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बेलगाम ट्रैफिक व्यवस्था से कराह रहा समस्तीपुर, जाम पर सुध लेने वाला कोई नहीं

शहर के भोला टॉकीज चौक, थानेश्वर मंदिर चौक, ओवरब्रिज क्रॉसिंग समेत सभी मुख्य सड़कों पर गाड़ियों का काफिला नजर आता है. जिसके कारण छोटे-छोटे स्कूली बच्चे, एम्बुलेंस सहित आम पब्लिक इस जाम में रोजाना फंसते हैं.

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ट्रैफिक व्यवस्था
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Published : Dec 9, 2019, 6:23 AM IST

Updated : Dec 9, 2019, 7:05 AM IST

समस्तीपुरः जिले की सड़कों पर पूरी तरह ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. हालात ऐसे हैं कि ट्रैफिक संभालने की जिम्मेदारी चंद होमगार्ड जवानों के हवाले है. जो चौराहों पर अपनी ड्यूटी बजाते हैं. हालांकि जिला मुख्यालय की सड़कों पर एक-दो होमगार्ड जवान की तैनाती कर प्रशासन की तरफ से खानापूर्ति जरुर की जाती है. वहीं, ट्रैफिक को लेकर स्थानीय जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है.

बता दें कि समस्तीपुर में किसी भी वक्त सड़कों पर निकलने पर जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. वहीं, एम्बुलेंस, स्कूल वाहन से लेकर आम वाहन सड़कों पर रेंगती नजर आती है. स्थानीय लोग कहते हैं कि जाम के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस पर पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. लोगों के मुताबिक जाम के कारण स्कूली बच्चे और मरीजों को काफी कष्ट झेलना पड़ता है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जगह-जगह पर है अवैध कब्जा
सड़को पर ट्रैफिक की बदहाली के पीछे पुलिस प्रशासन की लापरवाही भी सामने आती है. सड़कों पर अवैध कब्जे के कारण जगह-जगह जाम की समस्या खड़ा होती है. मुख्य थाने का गेट हो या फिर जिलाधिकारी आवास का गेट, ऑटो, रिक्शा अवैध रुप से पार्क रहता है. वहीं सड़कों पर नियम-कानून की अनदेखी भी की जाती है. सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र चौधरी का कहना है कि पूर्व एसपी हरप्रीत कौर के समय में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हुआ था. लेकिन अब फिर से लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

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समस्तीपुर में जाम की समस्या

ये भी पढ़ेंः बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर पर बोले मांझी- पहले कभी नहीं देखी ऐसी स्थिति
मुख्य सड़कों पर गाड़ियों का काफिला
हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि मुख्यालय के सड़कों नियम-कानून को लोग फॉलो नहीं करते. जिसके कारण जाम की समस्या रहती है. वहीं, ट्रैफिक पुलिस की पर्याप्त तैनाती नहीं होने से भी ऐसी परस्थिति सामने आ रही है. शहर के भोला टॉकीज चौक, थानेश्वर मंदिर चौक, ओवरब्रिज क्रॉसिंग समेत सभी मुख्य सड़कों पर जाम का नजारा रहता है. इसके कारण छोटे-छोटे स्कूली बच्चे, एम्बुलेंस सहित आम पब्लिक इस जाम में रोजाना फंसते हैं.

समस्तीपुरः जिले की सड़कों पर पूरी तरह ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. हालात ऐसे हैं कि ट्रैफिक संभालने की जिम्मेदारी चंद होमगार्ड जवानों के हवाले है. जो चौराहों पर अपनी ड्यूटी बजाते हैं. हालांकि जिला मुख्यालय की सड़कों पर एक-दो होमगार्ड जवान की तैनाती कर प्रशासन की तरफ से खानापूर्ति जरुर की जाती है. वहीं, ट्रैफिक को लेकर स्थानीय जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है.

