समस्तीपुर: मौजूदा समय में महिला सुरक्षा को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. महिलाओं के खिलाफ एक के बाद एक हो रहे अपराध ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर क्यों देश की आधी आबादी देश में सुरक्षित नहीं है. समस्तीपुर जिले में बीते दिनों हुई वारदातों ने यहां की महिलाओं के अंदर डर पैदा कर दिया है.
बता दें कि बीते 1 दिसंबर को जिले के बंगरा थाना इलाके से अज्ञात युवती की लाश मिली थी. 72 घंटों की पड़ताल के बाद पुलिस ने लाश को डिस्पोजल किया. लेकिन, अब तक इस मामले में कुछ भी साफ नहीं हो पाया है. वहीं, 4 दिसंबर को वारिसनगर थाना के गोही दमदारी चौक पर एक अज्ञात महिला का जला हुआ शव मिला. मामले के कई दिनों बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया.
हाल की घटनाओं से उठ रहे सवाल
इन दोनों मामलों को लेकर महिला आयोग भी गंभीर नजर आ रहा है. हालांकि, अगर जिले में महिलाओं से जुड़े मामलों पर गौर करें तो बीते कुछ सालों में छेड़खानी, अपहरण, दहेज हत्या और दहेज प्रताड़ना के मामलों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है. समाज कल्याण विभाग का मानना है कि महिलाओं पर बढ़े अपराध को लेकर विभाग और पुलिस गंभीर है. लेकिन, जरूरी है कि सामाजिक स्तर पर बेहतर पहल हो.
ये भी पढ़ें: बिहार में विपक्ष की भूमिका पर सवाल, कई मुद्दों पर सरकार को घेरने में रहा है नाकाम
महिला हेल्पलाइन विभाग कर रहा पुष्टि
बहरहाल, विभाग के अपने दावे हैं. लेकिन, कई मामलों में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं. महिला हेल्पलाइन ने भी इस बात को माना है कि महिलाओं पर हो रहे अपराध के आंकड़ों में इजाफा हुआ है. महिला हेल्प लाइन की प्रभारी कुमारी ज्योति अर्चना कहती हैं कि अब डर लगता है. अपराध इतना बढ़ गया है कि हमेशा भय रहता है कि कहीं किसी महिला की आवाज अनसुनी ना रह जाए.