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सारण में बोलीं बबीता फोगाट- 'पापा को बोलिए गुड़िया नहीं कहकर शेरनी बुलाए, ताकि..'

सारण में बबिता फोगट ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अधिवेशन का उद्घाटन (Babita Phogat inaugurated ABVP session in Saran ) किया. इस दौरान उन्होंने युवतियों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने पापा को बोलिये वो आपलोगों को गुड़िया नहीं शेरनी बुलाए, ताकि दूसरों को भी आपसे डर लगे. पढ़ें पूरी खबर..

अभाविप अधिवेशन का बबीता फोगाट ने किया उद्घाटन
अभाविप अधिवेशन का बबीता फोगाट ने किया उद्घाटन
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Published : Jan 6, 2023, 10:34 PM IST

अभाविप अधिवेशन का बबीता फोगाट ने किया उद्घाटन

सारणः बिहार के सारण में अभाविप का 64वें प्रांतीय अधिवेशन (ABVP session in Saran) का शुक्रवार को आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम का उद्घाटन कॉमन वेल्थ गेम्स 2014 में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली महिला पहलवान बबीता फोगाट ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि माता-पिता अपनी बच्चियों को शेरनी बुलाए, क्योंकि जब पापा ही बच्ची को शेरनी बोलेंगे तो लोगों को लगेगा की सच में यह ताकतवर है. वहीं हम जब बेटी को गुड़िया पुकारते हैं तो लोग भी गुड़िया समझकर उससे खेलने लग जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः एबीवीपी की ओर से महायज्ञ का किया गया आयोजन, सरकार के लिए की गई प्रार्थना

"बच्चों को डरना नहीं डर से लड़ना सिखाएं. माता-पिता बच्चों को परी नहीं शेरनी बुलाएं. यहां जितनी भी लड़कियां हैं, सबको उनके पापा परी, गुड़िया, फूल आदि नाम से पुकारते होंगे. ऐसा नाम रखने से लोग भी गुड़िया और फूल ही समझने लगते हैं और फिर लड़कियों की जिंदगी से भी खेलने लगते हैं. अब से पापा जब गुड़िया कहकर बुलाए तो कहिए शेरनी बुलाए. शेरनी नाम सुनकर ही ताकतवर होने का अहसास होता है और इससे लोगों में डर भी पैदा होता है" - बबीता फोगाट, अंतर्राष्ट्रीय महिला पहलवान


भगवान राम की जीवनी से प्रेरणा लेने की जरूरतः अधिवेशन को संबोधित करते हुए स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ जगजीत पाण्डेय (कैंसर सर्जन, एम्स पटना) ने कहा कि छात्र शक्ति-राष्ट्र शक्ति एक नारा मात्र नहीं रह गया है, विद्यार्थी परिषद् ने इसे चरितार्थ करके दिखाया है. विद्यार्थी परिषद् ने युवाओं को कल का नहीं आज का नागरिक साबित किया है. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बबीता फोगाट ने युवाओं को सबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक युवा को प्रभु श्रीराम के चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए. भारत सोने की चिड़िया अपनी ज्ञान और विज्ञान की बदौलत रहा है. भारत की सनातन संस्कृति को मिटने की कोशिश करने वाले खुद मिट गए, लकिन हम आदि काल में भी थे और अंत तक रहेंगे.

बच्चियों को धाकड़ बनाएंः बबीता ने कहा कि भगवान राम की जीवनी से आप सभी को सीख लेनी चाहिए. वही माता-पिता से उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि आप अपनी बेटियों को परी या गुडिया नहीं शेरनी बुलाएं और बच्चों को डरना नहीं डर से लड़ना सिखाएं, बेटियों को धाकड़ बनाएं. आगे उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान जैसा एबीवीपी में होता है वो पुरे समाज के लिए प्रेरणा दायक है. वही छोटे बच्चों में बढ़ रही मोबाईल की लत पर भी चिंता जताई और अभिभावकों से बच्चों को अपनी सांस्कृतिक विरासत और संस्कारों से जोड़ने का निवेदन किया. मंच संचालन अभाविप की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ पूनम सिंह ने किया.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 64वें प्रांतीय अधिवेशन का उद्घाटनआईआईटी के डायरेक्टर टीएन सिंह, मुख्य अतिथि 2014 के कॉमन वेल्थ गेम्स भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली महिला पहलवान बबीता फोगाट, विशिष्ट अतिथि मिलिंद मराठे, डॉ. मोहन सिंह, अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क शुक्ल, डॉ ममता कुमारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ पूनम सिंह, अभिषेक यादव, जगजीत सिंह, एवं धर्मेन्द्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वालित कर किया.

