समस्तीपुर: इस कड़कड़ाती ठंड में चाय की चुस्की के साथ सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है. सभी लोग खरमास के बाद बिहार की सियासी फिजा बदलने को लेकर अटकलें लगा रहे हैं. कोई कह रहा है कि नीतीश कुमार फिर पाला बदलेंगे तो कई कह रहा है कि अब तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे.
बिहार की राजनीति और चर्चा: चर्चा यह भी है कि दो की लड़ाई में बीजेपी का बड़ा फायदा होने वाला है. समस्तीपुर ईटीवी संवाददाता ने चाय की दुकानों पर होने वाली इस चर्चा का लिया जायजा. देश के लगभग सभी हिस्सों में भीषण ठंड से लोग भले बेहाल हो , लेकिन सियासी पारा पूरी तरह गर्म है.
सियासी माहौल से क्या कन्फ्यूज्ड हैं वोटर?: एक तरफ 24 के चुनाव को लेकर पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग तो दूसरी तरफ सियासत के केंद्र में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं. वैसे देश के सियासत से इतर अगर बिहार की बात करें तो यहां भी सियासी माहौल वोटरों को कन्फ्यूज कर रहा है.
नीतीश से लोग दिखे नाराज: पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि व कर्मभूमि समस्तीपुर के लोगों ने सियासी फिजा और बदलते रंग पर अपनी बात रखी. इस दौरान कुछ लोगों ने कहा कि नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं. उनका भरोसा नहीं किया जा सकता है. वहीं कुछ का कहना है कि दो की लड़ाई में तीसरे को फायदा होता है और यहां पर फायदा बीजेपी को होगा.
"हमें कुछ समझ में नहीं आता है बस एक ही बात समझ में आती है कि नीतीश कुमार को सत्ता से हटा देना चाहिए. कुछ विकास नहीं हुआ है. बाहर को लोगों को नौकरी दे रहे हैं और बिहार के बच्चे सड़कों पर घूम रहे हैं."- ग्रामीण
"नीतीश कुमार का कोई ठीक नहीं है पलटी मार सकते हैं. उन्होंने बिहार को बर्बाद कर दिया है. पढ़ लिखकर हमारे बच्चे बेरोजगार हैं और बाहर के लोगों की बहाली कर दी गई."- ग्रामीण
वहीं कुछ लोगों ने कहा कि बहुत से वोटर को लगता है कि राजद सुप्रीमो इस बार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए गहरी चाल चल रहे हैं. वैसे कुछ वोटर बीजेपी के पक्ष में हैं और उनका मानना है कि इस बार बीजेपी की बल्ले बल्ले है.
"लालू तो तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने में लगे हुए हैं. सुना है ललन सिंह भी जदयू छोड़कर राजद के पास जा रहे हैं. नीतीश कुमार की जमीन खिसक सकती है."- ग्रामीण
"दो की लड़ाई में तीसरे को फायदा होता है. नीतीश लालू की लड़ाई में बीजेपी को फायदा हो सकता है. दो की फूट में तीसरे का फायदा होगा. हमें तो लगता है कि बिहार से अब जदयू की जमानत भी जब्त होने वाली है."- ग्रामीण
बिहार की सियासत में खींचतान: बहरहाल धरातल पर इन चाय की दुकानों पर होने वाली चर्चा से भले सूबे के बड़े सियासी छत्रप अंजान हो लेकिन यह आम वोटर ही इनकी किस्मत का असल फैसला करते हैं. वैसे एक तरफ लोकसभा चुनाव का माहौल ,वहीं दूसरी तरफ बिहार के सियासत में गजब का खींचतान चल रहा है.
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