छपरा: मढ़ौरा में हुए दोहरे हत्याकांड के आरोपियों के घर की पुलिस ने कुर्की जब्ती की. दारोगा-सिपाही हत्याकांड में सारण जिला परिषद के अध्यक्ष मीना अरुण का भतीजा सुबोध सिंह के फरार होने के कारण मीना अरुण के घर की कुर्की के दौरान सैकड़ों पुलिस बल को तैनात किया गया.
रोके गए दोनों तरफ के रास्ते
सुबोध सिंह के घर की जब्ती की कार्रवाई देर रात तक चली. इस दौरान वहां भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही. घर के परिजन बिना किसी प्रतिरोध के घर से बाहर निकल आए. पुलिस ने स्टेशन रोड स्थित जिप अध्यक्ष के घर के दोनों तरफ के रास्तों को रोक दिया. साथ ही घर के भीतर से सभी सामानों को जब्त करने की कारवाई में जुट गई.
भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती
कुर्की के दौरान पुलिस ने घर के भीतर मौजूद सभी सामानों को जब्त कर लिया. कुर्की की जानकारी मिलते ही लोगों की भीड़ जिप अध्यक्ष के घर के पास जमा हो गई. जिसे हटाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. कारवाई के दौरान मढ़ौरा के डीएसपी धीरेन्द्र कुमार साह, पुलिस लाइन डीएसपी मेजर, मढ़ौरा थाने के थानाध्यक्ष राम बालेश्वर राय, अंचल पदाधिकारी ओमप्रकाश सहित भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती रही.
एसीजेएम ने याचिका को किया खारिज
इस मामले के नामजद आरोपी और काराबन्दी जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरुण की नियमित जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है. गुरुवार को आरोपी के अधिवक्ता की ओर से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नूर सुल्ताना के न्यायालय में याचिका को दाखिल किया था. जिसमें शुक्रवार को प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनुराग कुमार त्रिपाठी द्वारा याचिका में सुनवाई की गयी है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद एसीजेएम ने याचिका को खारिज कर दिया है.
क्या था मामला
बता दें कि 20 अगस्त 2019 की संध्या अपराधियों ने एसआईटी की टीम के वाहन पर हमला कर दिया था. वाहन पर सवार टीम के दारोगा मिथिलेश कुमार साह और फारूक आलम की मौत हो थी. जबकि एक अन्य सिपाही रजनीश कुमार गम्भीर रूप से घायल हो गए थे. कुमार को उपचार के लिए पीएमसीएच भेजा गया था. इस मामले में मौके पर मौजूद टीम के दारोगा विकास कुमार ने जिप अध्यक्ष के और उनके पति समेत अन्य पांच को नामजद अभियुक्त बनाते हुए मढौरा थाना कांड संख्या 596/19 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने 26 अगस्त को इस मामले में मीना को गिरफ्तार कर लिया जब वे सरेंडर करने के लिये कोर्ट जा रही थी.