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समस्तीपुर: 300 महादलित परिवार खुले में शौच जाने को हैं मजबूर, अफसरों ने नहीं ली अब तक कोई सुध

प्रेमिया देवी का कहना है कि हम लोगों को सरकार ने पर्चा भी दिया है. लेकिन शौचालय के लिए आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी हमारे पास नहीं आए हैं. जिसकी वजह से हम लोगों को शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता है.

समस्तीपुर में तीन सौ महादलित परिवार खुले में शौच जाने को हैं विवश
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Published : Aug 23, 2019, 1:16 PM IST

समस्तीपुर : सरकार स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत घर-घर शौचालय निर्माण करवाकर प्रोत्साहन राशि देने में लगी है. वहीं समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के लोगों का संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाने का सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है. जिसकी वजह से आज भी 40 फीसदी लोग खुले में शौच करने को विवश है. अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग शौचालय पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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रुपौली पंचायत का गोहदा टोला


तीन सौ महादलित परिवार खुले में शौच जाने को हैं विवश
स्वच्छता और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए शौचालय की अहम भूमिका होती है. खुले में शौच मानव के लिए कलंक है. खुले में शौच महिलाओं के लिए गंभीर समस्या है. विभाग सहित अधिकारियों को शौचालय निर्माण में गंभीरता से सोचना चाहिए. समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के रुपौली पंचायत के गोहदा टोला के तीन सौ महादलित परिवार आज भी खुले में शौच जाने को विवश है. इनका कहना है कि नल जल योजना की शुरूआत तो कर दी गई, जिसके तहत स्वच्छ पेयजल मिल रहा है. लेकिन जनप्रतिनिधि और विभाग के अधिकारियों ने शौचालय निर्माण को लेकर कोई ठोस पहल नहीं किया है. जिसकी वजह से अभी भी लोगों को खेत में शौच के लिए जाना पड़ता है.

समस्तीपुर में तीन सौ महादलित परिवार खुले में शौच जाने को हैं विवश


क्या कहते हैं ग्रामीण
वहीं प्रेमिया देवी का कहना है कि हम लोगों को सरकार ने पर्चा भी दिया है. लेकिन शौचालय के लिए आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी हमारे पास नहीं आए हैं. जिसकी वजह से हम लोगों को शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के मौसम में होती है. वहीं अनिल सदा का कहना है कि हम लोगों के छोटे-छोटे बच्चे को शौच के लिए काफी परेशानी होती है. लेकिन आज तक कोई जनप्रतिनिधि अधिकारी का ध्यान हम लोगों की समस्या की ओर नहीं गया है. जबकि हम लोगों ने कई बार अधिकारियों के पास गुहार लगाई है. लेकिन किसी ने हमारी समस्या और शौचालय निर्माण को लेकर कारगर कदम नहीं उठाया है.

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चंद्रशेखर सिंह, जिला अधिकारी


क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं इस मामले पर जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह से बात की गई तो वह हैरान रह गए. उन्होंने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि दलित परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए सरायरंजन प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश जारी कर दिया है.

समस्तीपुर : सरकार स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत घर-घर शौचालय निर्माण करवाकर प्रोत्साहन राशि देने में लगी है. वहीं समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के लोगों का संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाने का सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है. जिसकी वजह से आज भी 40 फीसदी लोग खुले में शौच करने को विवश है. अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग शौचालय पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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रुपौली पंचायत का गोहदा टोला


तीन सौ महादलित परिवार खुले में शौच जाने को हैं विवश
स्वच्छता और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए शौचालय की अहम भूमिका होती है. खुले में शौच मानव के लिए कलंक है. खुले में शौच महिलाओं के लिए गंभीर समस्या है. विभाग सहित अधिकारियों को शौचालय निर्माण में गंभीरता से सोचना चाहिए. समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के रुपौली पंचायत के गोहदा टोला के तीन सौ महादलित परिवार आज भी खुले में शौच जाने को विवश है. इनका कहना है कि नल जल योजना की शुरूआत तो कर दी गई, जिसके तहत स्वच्छ पेयजल मिल रहा है. लेकिन जनप्रतिनिधि और विभाग के अधिकारियों ने शौचालय निर्माण को लेकर कोई ठोस पहल नहीं किया है. जिसकी वजह से अभी भी लोगों को खेत में शौच के लिए जाना पड़ता है.