अभाविप अधिवेशन का बबीता फोगाट ने किया उद्घाटन

सारणः बिहार के सारण में अभाविप का 64वें प्रांतीय अधिवेशन (ABVP session in Saran) का शुक्रवार को आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम का उद्घाटन कॉमन वेल्थ गेम्स 2014 में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली महिला पहलवान बबीता फोगाट ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि माता-पिता अपनी बच्चियों को शेरनी बुलाए, क्योंकि जब पापा ही बच्ची को शेरनी बोलेंगे तो लोगों को लगेगा की सच में यह ताकतवर है. वहीं हम जब बेटी को गुड़िया पुकारते हैं तो लोग भी गुड़िया समझकर उससे खेलने लग जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः एबीवीपी की ओर से महायज्ञ का किया गया आयोजन, सरकार के लिए की गई प्रार्थना

"बच्चों को डरना नहीं डर से लड़ना सिखाएं. माता-पिता बच्चों को परी नहीं शेरनी बुलाएं. यहां जितनी भी लड़कियां हैं, सबको उनके पापा परी, गुड़िया, फूल आदि नाम से पुकारते होंगे. ऐसा नाम रखने से लोग भी गुड़िया और फूल ही समझने लगते हैं और फिर लड़कियों की जिंदगी से भी खेलने लगते हैं. अब से पापा जब गुड़िया कहकर बुलाए तो कहिए शेरनी बुलाए. शेरनी नाम सुनकर ही ताकतवर होने का अहसास होता है और इससे लोगों में डर भी पैदा होता है" - बबीता फोगाट, अंतर्राष्ट्रीय महिला पहलवान


भगवान राम की जीवनी से प्रेरणा लेने की जरूरतः अधिवेशन को संबोधित करते हुए स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ जगजीत पाण्डेय (कैंसर सर्जन, एम्स पटना) ने कहा कि छात्र शक्ति-राष्ट्र शक्ति एक नारा मात्र नहीं रह गया है, विद्यार्थी परिषद् ने इसे चरितार्थ करके दिखाया है. विद्यार्थी परिषद् ने युवाओं को कल का नहीं आज का नागरिक साबित किया है. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बबीता फोगाट ने युवाओं को सबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक युवा को प्रभु श्रीराम के चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए. भारत सोने की चिड़िया अपनी ज्ञान और विज्ञान की बदौलत रहा है. भारत की सनातन संस्कृति को मिटने की कोशिश करने वाले खुद मिट गए, लकिन हम आदि काल में भी थे और अंत तक रहेंगे.

बच्चियों को धाकड़ बनाएंः बबीता ने कहा कि भगवान राम की जीवनी से आप सभी को सीख लेनी चाहिए. वही माता-पिता से उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि आप अपनी बेटियों को परी या गुडिया नहीं शेरनी बुलाएं और बच्चों को डरना नहीं डर से लड़ना सिखाएं, बेटियों को धाकड़ बनाएं. आगे उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान जैसा एबीवीपी में होता है वो पुरे समाज के लिए प्रेरणा दायक है. वही छोटे बच्चों में बढ़ रही मोबाईल की लत पर भी चिंता जताई और अभिभावकों से बच्चों को अपनी सांस्कृतिक विरासत और संस्कारों से जोड़ने का निवेदन किया. मंच संचालन अभाविप की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ पूनम सिंह ने किया.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 64वें प्रांतीय अधिवेशन का उद्घाटनआईआईटी के डायरेक्टर टीएन सिंह, मुख्य अतिथि 2014 के कॉमन वेल्थ गेम्स भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली महिला पहलवान बबीता फोगाट, विशिष्ट अतिथि मिलिंद मराठे, डॉ. मोहन सिंह, अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क शुक्ल, डॉ ममता कुमारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ पूनम सिंह, अभिषेक यादव, जगजीत सिंह, एवं धर्मेन्द्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वालित कर किया.

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