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नीतीश सरकार में शिक्षा व्यवस्था का हाल, बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं छात्र

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Published : Nov 30, 2019, 9:51 AM IST

Updated : Nov 30, 2019, 11:27 AM IST

स्कूल में 700 से ज्यादा बच्चे नामांकित हैं. वहीं, उन्हें पढ़ाने के लिए महज पांच शिक्षक ही हैं. यानी की एक शिक्षक के ऊपर 150 से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी है. साफ शब्दों में कहा जाए तो स्कूल में मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

samastipur
750 बच्चों को पढ़ा रहे 5 शिक्षक

समस्तीपुर: सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था को लेकर किए जाने वाले दावे और धरातल पर उसकी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी खानपुर प्रखंड के सादीरपुर घाट स्थित मध्य विद्यालय में देखी जा सकती है. इस स्कूल में एक शिक्षक एक साथ 150 से ज्यादा बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इस संख्या से स्कूल में होनी वाली पढ़ाई का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते बच्चे

स्कूल में उड़ाई जा रही मानकों की धज्जियां
जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सादीरपुर घाट मध्य विद्यालय में बच्चे राम भरोसे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इस स्कूल में 700 से ज्यादा बच्चे नामांकित हैं. वहीं, उन्हें पढ़ाने के लिए महज पांच शिक्षक ही हैं. यानी की एक शिक्षक के ऊपर 150 से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी है. वहीं, मानक के अनुसार एक शिक्षक केवल चालिस बच्चों को ही पढ़ा सकता है. साफ शब्दों में कहा जाए तो स्कूल में मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

750 बच्चों को पढ़ा रहे 5 शिक्षक, कहीं बेंच तो कहीं बोरे पर बिठाकर होती है पढ़ाई

बोरे पर बैठकर पढ़ रहे बच्चे
सूबे की नीतीश सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए लाखों रूपये खर्च कर रही है. शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई दावे किए जाते हैं. लेकिन सादीरपुर घाट स्थित मध्य विद्यालय में सैंकड़ो बच्चे बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. यहां कक्षा 7 और 8 के लिए बेंचेस हैं लेकिन कक्षा 6 के 165 से ज्यादा बच्चे बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. ऐसे में सिस्टम पर आवाज उठना लाजमी है. वैसै स्कूल की इस दशा पर यंहा के शिक्षक भी आहत हैं. कई बार वह अधिकारियों तक इसकी शिकायत भी कर चुके हैं. लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने स्कूल की ओर ध्यान नहीं दिया.

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जानकारी देती बच्ची

समस्तीपुर: सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था को लेकर किए जाने वाले दावे और धरातल पर उसकी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी खानपुर प्रखंड के सादीरपुर घाट स्थित मध्य विद्यालय में देखी जा सकती है. इस स्कूल में एक शिक्षक एक साथ 150 से ज्यादा बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इस संख्या से स्कूल में होनी वाली पढ़ाई का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते बच्चे

स्कूल में उड़ाई जा रही मानकों की धज्जियां
जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सादीरपुर घाट मध्य विद्यालय में बच्चे राम भरोसे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इस स्कूल में 700 से ज्यादा बच्चे नामांकित हैं. वहीं, उन्हें पढ़ाने के लिए महज पांच शिक्षक ही हैं. यानी की एक शिक्षक के ऊपर 150 से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी है. वहीं, मानक के अनुसार एक शिक्षक केवल चालिस बच्चों को ही पढ़ा सकता है. साफ शब्दों में कहा जाए तो स्कूल में मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

750 बच्चों को पढ़ा रहे 5 शिक्षक, कहीं बेंच तो कहीं बोरे पर बिठाकर होती है पढ़ाई

बोरे पर बैठकर पढ़ रहे बच्चे
सूबे की नीतीश सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए लाखों रूपये खर्च कर रही है. शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई दावे किए जाते हैं. लेकिन सादीरपुर घाट स्थित मध्य विद्यालय में सैंकड़ो बच्चे बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. यहां कक्षा 7 और 8 के लिए बेंचेस हैं लेकिन कक्षा 6 के 165 से ज्यादा बच्चे बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. ऐसे में सिस्टम पर आवाज उठना लाजमी है. वैसै स्कूल की इस दशा पर यंहा के शिक्षक भी आहत हैं. कई बार वह अधिकारियों तक इसकी शिकायत भी कर चुके हैं. लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने स्कूल की ओर ध्यान नहीं दिया.

samastipur
जानकारी देती बच्ची
Intro:सरकारी शिक्षा व्यवस्था को लेकर दावे , व धरातल पर उसकी हकीकत की खाई कमने के बजाए बढ़ती जा रही । कुछ इसी का उदाहरण बन गया है खानपुर प्रखंड का सादीरपुर घाट मध्य विद्यालय । स्कूल का हाल यैसा की एक शिक्षक पढा रहे पौने दो सौ छात्र को , वंही छात्रों से जुड़ी सुविधा का हाल यैसा की , आज भी बोरा युग मे चल रहा यह स्कूल ।


Body:जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर के दूरी पर सादीरपुर घाट मध्य विद्यालय । इस स्कूल में करीब साढ़े सात सौ बच्चे नामांकित है , वंही उन्हें पढ़ाने के लिए महज पांच शिक्षक । यानी इस विद्यालय में आरटीई का हाल यैसा की , एक शिक्षक पर चालीस बच्चे का मानक है , वँहा एक शिक्षक के कंधों पर करीब पौने दो सौ बच्चे की जिम्मेदारी । लेकिन इस विद्यालय की बदकिस्मती यंही खत्म नही होता । यंहा मूलभूत जरूरतों का आभाव यैसा की , क्लास 7 एव 8 के लिए कुछ बेंच डेस्क जरूर है , लेकिन क्लास 6 के करीब 165 से अधिक बच्चे आज भी बोरा पर नीचे ही बैठते। वैसे शिक्षक की कमी व सुविधाओं के घोर अभाव के बीच बच्चे स्कूल जरूर आ रहे , लेकिन ये छोटे बच्चे सिस्टम से सवाल जरूर पूछ रहे ।

बाईट - छात्र , सादीरपुर घाट मध्य विद्यालय ।

वीओ - वैसे स्कूल के इस दशा पर यंहा के शिक्षक भी आहत है , कई बार ऊपर तक इस समस्या पंहुचाने के बाद भी इसका कोई हल नही निकल पाया । बतौर यंहा के एचएम , पढ़ाई को लेकर शिक्षक व छात्र यंहा जागरूक जरूर है , लेकिन कई समस्याओं के वजहों से , जिस अनुरूप यंहा पढ़ाई होना चाहिए था , नही हो पा रहा ।

बाईट - राज कुमार बैठा , एचएम , मध्य विद्यालय , सादीरपुर घाट ।


Conclusion:गौरतलब है की , यंहा 11 कमरे का विद्यालय जरूर बना है , लेकिन शिक्षक के आभाव में कई वर्ग यंहा संयुक्त ही चलता है । सवाल जब सुविधा ही नही तो , कैसे पढेंगे यैसे सरकारी विद्यालयों में बच्चे ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
Last Updated : Nov 30, 2019, 11:27 AM IST
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