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समस्तीपुर: रोजाना AES के 8 से 10 बच्चे हो रहे हैं भर्ती, अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग

समस्तीपुर में चमकी बुखार से पीड़ित 8 से 10 बच्चे रोजाना भर्ती हो रहे हैं. बच्चों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रशासन अलर्ट पर है. भगवान स्वरूप डॉक्टर 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं.

many Children suffer from Acute Encephalitis Syndrome in samstipur
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Published : Jun 17, 2019, 9:35 PM IST

समस्तीपुर: जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. यहां भी 8 से 10 बच्चे रोजाना इलाज के लिए भर्ती हो रहे हैं. तीन से चार बच्चों की हालत गंभीर है. इनके बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच और मुजफ्फरपुर रेफर किया जा रहा है.

सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य महकमा सतर्क और सजग हो गया है. डॉक्टर नागमणि के मुताबिक सदर अस्पताल में एक एईएस वार्ड का निर्माण कराकर उसमें जरूरी दवा उपलब्ध करा दी गई हैं. साथ ही एक मरीज पर दो-दो नर्स लगाईं गयी हैं. वहीं, डॉक्टरों की टीम भी नियुक्त कर दी गयी हैं.

सदर अस्पताल समस्तीपुर

एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं

एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां से जाने वाले पीड़ित बच्चों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, जिले में अब तक 10 बच्चे की मौत होने की सूचना है. इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. अस्पताल में डॉक्टर जी जान से 24 घंटे बच्चों के इलाज में लगे हैं

समस्तीपुर: जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. यहां भी 8 से 10 बच्चे रोजाना इलाज के लिए भर्ती हो रहे हैं. तीन से चार बच्चों की हालत गंभीर है. इनके बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच और मुजफ्फरपुर रेफर किया जा रहा है.

सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य महकमा सतर्क और सजग हो गया है. डॉक्टर नागमणि के मुताबिक सदर अस्पताल में एक एईएस वार्ड का निर्माण कराकर उसमें जरूरी दवा उपलब्ध करा दी गई हैं. साथ ही एक मरीज पर दो-दो नर्स लगाईं गयी हैं. वहीं, डॉक्टरों की टीम भी नियुक्त कर दी गयी हैं.

सदर अस्पताल समस्तीपुर

एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं

एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां से जाने वाले पीड़ित बच्चों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, जिले में अब तक 10 बच्चे की मौत होने की सूचना है. इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. अस्पताल में डॉक्टर जी जान से 24 घंटे बच्चों के इलाज में लगे हैं

Intro:समस्तीपुर जिले में इंसेफेलाइटिस का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है ।प्रतिदिन 8 से 10 बच्चे इलाज के लिए हो रहे है भर्ती ।और तीन से चार बच्चे को गंभीर हालत में बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच और मुजफ्फरपुर किया जा रहा है रेफर।


Body:जिले में इंसेफेलाइटिस का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में आ रहे हैं ।इसको लेकर स्वास्थ्य महकमा सतर्क और सजग हो गया है ।जिसको लेकर सदर अस्पताल में एक एईएस वार्ड का निर्माण कराकर उसमें जरूरी दवा उपलब्ध करा दिया गया है। और साथ ही एक मरीज पर दो-दो नर्स लगा दिए गए हैं। जो 24 घंटे काम में लगे हुए हैं ।और इसके लिए डॉक्टरो की टीम भी नियुक्त कर दिया गया है। जो डॉक्टर बच्चों को देख रेख कर रहे हैं। लेकिन बच्चे का आने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन 8 से 10 बच्चे पीड़ित होकर आ रहे हैं। जिसका इलाज यहां किया जा रहा है ज्यादा गंभीर होने पर पीड़ित बच्चे को डीएमसीएच और एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है ।लेकिन एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां से जाने वाले पीड़ित बच्चों को काफी परेशानी हो रही है।


Conclusion:जिले में अब तक 10 बच्चे की मौत होने की सूचना है ।इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं किया जा रहा है ।इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य महकमा बिल्कुल गंभीर है । यहां के चिकित्सक दावा कर रहे हैं कि इंसेफेलाइटिस को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तरफ से पूरी व्यवस्था कर दी गई है ।दवा से लेकर स्वास्थ्य कर्मी तक इस में लगे हुए हैं ।जो समुचित इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए वह यहां स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कर दी गई है। डॉक्टर 24 घंटे लगे हुए हैं ।जो भी पीड़ित बच्चे आ रहे हैं उन्हें समुचित इलाज किया जा रहा है ।एक पीड़ित बच्चे पर दो-दो नर्स काम कर रही हैं अब देखना है कि इस बीमारी का कहर जिले में कब तक बंद होता है।
बाईट : डॉक्टर नागमणि राज इन्चार्ज
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