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घर के छत पर जैविक तरीके से सब्जियों की खेती, रसायन से बचने का बेहतर विकल्प - छत पर सब्जियों की खेती

समस्तीपुर का एक युवक जैविक खेती को बढ़ावा दे रहा है. कृषि इंजीनियर कमलेश ने अपने घर के छत पर पालक, गोभी, टमाटर, खीरा, कद्दू के साथ स्ट्राबेरी के पौधे लगाए हैं. साथ ही वह गांव के दूसरे लोगों को भी जागरूक कर रहा है.

samastipur
घर के छत पर कर रहा सब्जियों की खेती
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Published : Feb 26, 2020, 7:59 PM IST

समस्तीपुर: जिले के सरायरंजन प्रखंड के लाटबसेपुरा गांव में एक युवक घर की छत पर जैविक तरीके से सब्जी उगाने को लेकर काफी चर्चा में है. युवक कमलेश जीबी कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर से कृषि इंजीनियरिंग में स्नातक कर रहा है. कमलेश 600 वर्गफीट में अपने घर के छत पर जैविक विधि से कई तरह की सब्जियों की खेती कर रहा है.

ऑटोमेटिक मशीन का किया गया इस्तेमाल
प्लास्टिक के विभिन्न प्रकार के थैले से पालक, गोभी, टमाटर, खीरा, कद्दू के साथ स्ट्राबेरी तक के पौधे लगाए हैं. यहीं नहीं पौधे में नमी को लेकर ऑटोमेटिक मशीन का इस्तेमाल किया है. कमलेश ने बताया कि जगह के अभाव में ये रूफ टॉप फार्मिंग लोगों के लिए काफी बेहतर विकल्प है. साथ ही बाजार में बिकने वाले घातक रसायन वाली सब्जियों की जगह जैविक विधि से उपजे ये सब्जी लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए काफी अच्छा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'अन्य युवा भी सिख रहे जैविक विधि'
ग्रामीणों ने बताया कि कमलेश के इस रूफ टॉप फार्मिंग और जैविक विधि से गांव और आसपास के दूसरे लोग भी प्रेरित हो रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि गांव के कई अन्य युवा भी कमलेश से इस विधि को सीख रहे हैं. साथ ही दूसरे लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं.

समस्तीपुर: जिले के सरायरंजन प्रखंड के लाटबसेपुरा गांव में एक युवक घर की छत पर जैविक तरीके से सब्जी उगाने को लेकर काफी चर्चा में है. युवक कमलेश जीबी कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर से कृषि इंजीनियरिंग में स्नातक कर रहा है. कमलेश 600 वर्गफीट में अपने घर के छत पर जैविक विधि से कई तरह की सब्जियों की खेती कर रहा है.

ऑटोमेटिक मशीन का किया गया इस्तेमाल
प्लास्टिक के विभिन्न प्रकार के थैले से पालक, गोभी, टमाटर, खीरा, कद्दू के साथ स्ट्राबेरी तक के पौधे लगाए हैं. यहीं नहीं पौधे में नमी को लेकर ऑटोमेटिक मशीन का इस्तेमाल किया है. कमलेश ने बताया कि जगह के अभाव में ये रूफ टॉप फार्मिंग लोगों के लिए काफी बेहतर विकल्प है. साथ ही बाजार में बिकने वाले घातक रसायन वाली सब्जियों की जगह जैविक विधि से उपजे ये सब्जी लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए काफी अच्छा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'अन्य युवा भी सिख रहे जैविक विधि'
ग्रामीणों ने बताया कि कमलेश के इस रूफ टॉप फार्मिंग और जैविक विधि से गांव और आसपास के दूसरे लोग भी प्रेरित हो रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि गांव के कई अन्य युवा भी कमलेश से इस विधि को सीख रहे हैं. साथ ही दूसरे लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं.

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