समस्तीपुर: जिले में नियोजित शिक्षकों की बहाली में हुई गड़बड़ियों से जल्द पर्दा उठने वाला है. शिक्षकों के गायब फोल्डर मामले में नियोजन इकाई के खिलाफ निगरानी विभाग सख्त कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है. कई निर्देशों के बावजूद भी शिक्षकों के सर्टिफिकेटों के गायब फोल्डर निगरानी को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. वहीं, निगरानी के निशाने पर हजारों नियोजित शिक्षक भी हैं.
जिला शिक्षा विभाग से मिल रही जानकारी के अनुसार, निगरानी के निशाने पर वैसे सभी नियोजन इकाई है जिन्होंने नियोजित शिक्षकों का फोल्डर अबतक जमा नही किया है. विभागीय जांच में जुटे निगरानी ने जिले से 11 हजार 454 नियोजित शिक्षकों का फोल्डर मांगा है. लेकिन प्रखंड से लेकर पंचायत तक जुड़े नियोजन इकाई ने, निगरानी को महज 3 हजार 571 फोल्डर ही उपलब्ध कराया है. दरअसल पटना हाईकोर्ट के आदेश पर नियोजित शिक्षक बहाली में तय मानकों के खिलाफ हुए फर्जीवाड़े में शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच में निगरानी ब्यूरो जुटा है. इसके लिए सभी नियोजन इकाई को शिक्षकों से जुड़े फोल्डर जल्द जमा करने का निर्देश दिया गया है.
दोषियों पर होगी कार्रवाई
बता दें कि निगरानी को जाली अंकपत्र व प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षकों की बहाल की सबसे ज्यादा शिकायतें मिली हैं. नियोजित शिक्षकों की बहाली अंकपत्र के आधार पर हुई थी. इसमें मुखिया व शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अंकपत्रों में हेराफेरी की गई थी. विभाग के अनुसार, नियोजन इकाई ने नियमों के विरुद्ध हजारों शिक्षकों का नियोजन किया है, जिनके कागजात गलत है. बहरहाल जांच में दोषी पाए गए नियोजन इकाई पर कार्यवाही की जाएगी. वहीं ऐसे शिक्षकों का नियोजन रद्द कर उनपर प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी.