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छपरा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती: जिलाधिकारी ने दी श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (Former PM Late Atal Bihari Vajpayee) की जयंती पर सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने श्रद्धांजलि दी है. सारण समाहरणालय परिसर में राजकीय जयंती समारोह का आयोजन किया गया था. पढ़िए पूरी खबर....

छपरा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का जन्म दिवस राजकीय समारोह के रूप में मनाया गया
छपरा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का जन्म दिवस राजकीय समारोह के रूप में मनाया गया
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Published : Dec 25, 2022, 7:10 PM IST

छपरा: बिहार के छपरा में आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती (Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary in Chhapra) मनाई गई. इस अवसर पर सारण समाहरणालय परिसर में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया. वहीं इस कार्यक्रम में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने माल्यार्पण किया.

ये भी पढ़ें- 25 दिसंबर : कभी न भूलने वाले शख्सियत थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एक नजर

दरअसल छपरा समाहरणालय परिसर में भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई गई. समारोह में जिलाधिकारी राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि ( DM Rajesh Meena pays tribute to Vajpayee ) अर्पित की.

वाजपेयी के कुशल नेतृत्व को सभी देशों ने माना था लोहा: गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी का अनुकरणीय योगदान रहा है और वे देश के पहले गैर कांग्रेसी जनता पार्टी की सरकार में देश के विदेश मंत्री बने थे और उन्होंने विदेश नीति में आमूलचूल परिवर्तन किया था. वह देश के इंदिरा गांधी के बाद पोखरण में परमाणु परीक्षण करने वाले दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री थे. जिन्होंने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति के बदौलत पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था. हालांकि उसके बाद कई सारे देश में भारत पर बैन लगा दिया था लेकिन समय और परिस्थिति के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कुशल नेतृत्व में सभी देशों ने उनकी प्रतिभा का लोहा माना था.


भारत को परमाणु संपन्न देश बनाने का मार्ग प्रशस्त किया: उन्होंने मई 1998 में भारत को परमाणु शक्ति बनाने के लिए एक साहसी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण निर्णय लिया और कई विश्व शक्तियों के विरोध के बावजूद परमाणु परीक्षण किया. उनके नेतृत्व में भारत ने कुछ सुपर शक्तियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया. 1998 में पोखरण परीक्षण के बाद उन्होंने भारत की प्रगति में ज्ञान के महत्व को रेखांकित करने के लिए उन्होंने पोखरण परीक्षण के बाद जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा दिया.

छपरा: बिहार के छपरा में आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती (Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary in Chhapra) मनाई गई. इस अवसर पर सारण समाहरणालय परिसर में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया. वहीं इस कार्यक्रम में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने माल्यार्पण किया.

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दरअसल छपरा समाहरणालय परिसर में भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई गई. समारोह में जिलाधिकारी राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि ( DM Rajesh Meena pays tribute to Vajpayee ) अर्पित की.

वाजपेयी के कुशल नेतृत्व को सभी देशों ने माना था लोहा: गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी का अनुकरणीय योगदान रहा है और वे देश के पहले गैर कांग्रेसी जनता पार्टी की सरकार में देश के विदेश मंत्री बने थे और उन्होंने विदेश नीति में आमूलचूल परिवर्तन किया था. वह देश के इंदिरा गांधी के बाद पोखरण में परमाणु परीक्षण करने वाले दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री थे. जिन्होंने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति के बदौलत पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था. हालांकि उसके बाद कई सारे देश में भारत पर बैन लगा दिया था लेकिन समय और परिस्थिति के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कुशल नेतृत्व में सभी देशों ने उनकी प्रतिभा का लोहा माना था.


भारत को परमाणु संपन्न देश बनाने का मार्ग प्रशस्त किया: उन्होंने मई 1998 में भारत को परमाणु शक्ति बनाने के लिए एक साहसी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण निर्णय लिया और कई विश्व शक्तियों के विरोध के बावजूद परमाणु परीक्षण किया. उनके नेतृत्व में भारत ने कुछ सुपर शक्तियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया. 1998 में पोखरण परीक्षण के बाद उन्होंने भारत की प्रगति में ज्ञान के महत्व को रेखांकित करने के लिए उन्होंने पोखरण परीक्षण के बाद जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा दिया.

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