समस्तीपुर में तीन सौ महादलित परिवार खुले में शौच जाने को हैं विवश


क्या कहते हैं ग्रामीण
वहीं प्रेमिया देवी का कहना है कि हम लोगों को सरकार ने पर्चा भी दिया है. लेकिन शौचालय के लिए आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी हमारे पास नहीं आए हैं. जिसकी वजह से हम लोगों को शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के मौसम में होती है. वहीं अनिल सदा का कहना है कि हम लोगों के छोटे-छोटे बच्चे को शौच के लिए काफी परेशानी होती है. लेकिन आज तक कोई जनप्रतिनिधि अधिकारी का ध्यान हम लोगों की समस्या की ओर नहीं गया है. जबकि हम लोगों ने कई बार अधिकारियों के पास गुहार लगाई है. लेकिन किसी ने हमारी समस्या और शौचालय निर्माण को लेकर कारगर कदम नहीं उठाया है.

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चंद्रशेखर सिंह, जिला अधिकारी


क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं इस मामले पर जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह से बात की गई तो वह हैरान रह गए. उन्होंने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि दलित परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए सरायरंजन प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश जारी कर दिया है.

Intro:एक्ससीलुसिव
सरकार स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत घर-घर शौचालय निर्माण करवाकर प्रोत्साहन राशि देने में लगी है ।वही
समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के लोगों का संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाने का सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है। जिसके कारण आज भी 40 फ़ीसदी लोग खुले में शौच करने को विवश है ।अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग शौचालय पर सवाल खड़े कर रहे हैं।


Body:स्वच्छता व स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए शौचालय की अहम भूमिका होती है ।खुले में शौच मानव के लिए कलंक है ।खुले में शौच महिलाओं के लिए गंभीर समस्या है ।विभाग सहित अधिकारियों को शौचालय निर्माण में गंभीरता से सोचना चाहिए।
आपको बताते चलें कि समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड के रुपौली पंचायत के गोहदा टोला के तीन सौ महादलित परिवार आज भी खुले में शौच जाने को विवश है।इनका बताना है कि नल जल योजना का शुरूआत तो कर दी गई ।जिसके तहत स्वच्छ पेयजल मिल रहा है ।लेकिन जनप्रतिनिधि एवं विभाग के अधिकारियों के द्वारा शौचालय निर्माण को लेकर कोई ठोस पहल नहीं किया गया ।जिसके कारण अभी भी हम लोग खेतों में शौच के लिए जाना पड़ता है ।और खेत वाले से गाली भी सुननी पड़ती है। यह महादलित परिवार मलिकाना जमीन में विगत 100 वर्षों से झोपड़ी बनाकर रह रहे है ।इन्हें एक शौचालय नसीब नहीं है।

वहीं प्रेमिया देवी
का बताना है कि हम लोगो को सरकार के द्वारा पर्चा भी मिला हुआ है ।लेकिन शौचालय के लिए आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी हमारे पास नहीं आए ।जिसके कारण हम लोगों को शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता है ।सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के मौसम में होती है ।दूसरी ओर खेत मालिक के देख लेने पर गाली गलौज किया जाता है।

वहीं अनिल सदा का बताना है कि हम लोगों के छोटे-छोटे बच्चे को शौच के लिए काफी परेशानी होती है ।लेकिन आज तक कोई जनप्रतिनिधि अधिकारी का ध्यान हम लोगों की समस्या कीऔर नहीं गया है ।जबकि हम लोगों ने अधिकारियों के पास गुहार करते करते थक गए ।लेकिन किसी ने हमारी समस्या और शौचालय निर्माण को लेकर कारगर कदम नहीं उठाया है।


Conclusion:वहीं इस मामले पर जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह का ध्यान आकृष्ट कराया गया तो ।वह हैरान रह गए एवं ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद देते हुए महादलित परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए सरायरंजन प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश जारी कर दिया है ।दो-तीन दिनों के अंदर महादलित परिवारों को शौचालय निर्माण कर इसकी सूचना जिला को दी जाए ।अब देखना है कि सरकारी हुकुमरानो के द्वारा कब तक महादलित परिवारों के लिए शौचालय निर्माण कराया जाता है।
बाईट: प्रेमिया देवी
बाईट: अनिल सदा
बाईट:चंद्रशेखर सिंह
पीटीसी
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