छपरा: सारण के मशरक प्रखंड के बहरौली पंचायत मे जहरीली शराब से हुई मौत के पीड़ित परिवरो ने मुआवजे की घोषणा करने पर सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है. मृतक के आश्रितों ने कहा कि हमलोगों की जीने की ललक ही मर चुकी थी. लेकिन नीतीश कुमार की घोषणा से एक बार फिर से लगता है कि सारी कठिनाईयां दूर हो जाएंगी. परिजनों ने एक सुर में कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया है. नीतीश कुमार ने कहा है कि जहरीली शराब से मौत मामले में पीड़ित परिवारों को मुआवजा देंगे.
मुआवजे के ऐलान पर पीड़ित परिवारों ने जतायी खुशी: दिसंबर 2022 में सारण जिले के सात प्रखंडों में जहरीली शराब ने जमकर कहर बरपाया था. इस दौरान लगभग 70 लोगों की मौत हुई थी. इन्हीं में से एक परिवार सुमित्रा कंवर का है. सुमित्रा ने अपना जवान बेटा खोया है. बहू, पोते, पोती के परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है. शराबबंदी वाले बिहार में पीड़ित परिवारों को हर वक्त प्रशासनिक कार्रवाई का डर सताता रहता था. सीएम नीतीश का रुख भी इन लोगों को मायूस कर रहा था. लेकिन अब सीएम नीतीश के रुख में नरमी आई है और 2016 के बाद जितनी भी मौतें हुई हैं उनको 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया है. इसपर सुमित्रा के आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं. उसने कहा कि सीएम जी आपको मैं हाथ जोड़कर धन्यवाद देना चाहती हूं.
"मेरे घर का कमाने वाला इकलौता बेटा जहरीली शराब की भेंट चढ़ गया. अब कोई कमाने वाला नहीं है. उसकी दो बेटी और एक सालभर का बेटा है. मुआवजे के ऐलान से हम खुश हैं."- सुमित्रा कुंवर, मृतक की मां
'राशि देने के लिए शुक्रिया': CM रिलीफ फंड से मृतक के आश्रितों को मदद दी जाएगी. यह मदद 2016 के बाद से शराब से हुई सभी मौतों पर दिया जाएगा. इसके लिए अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट भी मांगी है. वहीं राजेश साह ने कहा कि मेरा भाई इस दुनिया से चला गया था. पूरा परिवार इस सदमे से आज तक उबर नहीं पाया है.
"सीएम नीतीश की घोषणा से हमसब खुश हैं. रहने खाने की व्यवस्था हो जाएगी. बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं आपका आभारी हूं. हमारा कोई आधार नहीं है."- राजेश साह, मृतक का भाई
'अब नहीं सीएम नीतीश से कोई शिकायत': इन्हीं लोगों में से एक और परिवार है जानकी देवी का. उनके देवर की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई थी. सीएम नीतीश का रुख पहले शराब पीने वालों और मरने वालों के लिए सख्त था. यही कारण था कि पीड़ित परिवार सीएम को मन ही मन कोस भी रहे थे. लेकिन अब सीएम ने जो बड़ा फैसला लिया है, उसके कारण सभी शिकवे दूर हो गए हैं और लोगों को जीने के लिए सरकारी मदद मिलने से खुशी का माहौल है.
"हम बहुत खुश हैं. हमारा परिवार बहुत गरीब है. सीएम के फैसले का हमें कितना फायदा होगा, ये कोई समझ भी नहीं पाएगा. हम सीएम को धन्यवाद और बधाई देते हैं."- जानकी देवी, मृतक की भाभी
'हमारे बारे में भी सोचिए नीतीश जी': जिन के अपने चले गए उन्हें मुआवजे का मरहम मिल गया है लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो जिंदा तो हैं लेकिन सिर्फ नाम के. ऐसे ही बदनसीबों में से एक सचिन साह हैं. जहरीली शराब ने सचिन की जान नहीं ली लेकिन दुनिया अंधेरी जरूर कर दी है. सचिन की आंखों को रोशनी चली गई है. सचिन ने सीएम नीतीश से ऐसे पीड़ितों के बारे में भी सोचने का आग्रह किया है.
"मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि मेरी आंखों की रोशनी चली गई है. छोटे-छोटे बच्चे हैं. मेरे से गलती हो गई. हमारी ओर भी नीतीश जी ध्यान दीजिए."- सचिन साह, पीड़ित