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नीतीश सरकार ने सात निश्चय योजना की निकल रही हवा, कई जगह काम अधूरा, विपक्ष ने उठाए सवाल - water will be in every house by 2020 in bihar

सात निश्चय योजना के तहत जिले के 381 वार्ड में नल-जल योजना अगले कुछ माह के अंदर पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है. साथ ही तय वक्त में इसे पूरा करने का भरोसा भी दिलाया गया है. लेकिन सतह पर ऐसा कुछ नहीं दिख रहा.

सात निश्चय योजना
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Published : Aug 19, 2019, 6:28 PM IST

समस्तीपुर: नीतीश सरकार के महात्वांकाक्षी सात निश्चय जल योजना कारगर साबित होती नहीं दिख रही है. जहां सरकार सात निश्चय जल योजना का हर गांव में सपना दिखा रही है. वहीं यह योजना पिछड़ती नजर आ रही है. बिहार के हर गांव में सरकार ने वादा किया था कि 2020 तक हर घर में नल-जल होगा. पर यह वादा टूटता दिख रहा है.

सात निश्चय योजना पर उठ रहे सवाल

2020 तक हर घर में जल का दावा
यही हाल बिहार के समस्तीपुर जिले का है, जहां सात निश्चय जल योजना के तहत अब तक बीते चार वर्षो में 50 फीसदी भी कार्य नहीं हुआ है. गांव में हर इंसान अपने घर में नल-जल का इंतजार कर रहा है. राज्य सरकार ने मार्च 2020 तक हर घर में जल का भरोसा दिलाया है.

pipelines work
नल-जल के पाइपलाइन का कार्य

381 वार्ड में जल-नल पहुंचाने का लक्ष्य
सात निश्चय के योजना के आंकड़ों को देखें तो अभी जिले के 381 वार्ड में नल-जल योजना अगले कुछ माह के अंदर पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है. इसमें 214 वार्ड का जिम्मा वार्ड समिति के कंधों पर है. 167 वार्ड का जिम्मा पीएचडी को दिया गया है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार लोगों की जरुरतों को अपने निश्चित अवधि तक पूरा कर पाएगी?

water shortage
पानी की किल्लत

विपक्ष ने उठाया सवाल
दरअसल इस योजना में सरकारी नियमों का बदलाव और बड़े पैमाने पर धांधली इसके लेट लतीफ का सबसे बड़ा कारण है. बीते तीन वर्षों में इस योजना के नाम पर लूट मची हुई है. यह सत्तापक्ष के लोग खुद इस बात को कबूल भी कर रहे है. वैसे इस योजना को लेकर दावा किया जा रहा है कि इस योजना में बड़े बदलाव किए गए हैं. साथ ही तय वक्त में इसे पूरा करने का भरोसा दिलाया गया है. वहीं विपक्ष इन दावों को मानने को तैयार नहीं है और उन पर सवाल उठा रहा है.

सात निश्चय योजना है क्या
सात निश्चय योजना से सड़क से लेकर नाली तक का निर्माण कराया जाएगा. वहीं लोगों को शुद्ध पेयजल की सप्लाई भी की जाएगी. मुख्यमंत्री के सात निश्चय बिहार योजना में राज्य के एक लाख 14 हजार 733 वार्ड सदस्यों को भागीदार बनाया गया है. गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना का क्रियान्वयन अब इन वार्ड सदस्यों के माध्यम से ही कराया जाएगा.

समस्तीपुर: नीतीश सरकार के महात्वांकाक्षी सात निश्चय जल योजना कारगर साबित होती नहीं दिख रही है. जहां सरकार सात निश्चय जल योजना का हर गांव में सपना दिखा रही है. वहीं यह योजना पिछड़ती नजर आ रही है. बिहार के हर गांव में सरकार ने वादा किया था कि 2020 तक हर घर में नल-जल होगा. पर यह वादा टूटता दिख रहा है.

