ETV Bharat / state

छपरा ब्लास्ट:आईबी के अलर्ट के बाद भी क्यों नहीं हुई बिहार पुलिस एक्टिव

छपरा जिले के खोदाईबाग में चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री के धमाके (Illegal firecracker factory blast) ने बिहार के प्रशासनिक अमले पर बड़ा सवाल खड़ा किया है. सवाल यह है कि जब चार माह पहले खुफिया ब्यूरो ( IB) ने इस तरह की अवैध पटाखा फैक्ट्री को चिन्हित कर कारवाई करने को कहा था, फिर भी प्रशासन के लोग क्यों सोए रहे ? सवाल यह भी उठ रहा है कि इस घटना में पांच लोगों की मौत और घायल हुए कई लोगों के लिए सीधे तौर पर प्रशासन को क्यों न जिम्मेवार माना जाए ?

छपरा में चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमााका से पहले आया था आईबी का अलर्ट
छपरा में चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमााका से पहले आया था आईबी का अलर्ट
author img

By

Published : Jul 25, 2022, 7:06 PM IST

छपरा (सारण) : खोदाईबाग अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाके से पहले 10 मार्च को भागलपुर अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद आईबी ने बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) को अलर्ट किया था( IB alert for Chapra Blast). इसके बावजूद इस पूरे मामले की पुलिस मुख्यालय ने अनदेखी कर दी, जिसका नतीजा है कि भागलपुर ब्लास्ट के बाद गोपालगंज में भी अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था और अब छपरा में ब्लास्ट हुआ है. कहीं न कहीं इन घटनाओं के पीछे स्थानीय पुलिस के साथ-साथ बिहार पुलिस मुख्यालय की भी निष्क्रियता दिख रही है.इस मामले को लेकर जब etv भारत ने पुलिस मुख्यालय के ADG जितेंद्र सिंह गंगवार से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जवाब कौन देगा ?


पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं : इस मामले में स्थानीय पुलिस के साथ-साथ फोरेंसिक दल और बम निरोधक दस्ता भी अपने स्तर से जांच में जुटा है. फोरेंसिक रिपोर्ट से ही विस्फोट के कारणों का खुलासा हो पाएगा. अवैध रूप से पटाखा बनाने के दौरान विस्फोट की छपरा की घटना कोई पहला घटना नहीं है. इससे पहले 4 मार्च 2022 को बिहार के सिल्क सिटी भागलपुर में देर रात एक घर में जोरदार विस्फोट हुआ था. उसमें 6 महीने की बच्ची समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे में भी विस्फोट के कारण 2 मंजिला घर गिर गया था, साथ ही आसपास के तीन अन्य घर भी गिर गए थे.उस घर में कथित तौर पर अवैध रूप से पटाखों का निर्माण किया गया था. उस विस्फोट में करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे.


ये भी पढ़ें :-ब्लास्ट से दहला छपरा, 6 की मौत.. बम स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम करेगी धमाके की जांच



अवैध पटाखा फैक्ट्रियों की भरमार : छपरा पटाखा फैक्ट्री को लेकर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. यहां पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने की घटना पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी खैरा थाना क्षेत्र में बम बनाने के दौरान विस्फोट की घटना हुई थी. इसके साथ ही खोदाईबाग के ओल्हनपुर में भी कई बार विस्फोट हो चुका है. बताया यह भी जा रहा है कि आसपास में 10 से ज्यादा अवैध पटाखा फैक्ट्रियां हैं.

खोदाईबाग के आस-पास के गांव में विस्फोट की ये पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी वर्ष 2002, 2009, 2012 और 2019 में खैरा नगरा और खोदाईबाग के आसपास के इलाकों में विस्फोट की घटनाएं हो चुकी हैं. जनवरी 2019 में खैरा थाना क्षेत्र के गांव में खुले मैदान में बम ब्लास्ट की घटना हुई थी, जिससे वहां खेल रहे दो बच्चे पूरी तरह से जख्मी हो गए थे. विस्फोट के बाद फोरेंसिक टीम ने कई स्तरों पर जांच की थी, लेकिन उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा था.

ये भी पढ़ें :- भागलपुर ब्लास्टः मृतकों की संख्या 16 हुई, ATS ने कलेक्ट किये सैंपल.. गिराई जाएंगी 3 क्षतिग्रस्त इमारतें

छपरा (सारण) : खोदाईबाग अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाके से पहले 10 मार्च को भागलपुर अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद आईबी ने बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) को अलर्ट किया था( IB alert for Chapra Blast). इसके बावजूद इस पूरे मामले की पुलिस मुख्यालय ने अनदेखी कर दी, जिसका नतीजा है कि भागलपुर ब्लास्ट के बाद गोपालगंज में भी अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था और अब छपरा में ब्लास्ट हुआ है. कहीं न कहीं इन घटनाओं के पीछे स्थानीय पुलिस के साथ-साथ बिहार पुलिस मुख्यालय की भी निष्क्रियता दिख रही है.इस मामले को लेकर जब etv भारत ने पुलिस मुख्यालय के ADG जितेंद्र सिंह गंगवार से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जवाब कौन देगा ?


पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं : इस मामले में स्थानीय पुलिस के साथ-साथ फोरेंसिक दल और बम निरोधक दस्ता भी अपने स्तर से जांच में जुटा है. फोरेंसिक रिपोर्ट से ही विस्फोट के कारणों का खुलासा हो पाएगा. अवैध रूप से पटाखा बनाने के दौरान विस्फोट की छपरा की घटना कोई पहला घटना नहीं है. इससे पहले 4 मार्च 2022 को बिहार के सिल्क सिटी भागलपुर में देर रात एक घर में जोरदार विस्फोट हुआ था. उसमें 6 महीने की बच्ची समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे में भी विस्फोट के कारण 2 मंजिला घर गिर गया था, साथ ही आसपास के तीन अन्य घर भी गिर गए थे.उस घर में कथित तौर पर अवैध रूप से पटाखों का निर्माण किया गया था. उस विस्फोट में करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे.


ये भी पढ़ें :-ब्लास्ट से दहला छपरा, 6 की मौत.. बम स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम करेगी धमाके की जांच



अवैध पटाखा फैक्ट्रियों की भरमार : छपरा पटाखा फैक्ट्री को लेकर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. यहां पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने की घटना पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी खैरा थाना क्षेत्र में बम बनाने के दौरान विस्फोट की घटना हुई थी. इसके साथ ही खोदाईबाग के ओल्हनपुर में भी कई बार विस्फोट हो चुका है. बताया यह भी जा रहा है कि आसपास में 10 से ज्यादा अवैध पटाखा फैक्ट्रियां हैं.

खोदाईबाग के आस-पास के गांव में विस्फोट की ये पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी वर्ष 2002, 2009, 2012 और 2019 में खैरा नगरा और खोदाईबाग के आसपास के इलाकों में विस्फोट की घटनाएं हो चुकी हैं. जनवरी 2019 में खैरा थाना क्षेत्र के गांव में खुले मैदान में बम ब्लास्ट की घटना हुई थी, जिससे वहां खेल रहे दो बच्चे पूरी तरह से जख्मी हो गए थे. विस्फोट के बाद फोरेंसिक टीम ने कई स्तरों पर जांच की थी, लेकिन उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा था.

ये भी पढ़ें :- भागलपुर ब्लास्टः मृतकों की संख्या 16 हुई, ATS ने कलेक्ट किये सैंपल.. गिराई जाएंगी 3 क्षतिग्रस्त इमारतें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.