सारण: लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने छपरा में अपने ससुर चंन्द्रिका राय के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रुप मे चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. लेकिन उनकी यह घोषणा मात्र घोषणा ही बन कर रह गयी.तेज प्रताप ने छपरा लोकसभा सीट से नामांकन नही किया. उनके नामाकन दाखिले को लेकर लोगों मे काफ़ी उत्सुकता बनी हुई थी. इस पर चन्द्रिका राय ने कहा तेज प्रताप ने जिस दिन एलान किया था, उस दिन पहली अप्रैल थी और उन्होंने अप्रैल फूल बनाया.
छपरा लोकसभा सीट पर लालू परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है।यहा से कई बार राजद सुप्रीमों विधायक और सांसद रह चूके है.उनकी अनुपस्थिति मे उनकीं पत्नी राबड़ी देवी भी यहा से चुनाव लड़ चुकी है. इसलिए लोगों मे यह उत्सुकता थी की लालू यादव की परम्परिक सीट होने के कारण तेज प्रताप यहां से नामांकन कर सकते हैं.
तेज प्रताप की नामांकन की प्रतिक्षा
वहीं, सूबे के पूर्व स्वाथ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की प्रतिक्षा होती रही लेकिन वे नामांकन दाखिल करने नहीं आए.अब सारण संसदीय सीट की नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो गयी है. अब यहां सीधा मुकाबला भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व कौशल विकास मंत्री और वर्तमान में छ्परा के सांसद राजीव प्रताप रूडी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के पुत्र और लालू के समधि और तेज प्रताप के ससुर चन्द्रिका राय के बीच है. दोनों उमीदवार लगातार चुनाव प्रचार और जनसम्पर्क मे लगे हुए हैं.
जेल में हैं लालू और प्रभुनाथ
जिले में जमीनी स्तर पर पकड़ रखने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और महराजगंज के पूर्व बाहुबाली सांसद प्रभुनाथ सिंह पहली बार यहां पर चुनाव के समय जेल मे बंद हैं. प्रभुनाथ सिंह हत्या के मामले में और लालू यादव चारा घोटाले मे जेल मे बंद हैं. जिसके कारण चुनाव प्रचार मे वो तेजी और सक्रियता दिखाई नहीं दे रही हैं, जो इन नेताओं की उपस्थिति में होता था.
तेज प्रताप का बगावती तेवर
तेज प्रताप ने चन्द्रीका राय को छपरा से लोकसभा टिकट देने पर कहा था की उनकी मां राबड़ी देवी यहां से चुनाव लड़े. लेकिन जब राबड़ी देवी इसके लिये तैयार नहीं हुई तो तेज प्रताप ने बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय उमीदवार के रूप में सारण लोक सभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. वही इस सम्बंध मे पुछे जाने पर तेज प्रताप के ससुर चन्द्रीका राय ने कहा की अभी समय है देख सकते हैं. लेकिन उसके बाद उन्होंने हंसते हुए कहा कि जिस दिन यह घोषणा हई थी उस दिन पहली अप्रैल थी और उन्होंने अप्रैल फूल बनाया है.