समस्तीपुरः शहर के नजदीक से गुजरती बूढ़ी गंडक के गोद में कंक्रीट का जाल बिछता जा रहा है. यंहा पर पूरी तरह से अवैध निर्माण हो रहा है. सवाल ये है कि क्या प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर हो रहे इस निर्माण का दुष्परिणाम नहीं होगा. वैसे नदी की राह में बढ़ रहे इस अवरोध पर सम्बंधित विभाग ने भी एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ कर पल्ला झाड़ लिया.
दरअसल, शहर के करीब से गुजरती गंडक नदी की गोद में निर्माण के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ हो रहा है. यहां निर्माण में नियमों को दरकिनार कर नदी के राह में बड़े-बड़े कंक्रीट के जाल बिछाए जा रहे हैं. यंहा निर्माण में लगे लोगों को नियम का कोई खौफ नहीं है.
अधिकारी कुछ भी बोलने से कर रहे परहेज
यहां मगरदही घाट पुल से लेकर दुर्गा स्थान घाट से काफी आगे तक बांध के अंदर अनेकों मार्केट कॉम्प्लेक्स और अन्य निर्माण बेधड़क हो रहे हैं. वैसे यंहा निर्माण की अनुमति कौन दे रहा इस पर सम्बंधित विभाग में ही मतभेद है.
यह क्षेत्र समस्तीपुर ब्लॉक, लघु जल संसाधन विभाग, वारिसनगर सर्किल या समस्तीपुर नगर परिषद के अंतर्गत आता है. इस पर अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
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सिस्टम की कमजोरी का उठाया जा रहा फायदा
सिस्टम के इसी कमजोर कड़ी के कारण इस नदी की गोद में बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन किए जा रहे हैं. वैसे नदी तालाबों को बचाने और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रकृति के साथ इस खिलवाड़ का भविष्य में क्या परिणाम हो सकता है, इसे वक्त रहते समझने की जरूरत है.
'यहां हो रहा निर्माण पूरी तरह अवैध है. बिहार में कहीं भी नदी के ढाब के जमीन का म्यूटेशन नहीं होता. इसके बावजूद कैसे निर्माण हो रहा यह जांच का विषय है'- तारकेश्वर नाथ गुप्ता, सभापति, नगर परिषद
जांच के आदेश
गौरतलब है कि इसी नदी के पास हो रहे निर्माण में बीते शनिवार को मिट्टी धंसने के कारण एक मजदूर की मौत हुई थी. बहरहाल इस हादसे के बाद प्रशासन थोड़ा हरकत में जरूर आया है. जानकारी के अनुसार यहां निर्माण में एनजीटी एक्ट का पालन हो रहा या नहीं इसकी जांच के आदेश दिये जा रहे हैं.