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समस्तीपुर उपचुनाव में NOTA का दबदबा, 8 में से 5 उम्मीदवारों को छोड़ा पीछे

अगर जिले में नोटा से जुड़े कुछ आंकड़ो पर गौर करें तो, 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे बिहार में समस्तीपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदाताओं नोटा का बटन दबाया है. यहां कुल 29 हजार 2 सौ 11 नोटा पर वोट पड़े हैं. वैसे 2019 में यह नोटा के मामले में तीसरे स्थान पर रहा.

समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव में मतदाताओं ने सबसे ज्यादा दबाया नोटा का बटन
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Published : Oct 26, 2019, 9:03 AM IST

समस्तीपुर: जिले में लोकसभा उपचुनाव में मतदाताओं ने बड़ी संख्या में नोटा का बटन दबाया. नोटा के चिन्ह का इतना इस्तेमाल हुआ कि 8 में से 5 उम्मीदवारों को नोटा से भी कई फीसदी कम वोट मिले. यही नहीं बीते कई चुनाव के आंकड़ों से पता चलता है कि जिला नोटा के इस्तेमाल में राज्य के अन्य जिलों में सबसे ऊपर रहा है.

नेताओं पर हावी रहा नोटा
नोटा मतलब 'नन ऑफ द एवब', जिले में नोटा का इस्तेमाल समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान मतदाताओं ने खूब किया. बीते दिनों के नतीजों को देखें तो 25 हजार 6 सौ 94 मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को नकारते हुए नोटा का बटन दबाया. एनडीए गठबंधन, महागठबंधन और एक निर्दलीय उम्मीदवार को छोड़कर, बाकी के 5 उम्मीदवार तो नोटा से काफी पीछे रह गए. इस उपचुनाव में नोटा के बढ़े इस्तेमाल पर सत्तारूढ़ दल के नेता रामसुमरण सिंह ने कहा कि अब विकास हो रहा, लेकिन पता नहीं क्यों मतदाता नोटा का इस्तेमाल कर रहे हैं.

समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव में मतदाताओं ने सबसे ज्यादा दबाया नोटा का बटन

चुनाव में समस्तीपुर नोटा के मामले में आगे
अगर जिले में नोटा से जुड़े कुछ आंकड़ों पर गौर करें तो, 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे बिहार में समस्तीपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदाताओं नोटा का बटन दबाया है. यहां कुल 29 हजार 2 सौ 11 नोटा पर वोट पड़े हैं. वैसे 2019 में यह नोटा के मामले में तीसरे स्थान पर रहा, यहां नोटा को 35 हजार 5 सौ 17 मत मिले थे. वहीं चुनाव विशेषज्ञ का मानना है कि नोटा के बढ़ते इस्तेमाल को गंभीरता से लेना चाहिए. साथ ही चुनाव आयोग नोटा को ईवीएम में सही स्थान पर जगह देना चाहिए.

samastipur lok sabha by-election
समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव

समस्तीपुर: जिले में लोकसभा उपचुनाव में मतदाताओं ने बड़ी संख्या में नोटा का बटन दबाया. नोटा के चिन्ह का इतना इस्तेमाल हुआ कि 8 में से 5 उम्मीदवारों को नोटा से भी कई फीसदी कम वोट मिले. यही नहीं बीते कई चुनाव के आंकड़ों से पता चलता है कि जिला नोटा के इस्तेमाल में राज्य के अन्य जिलों में सबसे ऊपर रहा है.

नेताओं पर हावी रहा नोटा
नोटा मतलब 'नन ऑफ द एवब', जिले में नोटा का इस्तेमाल समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान मतदाताओं ने खूब किया. बीते दिनों के नतीजों को देखें तो 25 हजार 6 सौ 94 मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को नकारते हुए नोटा का बटन दबाया. एनडीए गठबंधन, महागठबंधन और एक निर्दलीय उम्मीदवार को छोड़कर, बाकी के 5 उम्मीदवार तो नोटा से काफी पीछे रह गए. इस उपचुनाव में नोटा के बढ़े इस्तेमाल पर सत्तारूढ़ दल के नेता रामसुमरण सिंह ने कहा कि अब विकास हो रहा, लेकिन पता नहीं क्यों मतदाता नोटा का इस्तेमाल कर रहे हैं.

समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव में मतदाताओं ने सबसे ज्यादा दबाया नोटा का बटन

चुनाव में समस्तीपुर नोटा के मामले में आगे
अगर जिले में नोटा से जुड़े कुछ आंकड़ों पर गौर करें तो, 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे बिहार में समस्तीपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदाताओं नोटा का बटन दबाया है. यहां कुल 29 हजार 2 सौ 11 नोटा पर वोट पड़े हैं. वैसे 2019 में यह नोटा के मामले में तीसरे स्थान पर रहा, यहां नोटा को 35 हजार 5 सौ 17 मत मिले थे. वहीं चुनाव विशेषज्ञ का मानना है कि नोटा के बढ़ते इस्तेमाल को गंभीरता से लेना चाहिए. साथ ही चुनाव आयोग नोटा को ईवीएम में सही स्थान पर जगह देना चाहिए.

samastipur lok sabha by-election
समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव
Intro:समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव में नेताओं पर हावी रहा नोटा । हाल तो या रहा कि 8 में से 5 उम्मीदवारों को नोटा से भी कई फीसदी कम वोट मिले । यही नहीं बीते कई चुनाव के आंकड़े बताते है की , यह जिला नोटा के इस्तेमाल में सूबे में सबसे ऊपर रहा है ।


Body:नोटा यानी नन ऑफ द एवब , जिले में नोटा का इस्तेमाल समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान मतदाताओं ने खूब किया । बीते दिनों के नतीजों को देखें तो 25 हजार 694 मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को नकारते हुए नोटा का बटन दबाया। एनडीए गठबंधन महागठबंधन व एक निर्दलीय उम्मीदवार को छोड़कर , बाकी के पांच उम्मीदवारों तो नोटा से काफी पीछे रह गए । वैसे इस उपचुनाव में नोटा के बढ़े इस्तेमाल पर सत्तारूढ़ दल के नेता का तर्क है की , अब विकास हो रहा , लेकिन पता नही क्यों मतदाता इसका इस्तेमाल कर रहे ।

बाईट - रामसुमरण सिंह , जिला अध्यक्ष , भाजपा ।

वीओ - वैसे अगर जिले में नोटा से जुड़े कुछ आंकड़ो पर गौर करे तो , 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे बिहार में इस समस्तीपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदाताओं नोटा का बटन दबाया । यंहा कुल 29 हजार 211 नोटा पर वोट पड़े , वैसे 2019 में यह नोटा के मामले में तीसरे स्थान पर रह , यंहा नोटा को 35517 मत मिले । यही नही 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी इसी जिले के वारिसनगर विधानसभा में सबसे ज्यादा नोटा का इस्तेमाल हुआ । यंहा कुल 9551 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया । बहरहाल जानकर नोटा के बढ़े इस्तेमाल को गंभीरता से लेने की बात कह रहे । साथ ही उनका मानना है की , चुनाव आयोग नोटा को ईवीएम में सही स्थान पर जगह दे ।

बाईट - वीरेंद्र कुमार , विशेषज्ञ ।


Conclusion:गौरतलब है की , 2013 में चुनाव आयोग ने , ईवीएम में नोटा का अधिकार मतदाताओं को दिया है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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