बता दें कि समस्तीपुर में किसी भी वक्त सड़कों पर निकलने पर जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. वहीं, एम्बुलेंस, स्कूल वाहन से लेकर आम वाहन सड़कों पर रेंगती नजर आती है. स्थानीय लोग कहते हैं कि जाम के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस पर पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. लोगों के मुताबिक जाम के कारण स्कूली बच्चे और मरीजों को काफी कष्ट झेलना पड़ता है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जगह-जगह पर है अवैध कब्जा
सड़को पर ट्रैफिक की बदहाली के पीछे पुलिस प्रशासन की लापरवाही भी सामने आती है. सड़कों पर अवैध कब्जे के कारण जगह-जगह जाम की समस्या खड़ा होती है. मुख्य थाने का गेट हो या फिर जिलाधिकारी आवास का गेट, ऑटो, रिक्शा अवैध रुप से पार्क रहता है. वहीं सड़कों पर नियम-कानून की अनदेखी भी की जाती है. सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र चौधरी का कहना है कि पूर्व एसपी हरप्रीत कौर के समय में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हुआ था. लेकिन अब फिर से लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

samastipur
समस्तीपुर में जाम की समस्या

ये भी पढ़ेंः बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर पर बोले मांझी- पहले कभी नहीं देखी ऐसी स्थिति
मुख्य सड़कों पर गाड़ियों का काफिला
हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि मुख्यालय के सड़कों नियम-कानून को लोग फॉलो नहीं करते. जिसके कारण जाम की समस्या रहती है. वहीं, ट्रैफिक पुलिस की पर्याप्त तैनाती नहीं होने से भी ऐसी परस्थिति सामने आ रही है. शहर के भोला टॉकीज चौक, थानेश्वर मंदिर चौक, ओवरब्रिज क्रॉसिंग समेत सभी मुख्य सड़कों पर जाम का नजारा रहता है. इसके कारण छोटे-छोटे स्कूली बच्चे, एम्बुलेंस सहित आम पब्लिक इस जाम में रोजाना फंसते हैं.

Intro:जिले के सड़को पर पूरी तरह बदहाल है ट्रैफिक व्यवस्था व वेफिक्र अपने कार्यालय में व्यस्त है सम्बंधित सरकारी बाबू । सड़को पर हालात यह है की , एक दो होमगार्ड के हवाले व्यस्त चौराहे पर खानापूर्ति जरूर की गई है । लेकिन किसी भी वक्त आप सड़को पर निकलिए , एम्बुलेंस , स्कूल गाड़ियों से लेकर आम जनजीवन सड़को पर सिसकती रहती है ।


Body:जिले के अन्य जगहों की बात तो जाने दे , मुख्यालय के सड़को पर ही आपको कंही कोई नियम नही दिखेगा । सड़को पर बदहाली का आलम यह की , किसी भी वक्त आप किसी भी सड़क से गुजरे , जाम व सिर्फ जाम से आपका सामना होगा। शहर के भोला टॉकीज चौक , थानेश्वर मंदिर चौक , ओवरब्रिज क्रोसिंग समेत शहर के सभी मुख्य सड़को पर आपको , गाड़ियों का सिर्फ काफिला नजर आयेगा । बदहाल व्यवस्था के वजहों से छोटे छोटे बच्चे , एम्बुलेंस में मरीज , जरूरतमंद लोग , इस फेल ट्रैफिक के महाजाल में रोज फंसते रहते है । वैसे रोज रोज के लगने वाले इस महाजाम पर आमजन सवाल जरूर उठा रहे ।

बाईट - जितेंद्र कुमार , शंकरनाथ मिश्रा - स्थानीय लोग ।

वीओ - वैसे सड़को पर सिसकते इस बदहाली के पीछे पूरी तरह जिला प्रशासन व पुलिस जिम्मेदार है । सड़को पर कंही कोई नियम नही दिखता , मुख्य थाने का मुख्य गेट हो या फिर जिलाधिकारी का आवास , टेम्पू रिक्सा का यंहा अवैध कब्जा हमेशा लगा रहता है । बहरहाल इस बदहाली पर सम्बंधित अधिकारी खामोश है , लेकिन इससे जुड़े समाजिक कार्यकर्ता जरूर प्रशासन के मंशा पर सवाल उठा रहे ।

बाईट - वीरेंद्र चौधरी , समाजिक कार्यकर्ता ।


Conclusion:बहरहाल अगर आपको सुरक्षित व समय से अपने मंजिल पर पंहुचना है तो , सड़को पर खुद नियम के प्रति गंभीर हो जाये । क्योंकि यंहा सुध लेने वाला प्रशासन खुद इससे वेसुद है ।

क्लोजिंग पीटीसी ।
Last Updated : Dec 9, 2019, 7:05 AM IST
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