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'कह देना ठंड से मर गए..' जरा सोचिए क्या बीतता होगा जिन्होंने अपने को खोया - ईटीवी भारत बिहार

बिहार के छपरा में जहरीली शराब से अब तक 46 से ज्यादा लोगों की मौतें हो गई हैं. अभी भी कई लोगों की हालत खराब है. दर्जनों लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. घटना के बाद गांवों में मातमी सन्नाटा पसरा है. गांव वाले कहते हैं कि यहां शराबबंदी का कोई असर नहीं दिखता. आए दिन लोगों को शराब में नशे में देखा जाता है. शराबबंदी के बावजूद लोग चोरी छिपे शराब पी ही रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर

Bihar Hooch Tragedy
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Published : Dec 15, 2022, 10:49 PM IST

छपरा : बिहार के सारण जिले के कई गांवों में जहरीली शराब (Chapra Poisonous Liquor Death) ने ऐसा तांडव मचाया कि तीन दिनों के अंदर मौत की संख्या तो बढ़ती ही जा रही है, उन घरों की संख्या भी बढ़ती जा रही है जहां से रोने और सिसकने की आवाजें भी आने जाने वालों को सोचने को मजबूर कर दे रही हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि आखिर हमारी क्या गलती थी, अगर अवैध शराब का व्यापार नहीं होता तो शराब बिकती कहां से है.

ये भी पढ़ें - छपरा शराब कांड: मरने वालों की संख्या 46 के पार, डीएम ने की 26 मौतों की पुष्टि

..ये आंसू बहते रहेंगे : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते रहे हैं कि महिलाओं की मांग पर शराबबंदी की गई, लेकिन इसुयापुर, अमनौर, मशरख और मढ़ौरा के कई गांवों की उन्हीं महिलाओं के आंखों के आंसू आज नहीं सुख रहे, जिन्होंने अपनों को खोया है. बताया जा रहा है कि मशरख और इसुआपुर इलाके में देसी शराब की बड़ी खेप पहुंची थी. जिसे 50 से ज्यादा लोगों ने पिया था. कई लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं.

बबीता देवी का सहारा कौन होगा? : मढ़ौरा की रहने वाली बबीता देवी के परिवार के तीन सदस्यों की शराब के कारण मौत हो गई है. इन सबों ने एक समारोह में शराब पी थी, जिसके बाद एक-एक कर सबकी तबीयत बिगड़ने लगी. अब बबीता देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. इन्हें चिंता है कि अब वह किसके सहारे आगे जीवन की गाड़ी खींचेगी.

Bihar Hooch Tragedy
मढ़ौरा के गांव में मातम.

'शराबबंदी ने कई घरों को उजाड़ दिया..' : आज जहरीली शराब ने किसी के सिर से पिता का साया छिन गया तो किसी के बूढ़े मां-बाप का इकलौता सहारा चला गया. मृतक हरेंद्र मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. पत्नी शीला चीख-चीख कर कह रही कि शराब ने उसके पति की जान ले ली. अब उनके बच्चों की परवरिश कौन करेगा. वह तो यहां तक कह रही है कि शराबबंदी ने कई घरों को उजाड़ दिया.

'कह देना ठंड से मर गए..' : बता दें कि अभी तक पुरूषों ने थाने के गेट पर प्रदर्शन किया था. लेकिन शाम होते-होते महिलाओं ने विरोध की कमान अपने हाथ में ले ली. आक्रोशित महिलाएं अड़ी हुईं हैं कि मौके पर वरिष्ठ अफसर आएं और उनकी बात सुनें. गांव वालोंं ने आरोप लगाया कि पुलिस को फोन करने के बाद भी उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की. उल्टा कह रही थी कि कोई पूछे तो कह देना ठंड से मर गया. लाश को जल्दी हटवा दो.

Bihar Hooch Tragedy
अपनों के खोने पर बिलखते परिजन.

'अगर पुलिस कार्रवाई करती तो आज जिंदा होते चाचा..' : अमनौर थाने के गेट पर शव को रखकर महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. उनकी डिमांड है कि जब तक वरिष्ठ पुलिस अफसर नहीं आएंगे तब तक मृतक के शव को नहीं उठाएंगे. गांव वालों का कहना है कि उनके इलाके में खुलेआम शराब, दारू बिक रही है. पुलिस समय रहते अगर कार्रवाई करती तो आज ये मौतें न होतीं.

क्या गारंटी कि ऐसी घटनाएं अब नहीं होंगी : लोग बताते हैं कि कहां है शराबबंदी. सभी गांव में शराब बिकती है. आज पुलिस गांव में शराब खोज रही, अगर पुलिस पहले ही अपने कर्तव्यों का पालन करती तो क्या आज ये शव देखने को मिलते. स्थानीय लोगों का कहना है कि अब पुलिस सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर ले, छोटे पुलिस अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर ले, तो क्या गारंटी है कि ऐसी घटनाएं अब नहीं होंगी.

Bihar Hooch Tragedy
दर्द से कराहता शराब पिया शख्स

शराबबंदी पर सिर्फ सियासत : लोगों का कहना है कि राज्य में शराबबंदी लागू हुए छह साल हो गए, लेकिन शराब कारोबार पर अंकुश क्यों नहीं लग पाया. इस कानून को लेकर समीक्षा भी खूब हुई, तो सियासत चमकाने का जरिया भी शराबबंदी बनी, लेकिन शराबबंदी कारगर नहीं हुई. इन छह सालो में कई जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की घटनाएं सामने आ चुकी है.

हजार से ज्यादा लोग मरे-सुमो : बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद 6 साल में 1000 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीने से मरे, 6 लाख लोग जेल भेजे गए और केवल शराब से जुड़े मामलों में हर माह 45 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई. जब इतनी बड़ी मात्रा में शराब आ रही है, तब सरकार शराबबंदी लागू करने में अपनी विफलता स्वीकार करे.

Bihar Hooch Tragedy
बीजेपी सांसद सुशील मोदी.

नीतीश बोले- जो पिएगा, वो मरेगा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो नकली शराब पिएगा, वह तो मरेगा ही, लोगों को खुद ही सचेत रहना होगा. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब पीने से मौत होती रहती है. जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब भी लोग नकली शराब पीकर मर जाते थे. लोगों को सचेत रहना चाहिए.

'बिहार में शराबबंदी है, तो कुछ न कुछ नकली बिकेगा, इसे पीकर लोगों की मौत हो गई. नीतीश कुमार ने कहा कि शराब बुरी आदत है, इसे नहीं पीना चाहिए. अधिकारियों को साफ तौर पर कहा है कि गरीबों को न पकड़ें, जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें. शराबबंदी कानून से कई लोगों को फायदा हुआ है कई लोगों ने शराब छोड़ दी है. गड़बड़ी करने वाले तो हर जगह होंगे. कानून तो बना ही है, फिर भी गड़बड़ करने वाले लोग करते ही हैं.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

छपरा जहरीली शराब कांड: बिहार के सारण जिले में हर घंटे जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा एक-एक कर बढ़ता जा रहा है. जहरीली शराब पीने से अब तक 40 को पार गया है. कई लोगों का इलाज छपरा और पटना के पीएमसीएच में इलाज चल रहा है, जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. ये मौतें मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हुई हैं. वहीं, शराब कांड में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए SDPO का ट्रांसफर, थानाध्यक्ष और कांस्टेबल को किया सस्पेंड कर दिया है. जांच के लिए SIT बनाई गई है. उत्पाद विभाग की 7 टीमें छापेमारी कर रही है.

छपरा : बिहार के सारण जिले के कई गांवों में जहरीली शराब (Chapra Poisonous Liquor Death) ने ऐसा तांडव मचाया कि तीन दिनों के अंदर मौत की संख्या तो बढ़ती ही जा रही है, उन घरों की संख्या भी बढ़ती जा रही है जहां से रोने और सिसकने की आवाजें भी आने जाने वालों को सोचने को मजबूर कर दे रही हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि आखिर हमारी क्या गलती थी, अगर अवैध शराब का व्यापार नहीं होता तो शराब बिकती कहां से है.

ये भी पढ़ें - छपरा शराब कांड: मरने वालों की संख्या 46 के पार, डीएम ने की 26 मौतों की पुष्टि

..ये आंसू बहते रहेंगे : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते रहे हैं कि महिलाओं की मांग पर शराबबंदी की गई, लेकिन इसुयापुर, अमनौर, मशरख और मढ़ौरा के कई गांवों की उन्हीं महिलाओं के आंखों के आंसू आज नहीं सुख रहे, जिन्होंने अपनों को खोया है. बताया जा रहा है कि मशरख और इसुआपुर इलाके में देसी शराब की बड़ी खेप पहुंची थी. जिसे 50 से ज्यादा लोगों ने पिया था. कई लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं.

बबीता देवी का सहारा कौन होगा? : मढ़ौरा की रहने वाली बबीता देवी के परिवार के तीन सदस्यों की शराब के कारण मौत हो गई है. इन सबों ने एक समारोह में शराब पी थी, जिसके बाद एक-एक कर सबकी तबीयत बिगड़ने लगी. अब बबीता देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. इन्हें चिंता है कि अब वह किसके सहारे आगे जीवन की गाड़ी खींचेगी.

Bihar Hooch Tragedy
मढ़ौरा के गांव में मातम.

