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दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर समस्तीपुर में CAA और NRC के खिलाफ उतरी महिलाएं और बच्चे

बीते एक दो दिनों से यहां महिलाओं की भीड़ बताने को काफी है कि अब इस आंदोलन में जिले की आधी आबादी भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है. आंदोलन कर रहे लोगों का मानना है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे को लेकर आगे लड़ाई और धारदार होने वाली है.

बिहार
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Published : Jan 22, 2020, 8:18 AM IST

समस्तीपुर: देश भर में सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर चल रहा विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, जिले में चल रहे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह में अब दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर महिलाएं और बच्चे भी पहुंचे हैं. सभी सत्याग्रह में तीनों कानूनों पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.

बीते 10 जनवरी से जिला मुख्यालय के सरकारी बस स्टैंड में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ सत्याग्रह चलाया जा रहा है. केंद्र के खिलाफ संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा की तरफ से चलाए गए सत्याग्रह में वैसे तो कई सियासी दलों का समर्थन है. लेकिन अब दिल्ली के शाहीनबाग जैसे आंदोलन की शुरुआत यहां दिखने लगी है. घर के जरूरी काम करने के बाद आधी आबादी की भीड़ यहां जुटने लगती है. यही नहीं, स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा और बच्चे भी इस सत्याग्रह का अब हिस्सा बन रहे हैं.

धरने पर बैठे बच्चे
धरने पर बैठे बच्चे

काफी संख्या में पहुंची महिलाएं
वैसे तो इस सत्याग्रह में रोज कोई न कोई सियासी दल और विभिन्न सामाजिक संगठनों की भागीदारी बढ़ रही है. लेकिन बीते एक दो दिनों से यहां महिलाओं की भीड़ बताने को काफी है कि अब इस आंदोलन में जिले की आधी आबादी भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है. आंदोलन कर रहे लोगों का मानना है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे को लेकर आगे लड़ाई और धारदार होने वाली है.

समस्तीपुर से अमित की रिपोर्ट
  • जिस कदर इस सत्याग्रह स्थल पर आधी आबादी की भीड़ बढ़ने लगी है. एसीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ ये जिले एक बड़े आंदोलन का माध्यम बन सकता है.

समस्तीपुर: देश भर में सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर चल रहा विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, जिले में चल रहे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह में अब दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर महिलाएं और बच्चे भी पहुंचे हैं. सभी सत्याग्रह में तीनों कानूनों पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.

बीते 10 जनवरी से जिला मुख्यालय के सरकारी बस स्टैंड में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ सत्याग्रह चलाया जा रहा है. केंद्र के खिलाफ संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा की तरफ से चलाए गए सत्याग्रह में वैसे तो कई सियासी दलों का समर्थन है. लेकिन अब दिल्ली के शाहीनबाग जैसे आंदोलन की शुरुआत यहां दिखने लगी है. घर के जरूरी काम करने के बाद आधी आबादी की भीड़ यहां जुटने लगती है. यही नहीं, स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा और बच्चे भी इस सत्याग्रह का अब हिस्सा बन रहे हैं.

धरने पर बैठे बच्चे
धरने पर बैठे बच्चे

काफी संख्या में पहुंची महिलाएं
वैसे तो इस सत्याग्रह में रोज कोई न कोई सियासी दल और विभिन्न सामाजिक संगठनों की भागीदारी बढ़ रही है. लेकिन बीते एक दो दिनों से यहां महिलाओं की भीड़ बताने को काफी है कि अब इस आंदोलन में जिले की आधी आबादी भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है. आंदोलन कर रहे लोगों का मानना है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे को लेकर आगे लड़ाई और धारदार होने वाली है.

समस्तीपुर से अमित की रिपोर्ट
  • जिस कदर इस सत्याग्रह स्थल पर आधी आबादी की भीड़ बढ़ने लगी है. एसीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ ये जिले एक बड़े आंदोलन का माध्यम बन सकता है.
Intro:क्लोजिंग पीटीसी ----

एनआरसी , सीएए व एनपीआर के खिलाफ आंदोलन थमने का नाम नही ले रहा । जिले में चल रहे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह में अब दिल्ली के शाहीनबाग के तरह महिलाओं और बच्चों ने शुरू किया केंद्र के खिलाफ आंदोलन ।


Body:बीते 10 जनवरी से जिला मुख्यालय के सरकारी बस स्टैंड में , एनआरसी , सीएए व एनपीआर के खिलाफ जारी सत्याग्रह में अब शामिल हुई अब महिलाएं , लड़कियां व बच्चे । दरअसल केंद्र के खिलाफ संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा के तरफ से जारी इस सत्याग्रह में वैसे तो कई सियासी दलों का समर्थन है , लेकिन अब दिल्ली के शाहीनबाग जैसे आंदोलन की शुरुआत यंहा दिखने लगा है । घर के जरूरी काम करने के बाद आधी आबादी की भीड़ यंहा जुटने लगती है , यही नही विभिन्न स्कूल ,कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा व बच्चे भी इस सत्याग्रह का अब हिस्सा बन रही । यही नही इस सत्याग्रह में शामिल इन आधी आवादी का गुस्सा केंद्र के खिलाफ साफ दिखता है ।

बाईट - शबाहट , उज्मा रहीम , शहनाज - सत्याग्रही ।

वीओ - वैसे तो इस सत्याग्रह में रोज कोई न कोई सियासी दल व विभिन्न सामाजिक संगठनों की भागीदारी बढ़ रही । लेकिन बीते एक दो दिनों से यंहा महिलाओं की भीड़ बताने को काफी है की , अब इस आंदोलन में जिले की आधी आबादी भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही । आंदोलन कर रहे लोगों का मानना है की , एनआरसी सीएए आदि मुद्दे को लेकर आगे लड़ाई और धारदार होने वाली है ।

बाईट - मो. अकबर अली , प्रदेश उपाध्यक्ष , अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ , राजद ।


Conclusion:गौरतलब है की , जिस कदर इस सत्याग्रह स्थल पर आधी आबादी की भीड़ बढ़ने लगी है । एनआरसी , सीएए व एनपीआर के खिलाफ यह जिला एक बड़े आंदोलन का माध्यम बन सकता है ।

क्लोजिंग पीटीसी ।
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