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समस्तीपुर: बागमती नदी पर ग्रामीणों ने बनाया चचरी पुल, नहीं मिली कोई सरकारी मदद

रोसरा प्रखंड के मुरादपुर गांव और खानपुर प्रखंड के हरिपुर घाट गांव के बीच मृत बागमती नदी पर बना पुल 1 साल पहले ध्वस्त हो गया. एक साल बाद भी सरकारी मदद नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने 24 घंटे के अंदर बांस से चचरी का पुल तैयार कर लिया.

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Published : Jul 30, 2020, 9:34 PM IST

Updated : Aug 2, 2020, 4:42 PM IST

samastipur
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समस्तीपुर: जिले के रोसरा प्रखंड के मुरादपुर गांव और खानपुर प्रखंड के हरिपुर घाट गांव के बीच मृत बागमती नदी पर बना पुल 1 साल पहले ध्वस्त हो गया. पुल ध्वस्त होने से अलग-अलग प्रखंड के दोनों गांव का संपर्क टूट गया. इस वजह से लगभग 5,000 की आबादी प्रभावित हो गई. पुल ध्वस्त होने के एक साल बाद भी कोई सरकारी मदद नहीं मिलने पर गांव वालों ने खुदा नदी पर चचरी का पुल तैयार कर लिया है.

ग्रामीणों ने बनाया पुल
ग्रामीणों ने बनाया पुल

बता दें कि पुल ध्वस्त होने के बाद ग्रामीणों को पुल नसीब होना तो दूर सरकारी नाव का भी सहारा नहीं मिला. मजबूरन ग्रामीण निजी नाव के सहारे आवाजाही कर रहे थे. पुल की वजह से ग्रामीणों को रात को इमरजेंसी में या बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने के वक्त नाविक को ढूंढने में बड़ी परेशानी होती थी. ग्रामीणों ने बताया कि पुल बनवाने के लिए विधायक, सांसद और अधिकारी से गुहार लगाते रहे. लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी ध्वस्त पुल का निर्माण नहीं हो सका.

देखें रिपोर्ट

24 घंटे में बनाया चचरी पुल
इससे परेशान होकर ग्रामीण युवाओं ने महज 24 घंटे में ढाई सौ बांस की मदद से नदी पर चकरी पुल तैयार कर कुछ हद तक अपनी परेशानी कम कर ली है. गुरुवार को रोसरा प्रखंड के हरिपुर घाट गांव होकर गुजरने वाली बागमती नदी में ग्रामीणों के सहयोग से बनाए गए चचरी पुल का पूजन कर पंडितों के साथ वैदिक मंत्रोचार के बीच उद्घाटन कर आवागमन शुरु किया. इस दौरान जहां लोगों ने एक परेशानी कम होने का सूकून था वहीं नेताओं और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ गुस्सा भी देखा गया.

पुल का उद्घाटन करते ग्रामीण
पुल का उद्घाटन करते ग्रामीण

समस्तीपुर: जिले के रोसरा प्रखंड के मुरादपुर गांव और खानपुर प्रखंड के हरिपुर घाट गांव के बीच मृत बागमती नदी पर बना पुल 1 साल पहले ध्वस्त हो गया. पुल ध्वस्त होने से अलग-अलग प्रखंड के दोनों गांव का संपर्क टूट गया. इस वजह से लगभग 5,000 की आबादी प्रभावित हो गई. पुल ध्वस्त होने के एक साल बाद भी कोई सरकारी मदद नहीं मिलने पर गांव वालों ने खुदा नदी पर चचरी का पुल तैयार कर लिया है.

ग्रामीणों ने बनाया पुल
ग्रामीणों ने बनाया पुल

बता दें कि पुल ध्वस्त होने के बाद ग्रामीणों को पुल नसीब होना तो दूर सरकारी नाव का भी सहारा नहीं मिला. मजबूरन ग्रामीण निजी नाव के सहारे आवाजाही कर रहे थे. पुल की वजह से ग्रामीणों को रात को इमरजेंसी में या बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने के वक्त नाविक को ढूंढने में बड़ी परेशानी होती थी. ग्रामीणों ने बताया कि पुल बनवाने के लिए विधायक, सांसद और अधिकारी से गुहार लगाते रहे. लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी ध्वस्त पुल का निर्माण नहीं हो सका.

देखें रिपोर्ट

24 घंटे में बनाया चचरी पुल
इससे परेशान होकर ग्रामीण युवाओं ने महज 24 घंटे में ढाई सौ बांस की मदद से नदी पर चकरी पुल तैयार कर कुछ हद तक अपनी परेशानी कम कर ली है. गुरुवार को रोसरा प्रखंड के हरिपुर घाट गांव होकर गुजरने वाली बागमती नदी में ग्रामीणों के सहयोग से बनाए गए चचरी पुल का पूजन कर पंडितों के साथ वैदिक मंत्रोचार के बीच उद्घाटन कर आवागमन शुरु किया. इस दौरान जहां लोगों ने एक परेशानी कम होने का सूकून था वहीं नेताओं और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ गुस्सा भी देखा गया.

पुल का उद्घाटन करते ग्रामीण
पुल का उद्घाटन करते ग्रामीण
Last Updated : Aug 2, 2020, 4:42 PM IST
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