'शराबबंदी ने कई घरों को उजाड़ दिया..' : आज जहरीली शराब ने किसी के सिर से पिता का साया छिन गया तो किसी के बूढ़े मां-बाप का इकलौता सहारा चला गया. मृतक हरेंद्र मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. पत्नी शीला चीख-चीख कर कह रही कि शराब ने उसके पति की जान ले ली. अब उनके बच्चों की परवरिश कौन करेगा. वह तो यहां तक कह रही है कि शराबबंदी ने कई घरों को उजाड़ दिया.

'कह देना ठंड से मर गए..' : बता दें कि अभी तक पुरूषों ने थाने के गेट पर प्रदर्शन किया था. लेकिन शाम होते-होते महिलाओं ने विरोध की कमान अपने हाथ में ले ली. आक्रोशित महिलाएं अड़ी हुईं हैं कि मौके पर वरिष्ठ अफसर आएं और उनकी बात सुनें. गांव वालोंं ने आरोप लगाया कि पुलिस को फोन करने के बाद भी उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की. उल्टा कह रही थी कि कोई पूछे तो कह देना ठंड से मर गया. लाश को जल्दी हटवा दो.

Bihar Hooch Tragedy
अपनों के खोने पर बिलखते परिजन.

'अगर पुलिस कार्रवाई करती तो आज जिंदा होते चाचा..' : अमनौर थाने के गेट पर शव को रखकर महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. उनकी डिमांड है कि जब तक वरिष्ठ पुलिस अफसर नहीं आएंगे तब तक मृतक के शव को नहीं उठाएंगे. गांव वालों का कहना है कि उनके इलाके में खुलेआम शराब, दारू बिक रही है. पुलिस समय रहते अगर कार्रवाई करती तो आज ये मौतें न होतीं.

क्या गारंटी कि ऐसी घटनाएं अब नहीं होंगी : लोग बताते हैं कि कहां है शराबबंदी. सभी गांव में शराब बिकती है. आज पुलिस गांव में शराब खोज रही, अगर पुलिस पहले ही अपने कर्तव्यों का पालन करती तो क्या आज ये शव देखने को मिलते. स्थानीय लोगों का कहना है कि अब पुलिस सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर ले, छोटे पुलिस अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर ले, तो क्या गारंटी है कि ऐसी घटनाएं अब नहीं होंगी.

Bihar Hooch Tragedy
दर्द से कराहता शराब पिया शख्स

शराबबंदी पर सिर्फ सियासत : लोगों का कहना है कि राज्य में शराबबंदी लागू हुए छह साल हो गए, लेकिन शराब कारोबार पर अंकुश क्यों नहीं लग पाया. इस कानून को लेकर समीक्षा भी खूब हुई, तो सियासत चमकाने का जरिया भी शराबबंदी बनी, लेकिन शराबबंदी कारगर नहीं हुई. इन छह सालो में कई जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की घटनाएं सामने आ चुकी है.

हजार से ज्यादा लोग मरे-सुमो : बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद 6 साल में 1000 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीने से मरे, 6 लाख लोग जेल भेजे गए और केवल शराब से जुड़े मामलों में हर माह 45 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई. जब इतनी बड़ी मात्रा में शराब आ रही है, तब सरकार शराबबंदी लागू करने में अपनी विफलता स्वीकार करे.

Bihar Hooch Tragedy
बीजेपी सांसद सुशील मोदी.

नीतीश बोले- जो पिएगा, वो मरेगा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो नकली शराब पिएगा, वह तो मरेगा ही, लोगों को खुद ही सचेत रहना होगा. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब पीने से मौत होती रहती है. जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब भी लोग नकली शराब पीकर मर जाते थे. लोगों को सचेत रहना चाहिए.

'बिहार में शराबबंदी है, तो कुछ न कुछ नकली बिकेगा, इसे पीकर लोगों की मौत हो गई. नीतीश कुमार ने कहा कि शराब बुरी आदत है, इसे नहीं पीना चाहिए. अधिकारियों को साफ तौर पर कहा है कि गरीबों को न पकड़ें, जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें. शराबबंदी कानून से कई लोगों को फायदा हुआ है कई लोगों ने शराब छोड़ दी है. गड़बड़ी करने वाले तो हर जगह होंगे. कानून तो बना ही है, फिर भी गड़बड़ करने वाले लोग करते ही हैं.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

Bihar Hooch Tragedy
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

छपरा जहरीली शराब कांड: बिहार के सारण जिले में हर घंटे जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा एक-एक कर बढ़ता जा रहा है. जहरीली शराब पीने से अब तक 40 को पार गया है. कई लोगों का इलाज छपरा और पटना के पीएमसीएच में इलाज चल रहा है, जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. ये मौतें मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हुई हैं. वहीं, शराब कांड में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए SDPO का ट्रांसफर, थानाध्यक्ष और कांस्टेबल को किया सस्पेंड कर दिया है. जांच के लिए SIT बनाई गई है. उत्पाद विभाग की 7 टीमें छापेमारी कर रही है.

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