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पर्यावरण से लगाव की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं राजेश, लोग कहते हैं 'ट्री-मैन'

खासबात यह है कि इनकी ग्रीन पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों को गुरुदक्षिणा के नाम पर पैसे नहीं बल्कि 18 पेड़ लगाने होते हैं.

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Published : Jul 15, 2019, 5:25 PM IST

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समस्तीपुर: 'सांसें हो रही हैं कम, इसलिए पेड़ लगाए हम' इस कथन को जीवन का मूल मंत्र मानकर जिले के राजेश कुमार सुमन प्रकृति सेवा में लगे हैं. समस्तीपुर के रोसड़ा प्रखंड स्थित ढरहा गांव निवासी राजेश कुमार सुमन को आज पूरा देश पौधा गुरू या 'ट्री मैन' के नाम से जानता है. वह पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गरीबों को मुफ्त में शिक्षा देना, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे कई सामाजिक मुद्दों की लड़ाई लड़ रहे हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

राजेश कुमार सुमन उर्फ ट्री मैन आज के युवाओं के लिए मिसाल हैं. प्रकृति और समाज के प्रति उनकी सेवा, सम्मान और प्रेम काबिल-ए-तारीफ है. पूरा समस्तीपुर इन्हें पौधा वाले गुरुदेव के नाम से पुकारता है. कारण यह है कि इन्होंने अपनी एक ग्रीन पाठशाला खोल रखी है. जहां वे गरीबों के जीवन में शिक्षा की लौ जला रहे हैं.

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पर्यावरण की सेवा करते ट्री-मैन

नौकरी छोड़ शुरू की अनोखी मुहिम
समाज और पर्यावरण के लिए कुछ अलग करने की राजेश की सोच के कारण उन्होंने विदेश मंत्रालय में अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी. आखिरकार सबकुछ छोड़ इस युवा ने अपने क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को लेकर मुहिम शुरू की. शादी-ब्याह हो या कोई बर्थ-डे या अन्य आयोजन सभी में राजेश उपहार के नाम पर पौधा देते हैं.

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पेड़ लगाते राजेश

फीस के नाम पर लगवाते हैं 18 पौधा
वैसे इस बदलाव में यह अकेले जरूर चले थे. लेकिन, आज इनके साथ एक बड़ा कारवां है. पर्यावरण की रक्षा को लेकर पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ यह एक ग्रीन पाठशाला भी चलाते हैं. जहां यह गरीब बच्चों को विभिन्न कॉम्पिटिशन परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं. खास बात यह है कि इस पाठशाला में पढ़ने वाले को गुरु दक्षिणा के नाम पर पैसे नहीं बल्कि 18 पेड़ लगाने होते हैं. मालूम हो कि इस ट्री मैन के कामों को सूबे के डिप्टी सीएम समेत अन्य कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है.

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बच्चों को पढ़ाते ट्री-मैन

क्लब बना फैला रहे संदेश
इन्होंने जिले में एक बीएसएस नाम का क्लब बनाया है. जो कोई सोसायटी या एनजीओ के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है. यह सिर्फ एक ग्रुप है. जहां इनके जैसे ही विचार वाले अधिक से अधिक लोग जुड़े हैं.

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कोचिंग में लगा पोस्टर

समस्तीपुर: 'सांसें हो रही हैं कम, इसलिए पेड़ लगाए हम' इस कथन को जीवन का मूल मंत्र मानकर जिले के राजेश कुमार सुमन प्रकृति सेवा में लगे हैं. समस्तीपुर के रोसड़ा प्रखंड स्थित ढरहा गांव निवासी राजेश कुमार सुमन को आज पूरा देश पौधा गुरू या 'ट्री मैन' के नाम से जानता है. वह पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गरीबों को मुफ्त में शिक्षा देना, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे कई सामाजिक मुद्दों की लड़ाई लड़ रहे हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

राजेश कुमार सुमन उर्फ ट्री मैन आज के युवाओं के लिए मिसाल हैं. प्रकृति और समाज के प्रति उनकी सेवा, सम्मान और प्रेम काबिल-ए-तारीफ है. पूरा समस्तीपुर इन्हें पौधा वाले गुरुदेव के नाम से पुकारता है. कारण यह है कि इन्होंने अपनी एक ग्रीन पाठशाला खोल रखी है. जहां वे गरीबों के जीवन में शिक्षा की लौ जला रहे हैं.