सात निश्चय योजना पर उठ रहे सवाल

2020 तक हर घर में जल का दावा
यही हाल बिहार के समस्तीपुर जिले का है, जहां सात निश्चय जल योजना के तहत अब तक बीते चार वर्षो में 50 फीसदी भी कार्य नहीं हुआ है. गांव में हर इंसान अपने घर में नल-जल का इंतजार कर रहा है. राज्य सरकार ने मार्च 2020 तक हर घर में जल का भरोसा दिलाया है.

pipelines work
नल-जल के पाइपलाइन का कार्य

381 वार्ड में जल-नल पहुंचाने का लक्ष्य
सात निश्चय के योजना के आंकड़ों को देखें तो अभी जिले के 381 वार्ड में नल-जल योजना अगले कुछ माह के अंदर पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है. इसमें 214 वार्ड का जिम्मा वार्ड समिति के कंधों पर है. 167 वार्ड का जिम्मा पीएचडी को दिया गया है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार लोगों की जरुरतों को अपने निश्चित अवधि तक पूरा कर पाएगी?

water shortage
पानी की किल्लत

विपक्ष ने उठाया सवाल
दरअसल इस योजना में सरकारी नियमों का बदलाव और बड़े पैमाने पर धांधली इसके लेट लतीफ का सबसे बड़ा कारण है. बीते तीन वर्षों में इस योजना के नाम पर लूट मची हुई है. यह सत्तापक्ष के लोग खुद इस बात को कबूल भी कर रहे है. वैसे इस योजना को लेकर दावा किया जा रहा है कि इस योजना में बड़े बदलाव किए गए हैं. साथ ही तय वक्त में इसे पूरा करने का भरोसा दिलाया गया है. वहीं विपक्ष इन दावों को मानने को तैयार नहीं है और उन पर सवाल उठा रहा है.

सात निश्चय योजना है क्या
सात निश्चय योजना से सड़क से लेकर नाली तक का निर्माण कराया जाएगा. वहीं लोगों को शुद्ध पेयजल की सप्लाई भी की जाएगी. मुख्यमंत्री के सात निश्चय बिहार योजना में राज्य के एक लाख 14 हजार 733 वार्ड सदस्यों को भागीदार बनाया गया है. गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना का क्रियान्वयन अब इन वार्ड सदस्यों के माध्यम से ही कराया जाएगा.

Intro:सरकार के सपने पर उनके ही सिपहसालारों की नजर लग गयी । चार साल बीतने को है लेकिन यंहा हर घर नल का जल योजना का पचास फीसदी भी काम नही हुआ । सवाल , क्या इसके पीछे विभागीय उदासीनता है या फिर नल जल योजना में बड़ा घोटाला ।


Body:राज्य सरकार ने मार्च 2020 तक जिले के सभी वार्ड में नल जल योजना का डेड लाइन तय किया है । लेकिन हकीकत यह है की , सात निश्चय का सबसे अहम योजना पर यंहा पचास फीसदी भी काम , बीते कई वर्षों में यंहा नही हुआ । आंकड़ो को देखे तो , अभी जिले के 381 वार्ड में नल जल योजना अगले कुछ माह के अंदर पंहुचाने का लक्ष्य तय किया गया है । इसमें 214 वार्ड का जिम्मा वार्ड समिति के कंधों पर है वंही 167 वार्ड का जिम्मा पीएचडी को दिया गया है । लेकिन बड़ा सवाल यही की , क्या लोगों की जरूरत व सरकार का यह निश्चय क्या इस तय वक्त में पूरा हो पायेगा । दरअसल अगर इस योजना के तह में जाये तो , सरकारी उदासीनता व इस योजना में बड़े पैमाने पर धांधली इसके लेट लतीफी का सबसे बड़ी वजह है । बीते तीन वर्षों में इस योजना के नाम पर लूट मची है , और यह खुद सत्तापक्ष के लोग कबूल भी रहे । वैसे यह जरूर दावा किया जा रहा की , अब इस योजना को लेकर बड़े बदलाव किए गए है , तय वक्त में यह पूरा हो जायेगा । वंही विपक्ष इन दावों पर सवाल उठा रहा ।

बाईट - राकेश ठाकुर , नेता , राजद ।
बाईट - गोपाल प्रसाद , नेता , बीजेपी ।


Conclusion:गौरतलब है की , समय समय पर इस योजना को लेकर सरकारी नियमों का बदलाव भी इसके लेटलतीफी की बड़ी वजह बनी है ।

क्लोजिंग पीटीसी ।
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