ETV Bharat / state

उत्तराखंड टनल में फंसा सोनू सारण पहुंचा, डीएम ने माला पहनाकर किया स्वागत, सोनू ने सुनाई आपबीती

Chhapra Laborer Trapped In Uttarakhand Tunnel: उत्तराखंड टनल में फंसा बिहार का मजदूर सोनू शुक्रवार को अपने घर छपरा पहुंच गया. जहां सारण जिलाधिकारी अमन समीर ने उसका स्वागत किया. डीएम ने सोनू को अपने कार्यालय कक्ष में माला पहनाकर और बुके देकर सम्मानित किया. वहीं, सोनू ने डीएम को अपनी आपबीती सुनाई.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 1, 2023, 8:41 PM IST

छपरा: उत्तराखंड टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया है. इस दौरान बिहार के मजदूर भी अपने-अपने घर पहुंच रहे है. इस क्रम में सारण जिले का निवासी मजदूर सोनू भी शुक्रवार को अपने घर पहुंचा. जहां डीएम ने खुद सोनू का स्वागत किया. उन्होंने सोनू को अपने कार्यालय कक्ष में माला पहनाकर और बुके देकर सम्मानित किया. वहीं, सोनू ने डीएम को अपनी आपबीती सुनाई.

डीएम ने माला पहनाकर किया सम्मानित: मिली जानकारी के अनुसार, छपरा के एकमा प्रखंड के अगुवान गांव निवासी सोनू आज सारण के जिलाधिकारी अमन समीर से अपनी मां के साथ कार्यालय में मिला पहुंचा. जहां सारण डी एम अमन समीर ने सोनू शाह को अपने कार्यालय कक्ष में माला पहनाकर सम्मानित किया. इस दौरान उसने अपनी सारी आपबीती सुनाई. उसने बताया कि कैसे उसने और उसके साथियों ने 17 दिन टनल के अंदर बिताएं.

जिलाधिकारी ने मां का भी हाल चाल पूछा: इस अवसर पर सोनू की मां भी उसके साथ थी. जिलाधिकारी ने उनका भी कुशलक्षेम पूछा. अपने बेटे के सकुशल टनल से 17 दिन के बाद निकलने पर उसकी भी काफ़ी प्रसन्न थी. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को नई जिंदगी मिली है. इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करती हूं. वहीं जिलाधिकारी से मिल कर सोनू शाह भी काफी प्रसन्न दिखा.

41 कामगार टनल में 17 दिन तक फंसे: गौरतलब हो कि बिहार के पांच कामगार सहित 41 कामगार टनल में 17 दिन तक फंसे रहे. वहीं इनको सुरक्षित निकाल कर इन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी गई. फिर 48 घंटे तक इन्हें सघन चिकित्सा केंद्र में चिकित्सकों की देखभाल में रखा गया. उसके बाद जब ये पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गए तो उन सबको उनके घर भेजा गया. बता दें कि बिहार के पांचों कामगार को हवाई जहाज से पटना लाया गया और उसके बाद उन सभी को उनके पैतृक आवास तक भेजा गया.

इसे भी पढ़े- 'हम उम्मीद छोड़ चुके थे', उत्तराखंड टनल में फंसे बिहार के मजदूर दीपक ने गांव पहुंचकर सुनाया आंखों देखा हाल

छपरा: उत्तराखंड टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया है. इस दौरान बिहार के मजदूर भी अपने-अपने घर पहुंच रहे है. इस क्रम में सारण जिले का निवासी मजदूर सोनू भी शुक्रवार को अपने घर पहुंचा. जहां डीएम ने खुद सोनू का स्वागत किया. उन्होंने सोनू को अपने कार्यालय कक्ष में माला पहनाकर और बुके देकर सम्मानित किया. वहीं, सोनू ने डीएम को अपनी आपबीती सुनाई.

डीएम ने माला पहनाकर किया सम्मानित: मिली जानकारी के अनुसार, छपरा के एकमा प्रखंड के अगुवान गांव निवासी सोनू आज सारण के जिलाधिकारी अमन समीर से अपनी मां के साथ कार्यालय में मिला पहुंचा. जहां सारण डी एम अमन समीर ने सोनू शाह को अपने कार्यालय कक्ष में माला पहनाकर सम्मानित किया. इस दौरान उसने अपनी सारी आपबीती सुनाई. उसने बताया कि कैसे उसने और उसके साथियों ने 17 दिन टनल के अंदर बिताएं.

जिलाधिकारी ने मां का भी हाल चाल पूछा: इस अवसर पर सोनू की मां भी उसके साथ थी. जिलाधिकारी ने उनका भी कुशलक्षेम पूछा. अपने बेटे के सकुशल टनल से 17 दिन के बाद निकलने पर उसकी भी काफ़ी प्रसन्न थी. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को नई जिंदगी मिली है. इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करती हूं. वहीं जिलाधिकारी से मिल कर सोनू शाह भी काफी प्रसन्न दिखा.

41 कामगार टनल में 17 दिन तक फंसे: गौरतलब हो कि बिहार के पांच कामगार सहित 41 कामगार टनल में 17 दिन तक फंसे रहे. वहीं इनको सुरक्षित निकाल कर इन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी गई. फिर 48 घंटे तक इन्हें सघन चिकित्सा केंद्र में चिकित्सकों की देखभाल में रखा गया. उसके बाद जब ये पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गए तो उन सबको उनके घर भेजा गया. बता दें कि बिहार के पांचों कामगार को हवाई जहाज से पटना लाया गया और उसके बाद उन सभी को उनके पैतृक आवास तक भेजा गया.

इसे भी पढ़े- 'हम उम्मीद छोड़ चुके थे', उत्तराखंड टनल में फंसे बिहार के मजदूर दीपक ने गांव पहुंचकर सुनाया आंखों देखा हाल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.