समस्तीपुर: पुलिस ने जेडीयू (JDU) के पूर्व सांसद (Former MP) सह जिलाध्यक्ष अजमेर देवी के भाई सीएसपी संचालक ( CSP Operator ) सुनील कुमार की हत्या मामले का खुलासा करते हुए चार कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है.
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गोली मारकर की थी हत्या
अपराधियों के पास से दो देसी कट्टा, तीन कारतूस. 20 हजार रुपये और दो बाइक बरामद किया गया है. सदर डीएसपी ने बताया- "7 जून को सरायरंजन बाजार स्थित सेंट्रल बैंक से पांच लाख निकालकर ले जा रहे सीएसपी संचालक सुनील कुमार को हथियारबंद अपराधियों ने झखड़ा कॉलेज के पास रोककर गोली मारकर हत्या कर दी थी और मौके से पांच लाख लूट कर फरार हो गए थे."
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सभी का रहा है आपराधिक इतिहास
डीएसपी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए सभी अपराधियों का आपराधिक इतिहास रहा है. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलवाई जाएगी. गिरफ्तार अपराधियों में राहुल कुमार झा पिता शम्भू कुमार झा ग्राम चांदचौर थाना उजियारपुर, दीपक झा पिता मनोज झा ग्राम झांजी टोला, राहुल कुमार पिता स्वर्गीय महेश राय ग्राम क्योटा थाना दलसिंहसराय, शंभू कुमार झा पिता स्वर्गीय राम सागर झा की गिरफ्तारी के हुई है.
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अपराधियों के निशाने पर CSP संचालक
सीएसपी संचालक यानी कस्टमर सेंटर प्वाइंट अगर हम आपको साधारण शब्दों में बताएं तो इसको आप मिनी बैंक का नाम भी दे सकते हैं. यानी बैंक के द्वारा जो सुविधाएं दी जाती है, वह सारी सुविधाएं आपको ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम से भी मिल जाएंगी. ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम से आप वित्तीय लेनदेन, खाता खोलने जैसा काम कर सकते हैं.
ये काम गांवों, छोटे-छोटे शहरों, प्रखंडों में लोग सीएसपी खोलकर कर रहे हैं. जहां पैसे निकालने और जमा करने ग्रामीण-शहरों के अलावे और भी पढ़े-लिखे लोग इसका सहारा लेते हैं. सीएसपी संचालक को सेंटर में रुपये लेने-देने के लिए पैसा रखना पड़ता है और जरुरत पड़ने पर पैसे निकालने और जमा करने बैंक जाना पड़ता है, जो रास्ते में अपराधियों के निशाने पर रहते हैं. अपराधी सीएसपी संचलाक के बारे में जानकारी पहले से ही रखते हैं.
जैसे ही संचालकर बैंक में पैसा जमा करने या निकालने जाते हैं अपराधियों के निशाने पर आ जाते हैं. पैसे लूटने के दौरान या तो उनकी हत्या हो जाती है, या वे गंभीर रुप से घायल हो जाते हैं. ऐसी घटनाओं की सूबे में बाढ़ सी आ गई है. जिसमें कई मामलों को पुलिस खुलासा कर देती है. और कई ऐसे भी मामले हैं. जिनका खुलासा नहीं हो सका.