समस्तीपुरः बिहार में नदियां उफान पर हैं. जिससे कई जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. जिले में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की त्रासदी झेल रही है. लोगों तक किसी तरह की कोई मदद नहीं पहुंच पा रही है. साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक है. जिसे देखते हुए सभी दल बाढ़ को मुद्दा बनाकर राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं.
चुनाव जीतने की होड़
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है. जिससे वहां रखे राशन और अन्य जरूरी सामान पानी में डूब गए. लोगों के पास न तो रहने के लिए छत है और न ही खाने के लिए भोजन, लेकिन राजनितिक पार्टियां इसे मुद्दा बनाकर चुनाव जीतने की होड़ में जुट गई हैं.
बाढ़ प्रभावितों की मदद
बिहार में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामले के बीच चुनाव होने को लेकर संशय बरकरार है. विपक्ष ने कोरोना काल में चुनाव टालने की मांग भी की है, लेकिन संभावित चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियां का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इसी कड़ी में आरजेडी प्रवक्ता राकेश ठाकुर ने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे बाढ़ प्रभावितों की मदद करने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं.
'मुख्यमंत्री कर रहे मॉनिटरिंग'
आरजेडी प्रवक्ता राकेश ठाकुर ने कहा कि जो तैयारी मानसून पूर्व होनी चाहिए सरकार वो नहीं कर पाई. जिससे जनता को बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ रही है. वहीं, जेडीयू के जिला सचिव दुर्गेश राय ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद बाढ़ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को सहायता राशि और लोगों तक मदद पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं.
वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश
विपक्ष कोरोना संक्रमण और बाढ़ को लेकर सरकार पर लगातार हमले कर रही है. उनका कहना है कि सरकार लोगों की मदद के लिए उचित व्यवस्था नहीं कर पा रही है. वहीं, सत्तादल के लोग सराकर की तरफ से किए गए कामों को गिनाने में जुटे हैं. वे बाढ़ प्रभावितों की मदद को लेकर नीतीश सरकार के मॉडल पर कसीदे पढ़ रहे हैं.