से डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली एजेंसी की शिकायत की है. उन्होंने वार्ड में एनजीओ की राशि के भुगतान पर भी रोक लगाने को कहा है. साथ ही वार्ड में एनजीओ को हटाकर, सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाते हुए सफाई अभियान को शुरू कराने की मांग की है.

सारण: छपरा के वार्ड नंबर-30 में सफाई नहीं होने से जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है. इससे महिलाओं और पुरुषों के साथ बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत बरसात में होती है. जब कचरे की बदबू से महामारी फैलने का डर सताता है.

नगर निगम ने सभी वार्डों में दो डोर-टू-डोर कचरा उठाव की व्यवस्था हुई है. लेकिन सफाई का काम केवल कागजों में संचालित होता है. यदि सफाई होती भी है तो सिर्फ शहर की सड़कों की होती है. गरीब बस्ती में सफाई नदारद है.

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वार्ड संख्या 30 में फैला कचरा

एनजीओ ने एक बार भी नहीं करवाई सफाई
मोहल्ले वासियों का कहना है कि पहले नगर परिषद सफाई करवाता था. लेकिन नगर निगम के आने के बाद जिसका संचालन एनजीओ कर रही है, सफाई एकदम नदारद है. सफाई वहीं होती है, जहां बड़ी-बड़ी इमारतें दिखाई देती हैं. हम जैसे गरीबों के मोहल्ले में सफाई नहीं होती है. इन डेढ़ महीने में एनजीओ ने एक बार भी सफाई नहीं करवाई है. हद से ज्यादा कचरा होने पर हम खुद से सफाई करते हैं. जब वार्ड कमिश्नर से इसकी शिकायत की जाती है तो वे कहते है कि लेबर की कमी है.

एनजीओ नहीं उठाता कचरा

वार्ड पार्षद उठा चुकी हैं मुद्दा
नगर निगम वार्ड संख्या 30 की महिला पार्षद नाजिया सुल्ताना ने नगर निगम की बैठक में इस मुद्दे को उठाया था. बैठक में यह आश्वासन भी मिला था कि वार्डों की सफाई होगी. लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. नाजिया सुल्ताना ने नगर आयुक्त से डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली एजेंसी की शिकायत की है. उन्होंने वार्ड में एनजीओ की राशि के भुगतान पर भी रोक लगाने को कहा है. साथ ही वार्ड में एनजीओ को हटाकर, सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाते हुए सफाई अभियान को शुरू कराने की मांग की है.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर है
SLUG:-SWAKCHHTA KO LEKAR NAGAR NIGAM LAPARWAH
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान मिशन की शुरुआत करते हुए कहा था कि महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाना हैं तो स्वच्छता को अपनाना पड़ेगा तभी गांधी जी का सपना पूरा होगा और देश के सभी प्रमुख शहरों की सफाई करने का जिम्मा दिया गया था जिसका ग्रेडिंग भी करना था लेकिन प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के नगर निगम छपरा के विभिन्न वार्डो में डोर टू डोर कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी सत्ता में एक रसूखदार के एनजीओं को मिला हुआ है जबकि उठाव के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही हैं.


नगर निगम छपरा के वार्ड संख्या 30 की महिला पार्षद नाज़िया सुल्ताना ने नगर आयुक्त को डोर टू डोर कूड़ा उठाव करने वाली एजेंसी की शिकायत कर वार्ड में एनजीओ के राशि के भुगतान पर रोक लगाने के साथ ही वार्ड में एनजीओ को हटा कर सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाते हुए सफाई अभियान को शुरू कराने की भी मांग की हैं.


Body:वार्ड संख्या 30 में सफाई नही होने से जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है जिस कारण महिला व पुरुषों के साथ ही बच्चें भी बीमार पड़ रहे है सबसे ज्यादा बरसात होने के समय कचरे में से बदबूदार गंध आना शुरू हो जाता है और महामारी फैलने लगती हैं जिससे यहां के स्थानीय लोग चिकित्सकों के पास जाने को मजबूर होते है.

स्थानीय मुहल्ले वासियों के कहना है कि नगर परिषद के समय में सफाई की व्यवस्था थी लेकिन जब से नगर निगम बना है तब से लेकर आज तक सफाई तो होती हैं लेकिन वही सफाई कराई जाती हैं जहां बड़े - बड़े इमारते दिखाई देती हैं क्योंकि वह अमीरों की बस्ती होती हैं हम जैसे गरीबों के मुहल्ले में सफाई कराने से क्या होगा.

Byte:-वॉक थ्रू
धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी
इदरीसी स्थानीय
व अन्य

Conclusion:सफाई कार्य केवल कागज़ों में संचालित किया जाता हैं जबकि नगर निगम के द्वारा प्रत्येक वार्ड में दो ठेला वाले को डोर-टू-डोर सिटी बजाकर कचरा उठाने के लिए रखा गया हैं लेकिन उसको शहर के सड़कों की सफाई में लगा दिया गया हैं जिस कारण गरीबों की बस्ती में सफाई नही होती हैं हालांकि स्थानीय वार्ड पार्षद नाजिया सुल्ताना ने नगर निगम की बैठक में इस मुद्दे को उठाया था और आश्वासन भी मिला था लेकिन बाद के दिनों में कोई ठोस कदम नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा उठाया नही गया हैं.


स्थानीय मुहल्ले वासियों का मानना है कि इससे तो अच्छा नगर परिषद ही था कम से कम सफाई पर ध्यान तो रहता था जो अब नगर निगम नही बल्कि नरक निगम कहना ही उचित होगा क्योंकि इस मुहल्ले में सबसे ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं ईद हो बकरीद जैसे पर्व त्योहार के मौके पर भी सफाई नही होती हैं.
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