समस्तीपुर : बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) को लेकर सख्त कानून लागू है. लेकिन इस कानून का मखौल कोई और नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि ही उड़ा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की टीम ने नशे की हालत में एक जिला परिषद सदस्य समेत तीन लोगों को गिरफ्तार (Three Arrested For Consuming Alcohol In Samastipur) किया है. बताया जाता है कि विभूतिपुर प्रखंड के जिला परिषद क्षेत्र संख्या-39 से नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्य जितेंद्र राम को मद्य निषेध विभाग ने कल्याणपुर थाना क्षेत्र के मधुवन गांव से बीती रात शराब पार्टी करते गिरफ्तार किया है.
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शराब पीकर सड़क पर हंगामा : जितेंद्र राम के साथ दो अन्य युवकों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बताया जाता है कि रात्री गश्ती के दौरान पुलिस ने सड़क किनारे शराब सेवन कर हंगामा कर रहे लोगों पर नजर पड़ते ही उनका ब्रेथ एनालाइजर से जांच किया. जिसमें तीनों के शराब पीने की पुष्टि की गई है. जिसके बाद तीनों को उत्पाद विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार लोगों में विभूतिपुर थाना क्षेत्र के भुसवर वार्ड संख्या-4 से नवनिर्वाचित जिला पार्षद जितेंद्र राम के अलावे राजेश राम और सोनू राम शामिल हैं.
''रात्रि गश्ती के दरम्यान करीब ढ़ाई बजे रात में मधुबन गांव स्थित सड़क किनारे संदिग्ध अवस्था में तीन व्यक्ति देखे गए. जितेन्द्र राम, राजेश राम और सोनू राम का ब्रेश एनलाइजर टेस्ट किया गया तो तीनों की पॉजिटिव पाए गए. तीनों को गिरफ्तार किया गया.''- शैलेन्द्र कुमार चौधरी, उत्पाद अधीक्षक, समस्तीपुर
पहले भी शराब पीते वायरल हो चुका है वीडियो : गिरफ्तार तीनों युवकों को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है. बताते चलें कि चार माह पूर्व भी गिरफ्तार जिला परिषद सदस्य का शराब पार्टी करते एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें इनके अलावे कई नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्य और उनके पति शामिल थे.
बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी: दरअसल, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू करने का फैसला लिया था. 1 अप्रैल 2016 से लागू हुए कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी नशीले पदार्थ या शराब का निर्माण वितरण परिवहन संग्रह भंडार खरीद बिक्री या उपभोग नहीं कर सकता है. हालांकि बिहार में जहरीली शराब से मौत के बाद शराबबंदी कानून को लेकर सवाल भी उठे हैं. जब बिहार में शराबबंदी लागू हुई थी, उस समय सरकार को शराबबंदी की वजह से 4000 करोड़ की क्षति हुई थी. उसके बाद यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता गया. उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सामाजिक नुकसान इससे भी कहीं बढ़कर है. हम अन्य माध्यमों से घाटे की भरपाई करेंगे.
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