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पर्यावरण की सेवा करते ट्री-मैन

नौकरी छोड़ शुरू की अनोखी मुहिम
समाज और पर्यावरण के लिए कुछ अलग करने की राजेश की सोच के कारण उन्होंने विदेश मंत्रालय में अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी. आखिरकार सबकुछ छोड़ इस युवा ने अपने क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को लेकर मुहिम शुरू की. शादी-ब्याह हो या कोई बर्थ-डे या अन्य आयोजन सभी में राजेश उपहार के नाम पर पौधा देते हैं.

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पेड़ लगाते राजेश

फीस के नाम पर लगवाते हैं 18 पौधा
वैसे इस बदलाव में यह अकेले जरूर चले थे. लेकिन, आज इनके साथ एक बड़ा कारवां है. पर्यावरण की रक्षा को लेकर पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ यह एक ग्रीन पाठशाला भी चलाते हैं. जहां यह गरीब बच्चों को विभिन्न कॉम्पिटिशन परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं. खास बात यह है कि इस पाठशाला में पढ़ने वाले को गुरु दक्षिणा के नाम पर पैसे नहीं बल्कि 18 पेड़ लगाने होते हैं. मालूम हो कि इस ट्री मैन के कामों को सूबे के डिप्टी सीएम समेत अन्य कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है.

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बच्चों को पढ़ाते ट्री-मैन

क्लब बना फैला रहे संदेश
इन्होंने जिले में एक बीएसएस नाम का क्लब बनाया है. जो कोई सोसायटी या एनजीओ के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है. यह सिर्फ एक ग्रुप है. जहां इनके जैसे ही विचार वाले अधिक से अधिक लोग जुड़े हैं.

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कोचिंग में लगा पोस्टर
Intro:जिले के रोसड़ा प्रखंड का एक शख्स जिसने पर्यावरण बचाने से लेकर , गरीब बच्चों को शिक्षा देने को लेकर यैसा अलख जगाया , जो कितनों के लिए एक मिशाल है । पौधा वाले गुरुदेव के नाम से मशहूर इनके ग्रीन पाठशाला में पर्यावरण रक्षा के साथ साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे समाजिक मुद्दों पर एक अलग मुहिम चला रहे ।


Body:रोसड़ा प्रखंड के ढरहा गांव निवासी राजेश कुमार सुमन जो अब अपने कामों के बलबूते ट्री मैन और पौधों वाले गुरुदेव के नाम से जाने जाते है । समाज व पर्यावरण को लेकर कुछ अलग करने की इनकी सोच के कारण , विदेश मंत्रालय में अच्छी खासी नौकरी भी इन्हें रास नही आया । सबकुछ छोड़ आखिरकार इस युवा ने अपने क्षेत्र में पर्यावरण बचाने को लेकर एक अलग मुहिम शुरू की । शादी ब्याह हो या बर्थडे या अन्य कोई आयोजन , उपहार के नाम पर इनके द्वारा पौधा वितरण व उन खास मौके पर पेड़ लगाने की एक अलग मुहिम से इन्होंने लोगों को जोड़ा । वैसे इस बदलाव में यह अकेले जरूर चले थे , लेकिन आज इनके साथ एक बड़ा कारंवा है । पर्यावरण के रक्षा को लेकर पेड़ पौधे लगाने के साथ साथ ये एक ग्रीन पाठशाला भी चलाते है । जंहा गरीब बच्चों को विभिन्न कॉम्पिटिशन परीक्षाओं की तैयारी कराते है । खासबात यह है की , इस पाठशाला में पढ़ने वाले को गुरुदक्षिणा के नाम पर पैसे नही पेड़ लगाने होते है । वैसे इस ट्री मैन इनके कामों को लेकर सूबे के डिप्टी सीएम समेत अन्य कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है ।

121- राजेश कुमार सुमन उर्फ ट्री मैन।



Conclusion:गौरतलब है की इनका श्लोगन है , सांसे हो रही कम आओ पेड़ लगाए हम , यही नही इसके साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे मुहिम पर भी इनका काफी जोर है । वैसे इन्होंने बीएसएस नाम का एक क्लब बनाया है , जो कोई सोसायटी या एनजीओ के नाम पर रजिस्टर्ड नही । यह एक सिर्फ ग्रुप है , जंहा इनके जैसे विचार वाले अधिक से अधिक लोग जुड़े है ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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