समस्तीपुर : सरकार स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत घर-घर शौचालय निर्माण करवाकर प्रोत्साहन राशि देने में लगी है. वहीं समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के लोगों का संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाने का सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है. जिसकी वजह से आज भी 40 फीसदी लोग खुले में शौच करने को विवश है. अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग शौचालय पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
तीन सौ महादलित परिवार खुले में शौच जाने को हैं विवश
स्वच्छता और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए शौचालय की अहम भूमिका होती है. खुले में शौच मानव के लिए कलंक है. खुले में शौच महिलाओं के लिए गंभीर समस्या है. विभाग सहित अधिकारियों को शौचालय निर्माण में गंभीरता से सोचना चाहिए. समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के रुपौली पंचायत के गोहदा टोला के तीन सौ महादलित परिवार आज भी खुले में शौच जाने को विवश है. इनका कहना है कि नल जल योजना की शुरूआत तो कर दी गई, जिसके तहत स्वच्छ पेयजल मिल रहा है. लेकिन जनप्रतिनिधि और विभाग के अधिकारियों ने शौचालय निर्माण को लेकर कोई ठोस पहल नहीं किया है. जिसकी वजह से अभी भी लोगों को खेत में शौच के लिए जाना पड़ता है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
वहीं प्रेमिया देवी का कहना है कि हम लोगों को सरकार ने पर्चा भी दिया है. लेकिन शौचालय के लिए आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी हमारे पास नहीं आए हैं. जिसकी वजह से हम लोगों को शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के मौसम में होती है. वहीं अनिल सदा का कहना है कि हम लोगों के छोटे-छोटे बच्चे को शौच के लिए काफी परेशानी होती है. लेकिन आज तक कोई जनप्रतिनिधि अधिकारी का ध्यान हम लोगों की समस्या की ओर नहीं गया है. जबकि हम लोगों ने कई बार अधिकारियों के पास गुहार लगाई है. लेकिन किसी ने हमारी समस्या और शौचालय निर्माण को लेकर कारगर कदम नहीं उठाया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं इस मामले पर जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह से बात की गई तो वह हैरान रह गए. उन्होंने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि दलित परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए सरायरंजन प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश जारी कर दिया है.