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फसलों के नुकसान की होगी भरपाई, मुआवजे के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं अन्नदाता

जिला कृषि विभाग ने बाढ़ग्रस्त घोषित क्षेत्रों में बर्बाद हुए फसलों को लेकर ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रकिया पर काम शुरू कर दिया है. वहीं इसको लेकर सभी ब्लॉक के किसान सलाहकार और कृषि पदाधिकारी को जरूरी निर्देश दिए गए हैं.

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Published : Sep 2, 2020, 10:44 PM IST

Updated : Sep 2, 2020, 11:57 PM IST

फसलों का नुकसान
फसलों का नुकसान

समस्तीपुर: जिले में बाढ़ और बारिश से बर्बाद हुए फसलों को लेकर अन्नदाताओं को जल्द राहत दी जा सकती है. जिला कृषि विभाग ने बाढ़ग्रस्त घोषित क्षेत्रों में बर्बाद हुए फसलों को लेकर ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रकिया पर काम शुरू कर दिया है. वहीं इसको लेकर सभी ब्लॉक के किसान सलाहकार और कृषि पदाधिकारी को जरूरी निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि बाढ़ और बारिश से जिला के किसानों का भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. वहीं कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने किसानों का कमर तोड़ दी है. कृषि विभाग के पहले आंकलन के अनुसार जिले के 18 प्रखंड के करीब 285 पंचायतों में लगे करीब 47,000 एकड़ फसल को बाढ़ग्रस्त घोषित किया गया है. वहीं अब बदहाल किसानों को राहत देने की तैयारी शुरू हो गयी है.

वेबसाइट खुलते ही ऑन लाइन करें आवेदन
जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने कहा कि प्रभावित किसान अपने फसलों की देखरेख करें. अगर बाढ़ और बारिश से उनका फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया है तो वेबसाइट खुलते ही तुरंत इसका ऑनलाइन आवेदन करें. आवेदन के सात दिनों के अंदर कॉर्डिनेटर को इसका आकलन कर प्रखंड कृषि पदाधिकारी को रिपोर्ट करनी है. वही बीईओ इस रिपोर्ट को सात दिनों के अंदर ही मुआवजे को आगे हस्तांतरित करेंगे.

देखें रिपोर्ट

वसुधा केंद्र की मदद से कर सकते हैं आवेदन
बता दें कि किसान पंचायत स्तर पर बने वसुधा केंद्र की मदद से यह आवेदन कर सकते है. वैसे बाढ़ग्रस्त घोषित क्षेत्रों में नुकसान को लेकर विभागीय गाइडलाइन के अनुसार अन्नदाताओं को प्रति हेक्टेयर सिंचित भूमि की फसल का 33 फीसदी से अधिक नुकसान पर 13,500 रुपये की दर से मुआवजा दिया जाएगा.

समस्तीपुर: जिले में बाढ़ और बारिश से बर्बाद हुए फसलों को लेकर अन्नदाताओं को जल्द राहत दी जा सकती है. जिला कृषि विभाग ने बाढ़ग्रस्त घोषित क्षेत्रों में बर्बाद हुए फसलों को लेकर ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रकिया पर काम शुरू कर दिया है. वहीं इसको लेकर सभी ब्लॉक के किसान सलाहकार और कृषि पदाधिकारी को जरूरी निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि बाढ़ और बारिश से जिला के किसानों का भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. वहीं कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने किसानों का कमर तोड़ दी है. कृषि विभाग के पहले आंकलन के अनुसार जिले के 18 प्रखंड के करीब 285 पंचायतों में लगे करीब 47,000 एकड़ फसल को बाढ़ग्रस्त घोषित किया गया है. वहीं अब बदहाल किसानों को राहत देने की तैयारी शुरू हो गयी है.

वेबसाइट खुलते ही ऑन लाइन करें आवेदन
जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने कहा कि प्रभावित किसान अपने फसलों की देखरेख करें. अगर बाढ़ और बारिश से उनका फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया है तो वेबसाइट खुलते ही तुरंत इसका ऑनलाइन आवेदन करें. आवेदन के सात दिनों के अंदर कॉर्डिनेटर को इसका आकलन कर प्रखंड कृषि पदाधिकारी को रिपोर्ट करनी है. वही बीईओ इस रिपोर्ट को सात दिनों के अंदर ही मुआवजे को आगे हस्तांतरित करेंगे.

देखें रिपोर्ट

वसुधा केंद्र की मदद से कर सकते हैं आवेदन
बता दें कि किसान पंचायत स्तर पर बने वसुधा केंद्र की मदद से यह आवेदन कर सकते है. वैसे बाढ़ग्रस्त घोषित क्षेत्रों में नुकसान को लेकर विभागीय गाइडलाइन के अनुसार अन्नदाताओं को प्रति हेक्टेयर सिंचित भूमि की फसल का 33 फीसदी से अधिक नुकसान पर 13,500 रुपये की दर से मुआवजा दिया जाएगा.

Last Updated : Sep 2, 2020, 11:57 PM IST
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