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समस्तीपुर: मानसून में देरी के कारण टूटी किसानों की उम्मीद, भगवान के सहारे धान की फसल

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Published : Aug 8, 2019, 8:20 PM IST

जिले के ताजपुर, सरायरंजन, उजियारपुर, मोहद्दीनगर जैसे प्रखंडों में मानसून की कमी के कारण धान के बिचड़े को बचाना मुश्किल हो गया है.

किसान

समस्तीपुर: जिले में देर से आए मानसून के कारण किसान खुश तो हैं लेकिन धान की फसल को लेकर किसान अभी भी परेशान नजर आ रहे हैं. धान की फसल को लेकर अब किसानों की उम्मीदें टूटने लगी हैं. वहीं, जिन किसानों ने धान का बिचड़ा लगाया था. वह पानी के आभाव में पीला होने लगा है. जिस कारण किसान काफी परेशान हैं.

समस्तीपुर
परेशान किसान

अन्नदाता परेशान
गौरतलब है कि पीछले वर्ष धान की खेती को लेकर जिला लक्ष्य से काफी पीछे रह गया था. वहीं, इस साल भी धान के मौसम में जिले के काफी खेत खाली रह गए. दरअसल इस बार मानसून के देरी से आने के कारण बहुत से किसानों ने धान की आस छोड़ दी है. वहीं, जिन किसानों ने धान के बिचड़े खेतों में लगाये हैं. वह अब पीले पड़ने लगे है. जिले के ताजपुर, सरायरंजन, उजियारपुर, मोहद्दीनगर जैसे प्रखंडों में मानसून की कमी के कारण धान के बिचड़े को बचाना मुश्किल हो गया है. जिसको लेकर जिले के अन्नदाता नाखुश नजर आ रहे हैं.

मानसून में देरी के कारण परेशान हैं किसान

भगवान के सहारे धान की फसल
किसानों का मानना है कि बरसात के मौसम में अब पटवन का ही सहारा है. अगर बारिश का यही हाल रहा तो धान की फसल भगवान के सहारे ही है. वहीं, धान की फसल को लेकर जिले के किसान सलाहकार चंदन कुमार का कहना है कि पानी के कारण जहां हजारों एकड़ की जमीन खाली रह गई. वहीं, बहुत से किसानों ने जानवरों का चारा बो दिया.

समस्तीपुर: जिले में देर से आए मानसून के कारण किसान खुश तो हैं लेकिन धान की फसल को लेकर किसान अभी भी परेशान नजर आ रहे हैं. धान की फसल को लेकर अब किसानों की उम्मीदें टूटने लगी हैं. वहीं, जिन किसानों ने धान का बिचड़ा लगाया था. वह पानी के आभाव में पीला होने लगा है. जिस कारण किसान काफी परेशान हैं.

समस्तीपुर
परेशान किसान

अन्नदाता परेशान
गौरतलब है कि पीछले वर्ष धान की खेती को लेकर जिला लक्ष्य से काफी पीछे रह गया था. वहीं, इस साल भी धान के मौसम में जिले के काफी खेत खाली रह गए. दरअसल इस बार मानसून के देरी से आने के कारण बहुत से किसानों ने धान की आस छोड़ दी है. वहीं, जिन किसानों ने धान के बिचड़े खेतों में लगाये हैं. वह अब पीले पड़ने लगे है. जिले के ताजपुर, सरायरंजन, उजियारपुर, मोहद्दीनगर जैसे प्रखंडों में मानसून की कमी के कारण धान के बिचड़े को बचाना मुश्किल हो गया है. जिसको लेकर जिले के अन्नदाता नाखुश नजर आ रहे हैं.

मानसून में देरी के कारण परेशान हैं किसान

भगवान के सहारे धान की फसल
किसानों का मानना है कि बरसात के मौसम में अब पटवन का ही सहारा है. अगर बारिश का यही हाल रहा तो धान की फसल भगवान के सहारे ही है. वहीं, धान की फसल को लेकर जिले के किसान सलाहकार चंदन कुमार का कहना है कि पानी के कारण जहां हजारों एकड़ की जमीन खाली रह गई. वहीं, बहुत से किसानों ने जानवरों का चारा बो दिया.

Intro:देर से आये मानसून ने किसानों के चहरे पर रौनक जरूर लाया , लेकिन धान के फसल को लेकर उसकी उम्मीद फिर टूटने लगी है । दरअसल समय से पानी नही होने के वजह से जिले में जंहा बहुत किसानों के खेत खाली रह गए । वंही जिसने जैसे तैसे धान का विचड़ा लगाया भी , वह भी अब पानी के आभाव में पीले होने लगे है ।


Body:धान को लेकर बीते वर्ष भी जिला जंहा लक्ष्य से काफी पीछे रह गया , वंही इस साल भी धान के मौसम में जिले के खेत खाली रह गए । दरअसल इस सीजन मानसून के देरी के कारण जंहा बहुत किसानों ने धान की आस छोड़ दी , वंही जिन्होंने किसी तरह धान के बिचड़े खेतों में लगाये भी , वह भी अब पीले होने लगे है । जिले के ताजपुर , सरायरंजन , उजियारपुर , मोहद्दीनगर जैसे प्रखंड में तो कमजोर मानसून के कारण , बिचड़े को बचाना भी अब मुश्किल है । अन्नदाताओं के चेहरे पर इसका असर दिखने लगा है । उनका मानना है की , बरसात के मौसम में अब पटवन का ही सहारा है , अगर बारिश का यही हाल रहा तो धान के फसल का भगवान ही मालिक । वैसे जिले के किसान सलाहकार धान के फसल को लेकर कहा की , पानी के कारण जंहा हजारों एकड़ की जमीन खाली रह गए , वंही बहुत से किसानों ने जानवरों के चारा बो दिया ।

बाईट - किसान ।
बाईट - चंदन कुमार , किसान सलाहकार ।


Conclusion:गौरतलब है की , इस साल मानसून बीते वर्ष की तुलना में जरूर बेहतर है , लेकिन समय पर बारिश नही होने के कारण , इसका फायदा अन्नदाताओं को नही मिल रहा ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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