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समस्तीपुर: Lockdown के कारण टमाटर उत्पादक को लाखों का नुकसान, किसान परेशान - समस्तीपुर में टमाटर उत्पादक को नुकसान

समस्तीपुर में टमाटर की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. जिसकी वजह से किसान परेशान हैं.

tomato farmers in loss due to lockdown
tomato farmers in loss due to lockdown
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Published : May 24, 2020, 10:56 PM IST

समस्तीपुर: जिले को खास सब्जी उत्पादन के लिए जाना जाता है. समस्तीपुर को लाल बाजार के नाम से जाना जाता था. जिले में पहले मिर्च की खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी. जिसके कारण इसका नाम लाल बाजार पड़ गया. कृषि रोडमैप में समस्तीपुर जिला टमाटर के लिए चयनित किया गया था. जिसके बाद किसानों में काफी उत्साह बढ़ा था. लेकिन टमाटर की खेती जिले के किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है.

टमाटर व्यवसायियों को नुकसान
किसानों से उनके खेत में टमाटर खरीदने वाले स्थानीय व्यापारियों के अलावा दूसरे जिले के व्यापारी भी लॉक डाउन के कारण परेशान हैं. कच्चा माल होने के कारण टमाटर व्यवसायियों को काफी नुकसान हो रहा है. रोसरा समेत आसपास के कई गांव में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती की जाती है. सब्जी खेती से जुड़े किसानों की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

tomato farmers in loss due to lockdown
कृषि रोडमैप के लिए किया गया चयनित

10 रुपये किलो बिक रहा टमाटर
किसानों ने बताया कि लॉक डाउन के कारण बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. स्थानीय बाजार में टमाटर 10 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है. जो अन्य साल के मुकाबले कई गुना कम है. वहीं इस समय 40 से 50 रुपये किलो टमाटर बिका करता था. जिससे अच्छी आमदनी होती थी. किसानों ने कहा कि कृषि रोडमैप में जिला को टमाटर के लिए चयनित किया गया था. जिसके बाद हम लोगों की उम्मीदें और बढ़ गई थी कि इससे एक बेहतर भविष्य होगा.

tomato farmers in loss due to lockdown
10 रुपये किलो बिक रहे टमाटर

कम समय के लिए खुल रहे बाजार
बता दें लॉक डाउन की वजह से बाजार कम समय के लिए खुल रहे हैं. समय कम होने के कारण कुछ सामान बिकते हैं और कुछ बर्बाद हो जाते हैं. कृषि रोड मैप में जिले को टमाटर के लिए चयनित किया गया था. जिसके बाद जिला समेत रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र के किसानों की नई उम्मीद जगी थी. लेकिन इस लॉक डाउन ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया.

समस्तीपुर: जिले को खास सब्जी उत्पादन के लिए जाना जाता है. समस्तीपुर को लाल बाजार के नाम से जाना जाता था. जिले में पहले मिर्च की खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी. जिसके कारण इसका नाम लाल बाजार पड़ गया. कृषि रोडमैप में समस्तीपुर जिला टमाटर के लिए चयनित किया गया था. जिसके बाद किसानों में काफी उत्साह बढ़ा था. लेकिन टमाटर की खेती जिले के किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है.

टमाटर व्यवसायियों को नुकसान
किसानों से उनके खेत में टमाटर खरीदने वाले स्थानीय व्यापारियों के अलावा दूसरे जिले के व्यापारी भी लॉक डाउन के कारण परेशान हैं. कच्चा माल होने के कारण टमाटर व्यवसायियों को काफी नुकसान हो रहा है. रोसरा समेत आसपास के कई गांव में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती की जाती है. सब्जी खेती से जुड़े किसानों की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

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कृषि रोडमैप के लिए किया गया चयनित

10 रुपये किलो बिक रहा टमाटर
किसानों ने बताया कि लॉक डाउन के कारण बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. स्थानीय बाजार में टमाटर 10 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है. जो अन्य साल के मुकाबले कई गुना कम है. वहीं इस समय 40 से 50 रुपये किलो टमाटर बिका करता था. जिससे अच्छी आमदनी होती थी. किसानों ने कहा कि कृषि रोडमैप में जिला को टमाटर के लिए चयनित किया गया था. जिसके बाद हम लोगों की उम्मीदें और बढ़ गई थी कि इससे एक बेहतर भविष्य होगा.

tomato farmers in loss due to lockdown
10 रुपये किलो बिक रहे टमाटर

कम समय के लिए खुल रहे बाजार
बता दें लॉक डाउन की वजह से बाजार कम समय के लिए खुल रहे हैं. समय कम होने के कारण कुछ सामान बिकते हैं और कुछ बर्बाद हो जाते हैं. कृषि रोड मैप में जिले को टमाटर के लिए चयनित किया गया था. जिसके बाद जिला समेत रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र के किसानों की नई उम्मीद जगी थी. लेकिन इस लॉक डाउन ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया.

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