छपरा: कंप्यूटर शिक्षक और मोटिवेशिनल स्पीच देने वाले अतुल कुमार चौकसे (Atul Kumar Chaukase) गंगासागर से गंगोत्री तक की यात्रा करने के दौरान छपरा पहुंचे (Traveling from Gangotri TO Gangasagar) हैं. बिहार, झारखंड होते हुए कोलकाता के गंगासागर पहुंचकर अपनी यात्रा समाप्त करेंगे. (Journey from Gangotri to Gangasagar) इस मुहिम के तहत वो गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक अपने भारी-भरकम सामान के साथ पैदल गंगा के किनारे-किनारे, गांव-शहरों से होते हुए गंगासागर पहुंचने के लिए निकल चुके हैं और अभी वो बिहार के छपरा शहर पहुंचे हैं.
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कुछ विशेष करने की तमन्ना लिए इस युवक के नाम कई अन्य उपलब्धि भी है. ये चंबल के बीहड़ों और राजस्थान के थार मरुस्थल को भी पैदल पार कर चुके हैं. महाराष्ट्र के नागपुर शहर का रहने वाले ये युवक पेशे से कंप्यूटर टीचर हैं और गंगा प्रदुषण मुक्त अभियान से जुड़कर गंगोत्री से गंगासागर की यात्रा पर निकले हुए हैं. अपने भारी-भरकम सामान के साथ ये लगातार पैदल चल रहे हैं जहां कही भी रात हो जाती है. वहीं, रात्रि विश्राम कर लेते हैं और अगले दिन फिर सुबह आगे की यात्रा के लिए निकल जाते हैं.
युवक के जज्बे को देखकर बीच रास्ते में पड़ने वाले शहरों गांव और कस्बों के लोग युवक के लिए खाने-पीने और रात्रि विश्राम की व्यवस्था भी करते हैं. इस युवक का एक ही सपना है कि गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाया जाए और गंगा नदी को कैसे बचाया जाए. ये अपने साथ-साथ हर जरूरी सामान रखते हैं. इस यात्रा में जो इनके लिए जरूरी होता है चाहे वह सांप काटने की दवा एंटी वेनम ही क्यों ना हो इनके सामानों में छोटा सा टूलबॉक्स, सोलर प्लेट लैपटॉप और मोबाइल खाने-पीने का सामान भी रहता है. इसके साथ ही ये युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करते हैं जो समाज के भटके हुए युवक हैं उनके लिए यह मोटिवेशन भी देते हैं.
छपरा पहुंचने पर युवक का स्थानीय लोगों ने काफी स्वागत किया और रात्रि विश्राम के दौरान खाने-पीने की भी व्यवस्था की. इससे ये काफी खुश हुए और अगले सुबह एक बार फिर आगे की यात्रा के लिए प्रस्थान कर गए. जिंदगी में कुछ करने के लिए संकल्प लेना पड़ता है. कहते है ना कोई संकल्प कभी-कभी एक ऐसे जुनून में बदल जाता है, जिसको पूरा कर आत्मा को शांति मिलती है. इस बात की तसल्ली मिलती है कि जो संकल्प किया उसको पूरा किया. वह चाहे देश भक्ति का संकल्प हो या समाज के लिए कुछ करने का. समाज में बहुत सारे ऐसे व्यक्ति हैं जो कुछ विशेष करने की तमन्ना दिल में रखते हैं और उसके लिए वो कोई भी कठिन से कठिन कार्य करने से भी पीछे नहीं रहते हैं. यही, कहानी नागपुर के एक युवक की है जो गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने और उसको बचाने के लिए एक मुहिम में जुटा है.
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