सारणः बिहार के छपरा में शराब पीने से 75 लोगों की मौत (Bihar Hooch Tragedy) हो चुकी है. जब से यह मामला सामने आया है तब से बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. विपक्षी पार्टी बिहार सरकार को जिम्मेदार बता रही है. वहीं दूसरी ओर छपरा के लोगों ने सुशील मोदी के समक्ष बड़ा खुलासा किया है. लोगों ने कहा कि यहां पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से शराब की बिक्री हो रही है.
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हर जगह मिलती है शराबः लोगों ने बताया कि मशरख मरहौरा व इसुआपुर में शायद ही कोई गांव है जहां पर जहरीली शराब पीने से मौतें नहीं हुई है. जहरीली शराब से मौतें अब जिले के अन्य प्रखंडों और गांव में भी फैल रही है. बगल के गोपालगंज जिले और सिवान जिले में भी जहरीली शराब का कहर देखने को मिल रहा है. यहां से भी लोगों के मौत की खबर आनी शुरू हो गई है. हर तरफ पुलिस प्रशासन के खिलाफ लोगों में आक्रोश है.
पुलिस को भी जाता है कमीशनः लोगों ने कहा कि पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से शराब बेची जाती है. इसकी बड़ी राशि पुलिस पदाधिकारियों को भी जाती थी. शनिवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Former Deputy CM Shushil Modi) ने लोगों से मुलाकात की. जहां पीड़ित लोगों से मिल कर कार्रवाई का आश्वासन दिया. परिजनों को ढाढस बंधाया. लोगों ने सुशील मोदी से कहा कि यहां खुलेआम शराब बेची जाती है, जिसे पीकर लोग मर रहे हैं.
पीड़ित परिवारों की दयनीयः स्थानीय लोगों ने कहा कि जहरीली शराब पीने से मौत हुई है. तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया. जहां से सीधे छपरा रेफर कर दिया गया. इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई. छपरा में भी समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं है. कई को जबरन पटना रेफर कर दिया गया. कई लोगों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. पीड़ित परिवारों की स्थिति काफी दयनीय है.