समस्तीपुर: नीतीश सरकार के महात्वांकाक्षी सात निश्चय जल योजना कारगर साबित होती नहीं दिख रही है. जहां सरकार सात निश्चय जल योजना का हर गांव में सपना दिखा रही है. वहीं यह योजना पिछड़ती नजर आ रही है. बिहार के हर गांव में सरकार ने वादा किया था कि 2020 तक हर घर में नल-जल होगा. पर यह वादा टूटता दिख रहा है.
2020 तक हर घर में जल का दावा
यही हाल बिहार के समस्तीपुर जिले का है, जहां सात निश्चय जल योजना के तहत अब तक बीते चार वर्षो में 50 फीसदी भी कार्य नहीं हुआ है. गांव में हर इंसान अपने घर में नल-जल का इंतजार कर रहा है. राज्य सरकार ने मार्च 2020 तक हर घर में जल का भरोसा दिलाया है.
381 वार्ड में जल-नल पहुंचाने का लक्ष्य
सात निश्चय के योजना के आंकड़ों को देखें तो अभी जिले के 381 वार्ड में नल-जल योजना अगले कुछ माह के अंदर पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है. इसमें 214 वार्ड का जिम्मा वार्ड समिति के कंधों पर है. 167 वार्ड का जिम्मा पीएचडी को दिया गया है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार लोगों की जरुरतों को अपने निश्चित अवधि तक पूरा कर पाएगी?
विपक्ष ने उठाया सवाल
दरअसल इस योजना में सरकारी नियमों का बदलाव और बड़े पैमाने पर धांधली इसके लेट लतीफ का सबसे बड़ा कारण है. बीते तीन वर्षों में इस योजना के नाम पर लूट मची हुई है. यह सत्तापक्ष के लोग खुद इस बात को कबूल भी कर रहे है. वैसे इस योजना को लेकर दावा किया जा रहा है कि इस योजना में बड़े बदलाव किए गए हैं. साथ ही तय वक्त में इसे पूरा करने का भरोसा दिलाया गया है. वहीं विपक्ष इन दावों को मानने को तैयार नहीं है और उन पर सवाल उठा रहा है.
सात निश्चय योजना है क्या
सात निश्चय योजना से सड़क से लेकर नाली तक का निर्माण कराया जाएगा. वहीं लोगों को शुद्ध पेयजल की सप्लाई भी की जाएगी. मुख्यमंत्री के सात निश्चय बिहार योजना में राज्य के एक लाख 14 हजार 733 वार्ड सदस्यों को भागीदार बनाया गया है. गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना का क्रियान्वयन अब इन वार्ड सदस्यों के माध्यम से ही कराया जाएगा.